UP Board Class 12 Hindi Model Papers Paper 2

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Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Hindi
Model Paper Paper 2
Category UP Board Model Papers

UP Board Class 12 Hindi Model Papers Paper 2

समय 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक 100

नोट

  • प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र पढ़ने के लिए निर्धारित हैं।
  • सभी प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • सभी प्रश्नों हेतु निर्धारित अंक उनके सम्मुख अंकित हैं।

खण्ड ‘क’

प्रश्न 1.
(क) समय-सारथी’ के लेखक हैं  [1]
(i) मोहन राकेश ।
(ii) राहुल सांकृत्यायन
(iii) डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी
(iv) कशिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’

(ख) ‘आवारा मसीहा’ नामक रचना किस विधा से सम्बन्धित है? ) इ-पास  [1]
(i) उपन्यास
(ii) जीवनी
(iii) आत्मकथा
(iv) कहनि

(ग) भक्तमाल’ के रचनाकार है।  [1]
(i) विट्ठलनाथ
(ii) अग्रदा
(iii) नाभादास
(iv) गोकुलनाथ

(घ) निम्न में से कौन भारतेन्दु युग का नाटक है। [1]
(i) लहरों के राजहंस
(ii) अम्पाती
(iii) धुवस्वामिनी
(iv) नल-दमयन्ती

(इ) निम्नलिखित में से कौन-सी रचना रीतिकालीन कवि भूषण की। नहीं है?  [1]
(i) सुजान सागर ।
(ii) शिवा बागनी ।
(iii) छत्रसाल दशक
(iv) शिवराज सुवर्ण

प्रश्न 2.
(क) ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है। [1]
(i) कुस्त्र पर
(ii) रश्मिरथी
(iii) धर्वशी
(iv) इंकार

(ख) प्रियप्रवास महाकाव्य के रचयिता हैं। [1]
(i) रामधारी हि दिनकर
(ii) या प्रसाद
(iii) जगन्नाथदास रत्नाकर
(iv) परोक्त में से कोई नहीं

(ग) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ युग के कवि है [1]
(i) भारतेन्दु-युग
(ii)  प्रगतिवाद-युग
(iii) द्विवेदी-युग
(iv) छायावाद-युग

(घ) द्वापर’ रचना है [1]
(i) सूरदास की
(ii) सुमित्रानन्दनपन्त
(iii) महादेवी वर्मा की
(iv) मैथिलीशरण गुप्त की

(ङ) रीतिबद्ध काव्यधारा के कवि हैं  [1]
(i) केशदास
(ii) बिहारीलाल
(iii) घनानन्द
(iv) बीघा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवतरणों को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों उत्तर दीजिए। [5 x 2 = 10]
आदमियों को ममती बनाने वाला कामरूप का जादू नहीं, मखियो को आदमी बनाने वाला जीवन का जादू-होम की सबसे बुड़िया मदर मार्गरेट का कद इतना नाटा कि उन्हें गुड़िया कहा जा सके, पर उनकी चाल में गजब की चुस्ती, कदम में फु और ब्यवहार में मस्ती, हँसी उनकी यों कि मोतियो की बोरी एल पी और काम यो कि मशीन त भने। भारत में चालीस वर्षों से सेवा में रसलीन, जैसे और कु उन्हें जीवन में अब आना भी तो नहीं। उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दौजिए।
(i) मदर मार्गरिट कौन पी? लेखक ने उनके व्यक्तित्व का वर्णन 
किस रूप में किया?
(ii) लेखक ने नसिंग होम की मदर मार्गरेट को जादूगरनी क्यों कहा
(iii) “जैसे और कुछ उन्हें जीवन में सब जानना भी तो नहीं।” से | लेखक को क्या आशय है? ।
(iv) प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने क्या अभिव्यक्त किया
(v) ‘वन’, ‘फुर्ती’ शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
अयाव
कहते हैं, दुनिया बड़ी मुलक्कड़ है। केवल इतना ही याद रखती है, बिजने से उसका स्वार्थ सघता है। बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है। शायद अशोक से उसका स्वार्थ नहीं सघा। क्यों उसे वह याद रखती? सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है। उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) प्रस्तुत गद्यांश में किस प्रसंग की च की गई है?
(ii) लेखक ने गद्यांश में किस प्रकार के लोगों को स्वार्थी कहा है?
(iii) “सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है।” में लेखक का क्या | तात्पर्य है?
(iv) ‘फूल’ शब्द के पर्यायवाची लिखिए।
(v) स्वार्थ शब्द का विलोम लिखिए।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उनपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। [15 x 2 = 10]
‘कौन तुम! अमृत-जलनिधि तौर तरंगों से की मणि एक; कर रहे निर्मन का चुपचाप प्रभा को पारा से अभिषेक मधुर विश्रान्त और एकान्त जगत को सुलझा हुआ रहस्य; एक करुणामय मदर मौन और चंचल मन का आलस्य! उपर्युक्त पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) पद्यांश के कवि वे शीर्षक का नामोल्लेख कीजिए।
(ii) प्रस्तुत पद्यांश में संसृति-प्ल धि’ किसे व क्यों कहा गया है?
(iii) प्रस्तुत पद्यांशा में किसके मन की व्याकुलता को उजागर किया 
गया है।
(iv) मनु को देने के पश्चात् श्रद्धा को कैसी अनुभूति होती है?
(v) पद्यांश का केन्द्रीय भाव लिखिए। मक्क पग को १ मलिन करता आना पदचिह्न न दें आना जाना, मेरे आगम की जग में सुख की सिरहून हो अन्त विली! विस्तृत नम का कोई कोना, मेरा न कभी अपना होना, परिचय इतना इतिहास यही उमड़ी कल थी मिट आज चली! मैं नीर भरी दु:ख को बदली!

उपरोक्त पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(i) कवयित्री अपने जीवन की तुलना किससे वे क्यों करती है?
(ii) कवयित्री का स्मरण लोगों में खुशियाँ क्यों बिखेर देता है?
(iii) “विस्तृत नम का कोई कोना, मेरा न कभी अपना होना” पंक्ति 
का भाशय स्पष्ट कीजिए।
(iv) प्रस्तुत पह्मांश का केन्द्रीय भाव लिखिए।।
(v) प्रस्तुत पशि में अलंकार योजना पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न 5.
(क)
निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक लेखक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए। [4]
(i) जैनेन्द्र
(ii) श्री. सुन्दर रेड्डी
(iii) मोहन राकेश

(ख)
निम्नलिखित कवियों में से किसी एक का जीवन परिचय देते हुए उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए। [4] 
(i) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(ii) जयशंकर प्रसाद
(iii) मैथिलीशरण गुप्त

प्रश्न 6.
पंचलाइट’ अथवा ‘खून का रिश्ता’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश 
हालिए। [4] 
अथवा
‘लाटी’ कहानी की नायिका लाटो (बानो) ‘कर्मनाशा की हार’ कहानी के मुख्य पात्र मैरो पाण्डे का चरित्र-चित्रण कीजिए।

प्रश्न 7.
स्वतत नाटक के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। [4] 
(i) कुहासा और किरण नाटक के द्वितीय अंक की कथा का सार 
अपने शब्दों में लिखिए।
अथवा
(i) ‘कुहासा और किरण’ नाटक में भ्रष्टाचार रूपी कुहासे का 
यथार्थ चित्रण देखने को मिलता है। सप्रमाण उत्तर दीजिए।

(ii) ‘आन का मान’ नाटक के मार्मिक स्थलों का वर्णन कीजिए।
अथवा

(iii) नाटक के तत्वों के आधार पर ‘गरुड़प्पन’ नाटक की समीक्षा 
अषया
अथवा
‘गरुड़ध्वज’ नाटक के कथानक में निहित उद्देश्य को स्पष्ट | कीजिए।

(iv) सूतपुत्र’ नाटक के प्रमुख पात्र या नायक का चरित्र भित्रण कीजिए।
अथवा
सूत पुत्र’ नाटक के कथानक पर प्रकाश डालिए।

(v) ‘राम’ नाटक में निहित राष्ट्रीय एकता एवं संस्कृति के सन्देश को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
अथवा
राजकट’ नाटक को भाषा एवं संवाद-योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित खण्डकाव्यों में से स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए। [4] 
(क) ‘श्रवण कुमार’ खण्डकाव्य को प्रमुख घटना को अपने शब्दों में
वर्णन कीजिए।
अथवा
‘श्रवण कुमार’ खण्डकाव्य के शीर्षक की आर्मकता को स्पष्टकीजिए।

(ख) “मुक्तियज्ञ की राष्ट्रीयता एवं देशभक्ति संकुचित नहीं 
है।”-इस उक्ति के परिप्रेक्ष्य में मुतिया’ की कमावस्तु को विवेचना कीजिए। अथवा ‘मुक्तियज़’ की भाषा शैली पर उदाहरण सहित प्रकाश डालिए।
(ग) “हर्षवर्द्धन के चरित्र में लोकमंगल की कामना निहित 
है।”-इस कथन के आलोक में ‘त्यागपयों’ के नायक हर्षवर्द्धन का चरित्रांकन कीजिए। अयवा ‘त्यागपथी खण्डकाव्य के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।

(घ) “श्मिरथी खण्डकाव्य में कवि का मुख्य मन्तव्य कर्ण के चरित्र के शील पक्ष, मैत्री भाव तथा शौर्य का चित्रण करना है।” सिद्ध कौजिए।
अथवा
रश्मिरथी’ खण्डकाव्य की कथावस्तु का संक्षेप में विवेचन

(ङ) “सत्य की जीत काव्य में द्रौपदी के चरित्र में वर्तमान युग, 
के नारी जागरण का प्रभाव स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है।”-इस कथन को सिद्ध कीजिए।
अथवा
खण्डकाव्य की विशेषताओं के आधार पर सत्य की जीत खण्डकाव्य की समीक्षा कीजिए।
(च) ‘आलोक-वृत्त’ खण्डकाव्य के शीर्षक को सार्थकता को स्पष्ट 
कीजिए। अथवा “आलोक-वृत्त एक सफल खुशहूकाव्य है।”-इस कथन के औचित्य पर अपने विचार प्रकट कीजिए।

खण्ड ‘ख’

प्रश्न 9.
निम्नलिखित अवतरणों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए। [2 + 5 = 7]
(क)
अतीते प्रथमकल्ये चतुरादाः सिहं राजानमन्। मत्स्या 
आनन्दमत्स्य, शकुनयः सुवर्णहसम्। तस्य पुनः सुवर्णराजहंसस्य दुहिता ऐसपोतिका अतीव रूपवती आसीत्। स तस्यै वरमदात् । यत् सा आत्मनश्चित्तरुचितं स्वामिनं वृणुयात् इति। हंसराजः तस्यै वर दत्तया हिमविश शकुनिसक्ने संन्यपतत्। नानाप्रकाराः हँसमयूरादः शकुनिगणाः समागत्य एकस्मिन महति पाषाणतले संन्यपतन्। हंसराजः आत्मनः चित्तरुचितं स्वामिकम् आगत्य वृष्यात् इति दुहितरमादिदेश। सा शकुनिसते अवलोकयन्ती मणिवर्णीव चित्रप्रेक्षणं मयूर दृष्ट्वा ‘अयं में स्वामिकों भवतु’ यभाषत। मयूरः “आद्यापि तावन्में बलं न पश्यसि’ इति अतिगण लग्णाञ्च त्यक्त्वा तान्महतः शकुनिसङ्गस्य मध्ये पक्षौ प्रसार्य नर्तितुमारब्धवान्। नृत्यन् चाप्रतिच्छन्नोऽभूत्। सुवर्णराजहंसः लज्जितः अस्य नैव हीः अस्ति व बणां समुत्थाने लज्जा। नास्मै गतत्रपाय स्वदुहितरं दास्यामि इयकथयत्।।
अथवा
सौराष्ट्रप्रान्ते टङ्कारानाम्नि झामे औकर्षणतिवारीनाम्नो घनाद्यस्य 
औदीच्यविप्रवंशीयस्य धर्मपानी शिवस्य पार्वतीय भाद्रमासे नवम्यां तिथौ गुरुवासरे मूलनक्षत्रे एकाशीत्युत्तराष्टादशशततमे (1881) वैक़माब्दे पुत्ररत्नमजनयत्। जन्मतः दशमे दिने ‘शिवं भजेदयम्’ इति बुद्धया पिता स्वसुतस्य मूलशङ्कर इति नाम अकरोत् अष्टमे वर्षे चास्योपनयनमकरोत्।

योदशवर्ष प्राप्तेऽस्मै मूलङ्कराय पिता शिवरात्रिवतमाचरितुम् अकयत्। पितुराजानुसार मूलशङ्करः सर्यमपि व्रतविधानमकरोत्। रात्री शिवालये स्वपित्रा समं सर्वान् निद्रितान् विलोक्य स्वयं जागरितोऽतिष्ठत् शिवलिङ्गस्य चोपरि मूर्षिकमेकमतस्ततः विचरन्तं दृष्ट्वा शङ्कितमानसः सत्यं शिवं सुन्दरं लोकशङ्करं शङ्करं साक्षात्क इदि निश्चितवान्। ततः प्रभृत्येव शिवरात्रेः उत्सवः ऋषियोपोत्सवः’ इति नाम्ना श्रीमद्दपानन्दानुयायिनाम् आर्यसमाजिनां मध्ये प्रसिद्धोऽभूत।

(ख)
रेखामात्रमपि क्षुष्णादामनों वस्त्रनः परम् । [2+ 5 =7]
न व्यतीयुः प्रजास्तस्य नियन्तुम्वृित्तयः ।।
अथवा
प्रस्तरेषु च रम्येषु विविधा कानन द्रुमाः ।
वायुवेगप्रचलिताः पुष्पैरवकिरन्ति माम् ॥

प्रश्न 10.
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर संस्कृत में दौजिए। [2+2=4]
(क) धीराः कुतः पदं न प्रविचलन्ति?
(ख) कः कालः प्रचुरमन्मथ भवति ।
(ग) राजा भोजः सौता किं प्राह?
(घ) दिलीप: किमर्स बलिममहीन्?

प्रश्न 11.
(क) ‘करुण’ अथवा ‘शान्त’ रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। [2]
(ख) ‘अनन्वय’ अथवा ‘इलेष’ अलंकार की परिभाषा उदाहरण 
सहित लिखिए। [2]
(ग) ‘सुन्दरी’ अथवा ‘कुण्डलियाँ’ छन्द का लक्षण एवं उदाहरण 
लिखिए।  [2]

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर अपनी भाषा शैली में निबन्ध तिलिए। [2+7 =9]
(i) मेरी प्रिय पुस्तक
(ii) राष्ट्र निर्माण में युवाशक्ति का योगदान
(iii) कम्प्यूटर की उपयोगिता
(iv) राष्ट्रीय एकता में हिन्दी का योगदान
(v) विद्यार्थी और राजनीति

प्रश्न 13.
(क)
(i) ग्रामेऽपि’ का सन्धि-विच्छेद है। [1] 
(a) द्राम + अपि
(b) शान + एपि ।
(c) ग्राम + अपि ।
(d) ग्रामम् + एपि

(ii) दौन्षा’ का सन्धि-विच्छेद है ।  [1] 
(a) दग् + धा
(b) दौक । धा
(c) दो + मा
(d) दोघ् + धा

(iii) उड्डयनम्’ को सुनि-विच्छेद है ।   [1] 
(a) म् + गम्
(b) उद् । इरानम्
(c) उड्ड + यनम्
(d) उत् + इयनम्

(ख)
(i) ‘दामोदरः” मैं समास है।  [1] 
(a) कर्मधारय समास
(b) तत्पुरु” मास
(c) बहुवीहि समास
(d) अव्ययीभाव समास

(ii) प्रतिगृहम्’ में समाप्त है ।  [1] 
(a) कर्मधारय समास
(b) अव्ययीभाव समास
(c) द्विगु समास
(d) तत्पुरुष समास

प्रश्न 14.
(क)
‘तिष्ठेव रूप किस पातु का, किस लकार, किस पुरुष राया 
किस वचन का है। [1/2 +1/2 + 1/2 + 1/2 = 2]

(ख)

(i) “अनयाम्’ रूप है।
(a) ललकार, इतम पुरुष, बहुवचन
(b) अङ्लकार, उत्तम पुरुष, विवचन
(c) ललकार, प्रथम पुरुष, एकवचन
(d) लोट्लकार, प्रसम पुराण, द्विवचन

(ii) ‘इदाम्’ स्प है
(a) लोट्लकार, उत्तम पुरुष, बहुदचेन
(b) लुट्लकार, मध्यन पुरुष, एकवर्धन
(c) झझकर, प्रथम पुरुष, बहुवचन्
(d) विधिलिङ्गलवार, प्रथम पुरुष, एवचन

(ग)
(i) बुझिमान्’ में प्रत्यय है।
(a) तयत् ।
(b) बतुप
(c) मनुन् ।
(d) क्त्व

(ii) गन्तव्यम्’ में प्रत्यय है।
(a) मापन
(b) तयत
(c) क्त्व
(d) अनीयर

(घ) रेखांकित पदों में से किन्हीं दो में प्रयुक्त विभक्ति तथा उससे 
सम्बन्धित नियम का उल्लेख कीजिए। [1+1=2]
(i) भिक्षुक; कर्णेन बधिरः अस्ति।
(ii) गङ्गायाः उइकम्।
(iii) तस्मै स्वधा।

प्रश्न 15.
निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। [4]
(क) संसार में सभी लोग सुख चाहते हैं।
(ख) अपने माता-पिता को सदा सम्मान करो।
(ग) गाँव के चारों और बाग है।
(घ) दुर्योधन, धृतराष्ट्र का पुत्र था।

Answer

उत्तर 1.
(क) (i) मोहन राकेश ।
(ख) (ii) जीवनी
(ग)  (iii) नाभादास
(घ) (iv) नल-दमयन्ती
(ङ) (i) सुजान सागर ।

उत्तर 2.
(क) (iii) धर्वशी
(ख) (iv) परोक्त में से कोई नहीं
(ग) (iii) द्विवेदी-युग
(घ) (iv) मैथिलीशरण गुप्त की
(ङ) (i) केशदास

उत्तर 13.
(क)
(i). (c) ग्राम + अपि ।
(ii). (b) दौक । धा
(iii). (b) उद् । इरानम्

उत्तर 14.
(ख)

(i) (c) ललकार, प्रथम पुरुष, एकवचन
(ii) (a) लोट्लकार, उत्तम पुरुष, बहुदचेन

(ग)
(i) (c) मनुन् ।
(ii) (b) तयत

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