UP Board Class 7 Agricultural Science Model Paper कृषि विज्ञान

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Board UP Board
Class Class 7
Subject Agricultural Science
Model Paper Paper 1
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 7 Agricultural Science Model Paper कृषि विज्ञान

सत्र-परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-7
विषय – कृषि विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रकृति में जल किन-किन रूपों में पाया जाता है?
उत्तर:
प्रकृति में जल ठोस (बर्फ), द्रव (पानी) तथा गैस (पाप) के रूप में पाया जाता है।

प्रश्न 2.
उर्वरकों के लगातार अधिक प्रयोग से मृदा ………. हो जाती है। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
उर्वरकों के लगातार अधिक प्रयोग से मृदा खराब हो जाती है।

प्रश्न 3.
पहाड़ों पर किस प्रकार की खेती होती है?
उत्तर:
पहाड़ों पर सीढ़ीदार खेती होती है।

प्रश्न 4.
ढालू खेतों में फसलों का उत्पादन कम क्यों होता है?
उत्तर:
ढालू खेतों में भू-क्षरण अधिक होने से उनकी उपजाऊ क्षमता घटती रहती है।

प्रश्न 5.
मृदा संरक्षण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
मृदा संरक्षण का अर्थ-मृदा को क्षरण से बचाना है।

प्रश्न 6.
खेत व नालों से बहते पानी को रोकने के हेतु क्या करते हैं?
उत्तर:
खेतों व नालों में बहते हुए पानी को रोकने के लिए रोक बाँध’ (चेक डैम) बनाना पड़ता है, जिससे भू-क्षरण पर रोक लगती है।

प्रश्न 7.
मृदा अपरदन किसे कहते हैं?
उत्तर:
भूमि के कणों का अपने मूल स्थान से हटने एवं दूसरे स्थान पर एकत्र होने की क्रिया को मृदा अपरदन कहते हैं।

प्रश्न 8.
खेत को समतल एवं मेंड़बंदी करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर:
खेतों को समतल करके उसके चारों ओर मेड़बंदी करने से खेत का पानी बाहर नहीं जाता है जिससे भू-क्षरण नहीं होता है।

प्रश्न 9.
पौधे ran”को आसानी से ग्रहण करते हैं। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
पौधे केशिको जल को आसानी से ग्रहण करते हैं।

प्रश्न 10.
मृदा कणों के वितरण या सजावट को क्या कहते हैं?
उत्तर:
मृदा विन्यास या मृदा संरचना।

प्रश्न 11.
हमारे देश की वार्षिक वर्षा का कितना भाग पानी बहकर नदी-नालों में चला जाता है?
उत्तर:
एक तिहाई भाग।

प्रश्न 12.
किस मृदा में रंध्रावकाश अधिक होता है?
उत्तर:
मोटे कण वाली मृदा में।

प्रश्न 13.
जल विज्ञान में किसका अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
न जल चक्र का।

प्रश्न 14.
मृदा में जल संरक्षित क्यों किया जाता है?
उत्तर:
फसलों की अच्छी पैदावार के लिए।

प्रश्न 15.
सैंडड्यून क्या है?
उत्तर:
रेतीली भूमि में तेज हवा के कारण बने बड़े-बड़े बालू के टीलों को सैंडड्यून कहते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.
गहरी जुताई क्यों की जाती है? यदि गहरी जुताई न की जाए तो क्या नुकसान होगा?
उत्तर:
भूमि की 40 सेमी या इससे अधिक गहराई तक की जुताई को गहरी जुताई कहते हैं। इसका उद्देश्य नमी को सुरक्षित रखना एवं भूमि की निचली सतह से कमजोर परत तोड़ना होता है। गहरी जुताई न करने से भूमि में नमी सुरक्षित रखना संभव नहीं हो पाएगा।

प्रश्न 17.
मृदा संरक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मृदा की सुरक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसके लिए हमें उचित मृदा संरक्षण विधियाँ अपनाना आवश्यक है। यदि भूमि पर घास वनस्पतियाँ नहीं हैं, तो भू-क्षरण अधिक होता है। जिससे नदी, नालों में मिट्टी जमा होने से उनकी जल धारण क्षमता घटती हैं और बाढ़ का कारण बनती है।

प्रश्न 18.
मृदा विन्यास किस-किस चीजों से प्रभावित होता है?
उत्तर:
भूपरिष्करण (जुताई, गुड़ाई, निराई आदि) से, कार्बनिक खाद (चूना, जिप्सम आदि) से, फसल चक्र द्वारा, मिट्टी की दशा एवं किस्म से, उर्वरकों के प्रयोग तथा जल निकास से आदि।

प्रश्न 19.
रंध्रावकाश पौधों के लिए किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर.
निम्न कारणों से रंध्रावकाश पौधों के लिए महत्त्वपूर्ण है

  1. रंध्रावकाश पौधों को समुचित जल, वायु एवं पोषक तत्व उपलब्ध कराने में सहायता करता है।
  2. मृदा के लाभदायक जीवों की वृद्धि में सहायक होता है।
  3. पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक घुलनशील तत्वों की वृद्धि में सहायता करता है।
  4. जड़ों के समुचित विकास में सहयोग करता है।

प्रश्न 20.
जल ही जीवन है कैसे? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमें अपने जीवन के सभी कार्यों के लिए जल की आवश्यकता होती है, जैसे-खाना बनाने, सफाई, सिंचाई, खेती आदि कार्यों में। इसके बिना हम कोई भी कार्य नहीं कर सकते हैं। इसलिए जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21.
भू-क्षरण किन-किन कारकों द्वारा होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भू-क्षरण के कारक- भू-क्षरण की क्रिया वर्षा या वायु को मृदा से संपर्क होते ही प्रारंभ होती है। जैसे जैसे वर्षा या वायु वेग घटता-बढ़ता है, वैसे-वैसे भू-क्षरण का रूप और प्रकार बदलता रहता है। भू-क्षरण मुख्य रूप से दो कारकों द्वारा होता है, जल एवं वायु के द्वारा होने वाले भू क्षरण को क्रमश: जलीय भू-क्षरण एवं वायु भू-क्षरण कहते हैं।

प्रश्न 22.
मृदा विन्यास कितने प्रकार का होता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मृदा विन्यास चार प्रकार के होते हैं

  1. स्तंभी विन्यास
  2. तिर्यक (तिरछा) विन्यास
  3. संहत (सघन) विन्यास
  4. दानेदार (कणीय) विन्यास

स्तंभी विन्यास वाली मृदा भुरभुरी व मुलायम होती है। यह मृदा खेती के लिए उत्तम व उपजाऊ होती है। तिर्यक विन्यास वाली मृदा में रंध्रावकाश कम होने से पैदावार कम होती है। संहत (सघन) विन्यास वाली मृदा में जल और वायु का संचार मुश्किल से होता है। दानेदार (कणीय) विन्यास सर्वोत्तम होता है। चिकनी दोमट एवं दोमट मृदाओं में यह पाया जाता है।

प्रश्न 23.
उर्वरकों के अधिक प्रयोग से भूमि पर होने वाले हानिकारक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उर्वरकों के अधिक प्रयोग से मृदा में असन्तुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई जिसका प्रभाव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मृदा जल एवं कृषि उत्पादों पर पड़ता है।
प्रत्यक्ष प्रभाव-

  1. मृदा अम्लीय व ऊसर हो जाती है।
  2. लाभदायक जीव जन्तु, जैसेकेंचुए, जीवाणु आदि नष्ट हो जाते हैं।
  3. पोषक तत्वों का सन्तुलन बिगड़ जाता है।
  4. कृषि उत्पादों की गुणवत्ता घट जाती है।
  5. मृदा-विन्यास खराब हो जाता है।
  6. मृदा की जल धारण क्षमता कम हो जाती है।

अप्रत्यक्ष कुप्रभाव-

  1. वर्षा जल के साथ उर्वरकों के अंश नदी, तालाब में चले जाते हैं, जो मत्स्य विकास और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
  2. फलों, सब्जियों, दलहनों, अनाजों के पोषक तत्वों पर कुप्रभाव से उनके स्वाद व गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
  3. अधिक नमी से उर्वरक के कुछ अंश नीचे चले जाते हैं, जिससे भूमिगत जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

प्रश्न 24.
भू-क्षरण की परिभाषा दीजिए। जलीय भू-क्षरण के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भूमि के कणों का अपने मूल स्थान से हटने एवं दूसरे स्थान पर एकत्र होने की क्रिया को भू-क्षरण या मृदा अपरदन कहते हैं। बरसात में जल के द्वारा होने वाले भू-क्षरण को जलीय भू-क्षरण कहते हैं। यह निम्न प्रकार का होता है-

  1. वर्षा-बूंद भू-क्षरण
  2. परत भू क्षरण
  3. अल्पसरिता भू-क्षरण
  4. खड्ड या अवनालिका भू क्षरण
  5. बीहड़ भू-क्षरण
  6. नदी तट भू-क्षरण
  7. समुद्रतट भू-क्षरण
  8. हिमनद भू-क्षरण
  9. भूस्खलन भू-क्षरण जो पहाड़ों पर चट्टानों के खिसकने से होता है जिससे नीचे के खेत, सड़क व बस्तियाँ दब जाती हैं।

 

अद्र्धवार्षिक परीक्षा प्रश्न-पत्र
कक्षा-7
विषय – कृषि विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भूमि का कटाव किस क्रिया द्वारा कम होता है?
उत्तर:
भूमि का कटाव भू-परिष्करण द्वारा कम होता है।

प्रश्न 2.
राइजोबियम बैक्टीरिया मृदा में …………. स्थिर करता है। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
राइजोबियम बैक्टीरिया मृदा में नाइट्रोजन स्थिर करता है।

प्रश्न 3.
कंदवाली फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
शकरकंद, आलू, अरबी, बंडा आदि कंदवाली फसलें हैं।

प्रश्न 4.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन कितने प्रतिशत पाया जाता है?
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन 78 प्रतिशत पाया जाता है।

प्रश्न 5.
त्वरित भू-क्षरण किसके द्वारा होता है?
उत्तर:
त्वरित भू-क्षरण मनुष्य द्वारा होता है।

प्रश्न 6.
देशी हल का प्रयोग कहाँ होता है?
उत्तर:
देशी हल का प्रयोग मिट्टी की जुताई के लिए होता है।

प्रश्न 7.
मृदा की जैविक उर्वरता बढ़ाने के लिए क्या प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
मृदा की जैव उर्वरक बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 8.
मृदा परीक्षण उर्वरता निर्धारण करने की ……………. विधि है। वाक्य पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
मृदा परीक्षण उर्वरता निर्धारण करने की एक रासायनिक विधि है।

प्रश्न 9.
बीहड़ (रेवाइन) किन स्थानों पर पाया जाता है?
उत्तर:
बीहड़ (रेवाइन) नदी या नालों के किनारे व आस-पास पाया जाता है।

प्रश्न 10.
ज्वार की खेती किस भूमि पर की जाती है?
उत्तर:
ज्वार की खेती बलुई-दोमट भूमि पर की जाती है।

प्रश्न 11.
अरहर की पैदावार प्रति हेक्टेयर कितनी होती है?
उत्तर:
अरहर की पैदावार प्रति हेक्टेयर 20-25 कुंतल होती है।

प्रश्न 12.
फूलगोभी की अगेती किस्म की नर्सरी की बुआई किस माह में होती है?
उत्तर:
फूल गोभी की अगेती किस्म की नर्सरी की बुआई जून माह में होती है।

प्रश्न 13.
बाजरे की फसल में दीमक का नियंत्रण किस कीटनाशक से करते हैं?
उत्तर:
बाजरे की फसल में दीमक का नियंत्रण BHC 20 EC नामक कीटनाशक से करते हैं।

प्रश्न 14.
कम समय में पकने वाली अरहर की प्रजातियों के नाम बताइए।
उत्तर:
कम समय में पकने वाली अरहर की प्रजातियाँ-

  1. टाइप-21
  2. यू.पी.ए,एस, 120 तथा
  3. प्रभात।

प्रश्न 15.
अरहर की अच्छी फसल के लिए कितनी खाद देनी चाहिए?
उत्तर:
अरहर की अच्छी फसल के लिए 15-20 किग्रा नाइट्रोजन और 40-50 किग्रा फॉस्फोरस देना चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 16.
मृदा में नाइट्रोजन की कमी का पौधों पर प्रभाव बताइए।
उत्तर:
मृदा में नाइट्रोजन की कमी से पौधों में वृद्धि रुक जाती है। पौधों की पत्तियों पीली पड़ जाती हैं। फल छोटे-छोटे और कम हो जाते हैं और पकने से पूर्व गिर जाते हैं।

प्रश्न 17.
जैव उर्वरक क्या है?
उत्तर:
जैव उर्वरक सूक्ष्म कल्चर होते हैं। जो मृदा में नाइट्रोजन बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। कुछ जीव फॉस्फोरस बढ़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं, तो कुछ कार्बनिक पदार्थ को शीघ्र सड़ाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। जैव उर्वरक बहुत सस्ते होते हैं। इनका प्रयोग बहुत आसान होता है और इनके प्रयोग में 50 से 80 रु प्रति हेक्टेयर खर्च होता है।

प्रश्न 18.
खाद को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
वे कार्बनिक पदार्थ जिनसे पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति की जाती है, खाद कहलाते हैं। खाद में पौधों के लिए सभी आवश्यक तत्व पाए जाते हैं। कम्पोस्ट की खाद, मल मूत्र व गोबर की सड़ी-गली खाद, जैविक खाद तथा हरी खाद इसके अंतर्गत आती है।

प्रश्न 19.
फूलगोभी के बोने का समय तथा बीज की मात्रा का विवरण दीजिए।
उत्तर:
बुआई का समय तथा बीज की मात्रा-फूलगोभी की विभिन्न किस्मों के बीज की नर्सरी में बुआई का उचित समय निम्न प्रकार है

  1. अगेती किस्में – जून माह में
  2. मध्यम किस्में – जुलाई-अगस्त
  3. पछेती किस्में – सितम्बर-अक्टूबर

अगेती तथा मध्यम किस्मों की एक हेक्टेयर में रोपाई के लिए लगभग 500-600 ग्राम बीज की पौध पर्याप्त होती हैं।

प्रश्न 20.
बाजरे की संकर प्रजातियों, उनके पकने का समय तथा उपज बताइए।
उत्तर:
बाजरे की संकर प्रजातियों में पूसा-322, पूसा-23 व आई. सी. एम. एच. 451 है। इनके पकने में 85-90 दिन लगते हैं। इनसे 25-30 कुंतल उपज प्रति हेक्टेयर होती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21.
मिश्रित उर्वरक से आप क्या समझते हैं? उसके लाभ एवं हानि बताइए।
उत्तर:
दो या दो से अधिक उर्वरकों के मिश्रण को मिश्रित उर्वरक कहते हैं। मिश्रित उर्वरक तीन मानक (ग्रेड) के होते हैं

(i) कम मानक – इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश की कम प्रतिशत मात्रा होती है, इसका प्रतिशत योग 14 से कम होता है; जैसे – 2-8 2, 2-4-6 ग्रेड।
(ii) मध्यम मानक – इसमें तीनों को योग 15-25 तक होता है।
(iii) उच्च मानक – इसमें तीनों को योग 25 से अधिक होता है।

लाभ –

  1. किसान सरलता से प्रयोग कर सकता है
  2. इसे सुगमता से रखा जा सकता है।

हानियाँ-

  1. जब मृदा में एक या दो तत्वों की कमी हो, तो प्रयोग लाभकारी नहीं होता है।
  2. इसमें एक तत्व की अधिकता जबकि दूसरे तत्व की कमी होती है।

प्रश्न 22.
नाइट्रोजन उर्वरक का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन उर्वरक का वर्गीकरण- रासायनिक आधार पर नाइट्रोजन उर्वरकों को निम्न वर्गों में बाँटा गया है
(i) नाइट्रेट उर्वरक-

  • (क) सोडियम नाइट्रेट- 16% नाइट्रोजन
  • (ख) कैल्सियम नाइट्रेट 15% नाइट्रोजन उर्वरकों का प्रयोग खड़ी फसल में छिड़काव के रूप में किया जाता है।

(ii) अमोनियम उर्वरक-

  • (क) अमोनियम सल्फेट- 20% नाइट्रोजन
  • (ख) डाई अमोनियम फॉस्फेट 18% नाइट्रोजन। नाइट्रोजन अमोनियम रूप में मिलता है। इन उर्वरकों को मिट्टी में मिलाया जाता है।

(iii) अमोनियम और नाइट्रेट उर्वरक-

  • (क) अमोनियम नाइट्रेट 33.5% नाइट्रोजन
  • (ख) अमोनियम सल्फेट नाइट्रेट-26% नाइट्रोजन। इन उर्वरकों को बोआई के समय खेत में मिलाया जाता है।

प्रश्न 23.
निम्नलिखित का मिलान कीजिए- ( मिलान करके)
(i) ज्वार – (क) वी. के. 560
(ii) बाजरा – (ख) मऊरानीपुर
(iii) उकठा रोग – (ग) सरकोस्पोरा फर्फेद
(iv) पत्ती का धब्बा रोग – (घ) फ्यूजेरियम उडम फर्कैद
(v) अरहर – (ङ) दलहनी फसल
(vi) गेहूँ। – (च) वर्षा ऋतु की फसल
(vii) धान – (छ) रबी की फसल
उत्तर:
(i)  (ख) मऊरानीपुर
(ii) (क) वी. के. 560
(iii) (घ) फ्यूजेरियम उडम फर्कैद
(iv) (ग) सरकोस्पोरा फर्फेद
(v) (ङ) दलहनी फसल
(vi) (छ) रबी की फसल
(vii) (च) वर्षा ऋतु की फसल

 

वार्षिक परीक्षा प्रश्न पत्र
कक्षा-7 
विषय – कृषि विज्ञान

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
फल तथा सब्जियों को बिना खराब हुए कितने दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता
उत्तर:
इन्हें परिरक्षक द्वारा बहुत दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

प्रश्न 2.
प्राकृतिक आपदा किन-किन रूपों में आती हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक आपदा बाढ़, सूखा, भू-स्खलन, सुनामी आदि रूपों में आती है।

प्रश्न 3.
बोतल बंदी में पात्र को खौलते पानी में क्यों उबालते हैं?
उत्तर:
उबालने से पात्र के अन्दर और बाहर के जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
किन्हीं तीन लताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
तीन लताओं के नाम-

  1. वोगन वीलिया
  2. ऐंटीगोनन लेप्टोपस
  3. बिगनोनियां

प्रश्न 5.
स्क्वैश किससे तैयार किया जाता है?
उत्तर:
स्क्वैश नींबू से तैयार किया जाता है।

प्रश्न 6.
बैक्टीरिया तथा कवक किस ताप पर नष्ट हो जाते हैं?
उत्तर:
बैक्टीरिया तथा कवक 71.4°C ताप पर नष्ट हो जाते हैं?

प्रश्न 7.
फलों में रंग परिवर्तन किसके कारण होता है?
उत्तर:
फलों में रंग परिवर्तन एंजाइम के कारण होता है।

प्रश्न 8.
कायिक प्रवर्धन के कितने तरीके हैं?
उत्तर:
कायिक प्रवर्धन के दो तरीके हैं-

  1. कलम लगाना
  2. दाब लगाना।

प्रश्न 9.
केले का जन्म स्थान कहाँ माना जाता है?
उत्तर:
मलाया।

प्रश्न 10.
नाशपाती के लिए कैसी जलवायु होनी चाहिए?
उत्तर:
शीतोष्ण जलवायु।

प्रश्न 11.
फलों और सब्जियों में परिरक्षक के रूप में किस रसायन का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
पोटैशियम मेटाबाईसल्फाइट, सोडियम बेंजोएट, सोडियम मेटाबाई सल्फाइट।

प्रश्न 12.
नाशपाती के वृक्ष पर फल कब लगते हैं?
उत्तर:
5 से 8 वर्ष में।

प्रश्न 13.
प्रत्येक साल फल देने वाली आम की कौन-सी प्रजाति है?
उत्तर:
आम्रपाली और मल्लिका।

प्रश्न 14.
ऊतक कोशिकाएँ विभाजन द्वारा किसका निर्माण करती हैं?
उत्तर:
कैलस (Callus) का।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 15.
बाढ़ आने के क्या कारण हो सकते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वनों की अंधाधुंध कटाई तथा बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा अत्यधिक मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस छोड़े जाने के कारण पृथ्वी के ताप में अत्यधिक वृद्धि होती है जिससे पहाड़ों की बर्फ पिघलने लगती है और बाढ़ का कारण बनती है।

प्रश्न 16.
पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइड क्या है? इसकी प्रयोग विधि बताइए।
उत्तर:
यह एक रवेदार गंधक लवण है, यह अम्लीय व क्षारीय माध्यम से प्रभावित नहीं होता है फलों के रसों में उपस्थित सिट्रिक अम्ल के प्रभाव से पोटैशियम साइट्रेट में बदल जाता हैं। सल्फर डाइऑक्साइड गैस पानी से मिलकर सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है, जो परिरक्षक का कार्य करती है।

प्रश्न 17.
भू-स्खलन के क्या कारण हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कभी-कभी कोयले की खानों से अत्यधिक मात्रा में खनिज पदार्थ निकाल लिए जाते हैं, जिससे उसका आधार समाप्त हो जाता है और जमीन धंसने लगती है। इसके अतिरिक्त वर्षा या बाढ़ आने पर बड़ी-बड़ी नदियों के किनारे भारी मात्रा में कटाव हो जाने से भी भू-स्खलन होता है।

प्रश्न 18.
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के क्या उपाय हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के निम्नलिखित उपाय हैं

  1. अधिकाधिक वृक्षारोपण।
  2. वनों का संरक्षण।
  3. उद्योगों से निकली कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा घटाना।
  4. आपदाओं के संबंध में पूर्व सूचना मिलना।
  5. आपदाओं से संबंधित सूचनाओं को प्रसारण।
  6. सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बाँध बनाना, जलाशयों को गहरा करना।
  7. सिंचाई के लिए नहरें बनाना, बिजली पैदा करना।

प्रश्न 19.
निम्नलिखित का मिलान कीजिए
(i) गुलमोहर – (क) लतर
(ii) चमेली – (ख) अलंकृत पौधा
(iii) केला – (ग) मौसमी पौधा
(iv) गेंदा – (घ) फल का पौधा
उत्तर:
(i) (ख) अलंकृत पौधा
(ii) (क) लतर
(iii) (घ) फल का पौधा
(iv) (ग) मौसमी पौधा

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 20.
बीज प्रवर्धन किसे कहते हैं? इन प्रवर्धनों से होनेवाले लाभ तथा हानियों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
बीज द्वारा जब बहुत से पौधे तैयार किए जाते हैं, तब हम इस क्रिया को बीज प्रवर्धन कहते हैं।
बीज प्रवर्धन के लाभ

  1. पेड़ अधिक ऊँचे तथा फैलने वाले होते हैं।
  2. पेड़ों की आयु अधिक होती है।
  3. पेड़ बहुत मजबूत होते हैं
  4. बीमारियों तथा मौसम के प्रकोप को सहन करने की इनमें शक्ति होती है।
  5. प्रति पेड़ उपज अधिक होती है।
  6. यह सबसे सरल एवं सस्ती विधि हैं।

बीज प्रवर्धन से हानि

  1. पौधे मातृ वृक्ष के समान नहीं होते हैं।
  2. वृक्ष अधिक ऊँचा होने के कारण फलो की तुड़ाई में कठिनाई होती है।
  3. फल अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं होते हैं।
  4. फल देर से लगता है।

प्रश्न 21.
आँवले का मुरब्बा कैसे बनाया जाता है?
उत्तर:
सर्वप्रथम आँवले को धोकर स्टील के काँटों से गोदते हैं। 20% फिटकरी के उबलते घोल में 5-10 मिनट पकाते हैं। भगौने में एक किलोग्राम आँवले के लिए डेढ़ किलोग्राम चीनी डालते हैं। पहले भगौने में चीनी की तह, फिर आँवले की तह लगाते जाते हैं। आँवले को चीनी की तहों में चौबीस घंटे रखते हैं। दूसरे दिन आँवले निकाल कर चीनी की चाशनी बनाकर आँवलों को चौबीस घंटे उसमें छोड़ देते हैं। तीसरे दिन आँवले निकालकर चीनी को 70 % करने के लिए पकाते हैं। आँवले गर्म चाशनी में डाल देते हैं। 20-25 दिन में मुरब्बा खाने योग्य हो जाता है।

प्रश्न 22.
वृक्षारोपण से आप क्या समझते हैं? इसका क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वृक्षारोपण के अंतर्गत फलों के अलावा कुछ विशेष स्थानों पर विशेष प्रकार के वृक्ष । लगाए जाते हैं जो उपयोगी होते हैं। वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देने के लिए वन महोत्सव जैसे कार्यक्रम प्रचलित किए गए हैं। हमारे जीवन निर्वाह के लिए वृक्षारोपण के महत्त्व
निम्न प्रकार हैं

  • वृक्ष हमें फल देते हैं।
  • वृक्षारोपण से हमें इमारती, फर्नीचर तथा ईंधन की लकड़ी मिलती है।
  • पेड़ हमें हरियाली, छाया व पर्यावरण सुरक्षा देते हैं।
  • प्राकृतिक सौंदर्य की वृद्धि और वर्षा में सहायक है।
  • बाढ़ और भू-क्षरण को रोकते हैं।
  • प्राणवायु (ऑक्सीजन) उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 23.
नींबू अथवा सन्तरा स्कवैश बनाने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नींबू का स्क्वैश बनाना – ताजे नींबू धोकर, छिलका उतारकर जूसर से जूस निकालते हैं और छलनी से छानते हैं।

आवश्यक सामग्री – नींबू रस – 1 लीटर, पानी – 2 ली, चीनी – 2 किग्रा, सिट्रिक अम्ल – 10 ग्राम, पोटैशियम मेटाबाई सल्फाइट – 3 ग्राम

विधि – स्टील के भगौने में पानी में चीनी डालकर गर्म करते हैं और बीच-बीच में रस को चलाते रहते हैं। एक उबाल पर उतारकर चाशनी ठंडी होने पर नींबू का रस और पौटेशियम मेटाबाई सल्फाइट को मिला दिया जाता है। परिरक्षक पहले थोड़े पानी में घोलते हैं, तब जूस में मिलाते हैं। स्क्वैश तैयार होने पर बोतल में 3 सेमी जगह छोड़कर भरते हैं और ढक्कन लगाकर सील कर देते हैं।

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