UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 16 विश्वबन्धुत्वम्

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 16 विश्वबन्धुत्वम्

शब्दार्थाः- नितराम् = पूरी तरह से, अपरिहार्या = अनिवार्य, सम्भवति = सम्भव हो सकता है, परोवेति = दूसरे का है ऐसा मानकर। लघुचेतसाम् = छोटे हृदय वालों का, शब्दार्थाः-साम्प्रतम् = इस समय, सन्तर्तुम् = पार करने के लिए, आक्रान्ताम् = भयभीत, भ्रान्ताः = भटके हुए, हन्ता = मारने वाला, (UPBoardSolutions.com) सञ्जातः = ठीक तरह से हो गया, प्रेम्णः = प्रेम का, नियन्तैकः = नियंता एक है, मनीषिणा = विद्वानों से, निरामयाः = रोगरहित, भद्राणि = कल्याण, नितान्तम् = अतिशय, अत्यधिक।

विश्वस्य सर्वान् …………………………………………………………. कुटुम्बकम्।

हिन्दी अनुवाद – संसार के सभी लोगों के प्रति बन्धुत्व भाव ही विश्वबन्धुत्व कहा जाता है। शान्तिमय जीवन के लिए विश्वबन्धुत्व की भावना अति महत्त्व रखती है। ऐसी एक अनिवार्य आवश्यकता है। सभी लोगों का कल्याण और सभी (UPBoardSolutions.com) लोगों का सुख भाईचारे के बिना सम्भव नहीं है। विश्वबन्धुत्व के ही भाव को दृष्टि में रखकर किसी विद्वान ने कहा है
यह अपना है, यह पराया है, ऐसी गणना तुच्छ हृदय वालों में होती है, उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो समस्त पृथ्वी ही परिवार होती है।”

साम्प्रतम् …………………………………………………………. अभावः एव।

हिन्दी अनुवाद – इस समय सम्पूर्ण संसार में कलह और अशान्ति का साम्राज्य व्याप्त है, जिससे सबसे अधिक साधन सम्पन्न मनुष्य भी सुख के स्थान पर दुख का अनुभव कर रहा है। यद्यपि विज्ञान के बल से वह वायुयान से आकाश में विचरण करने, (UPBoardSolutions.com) पानी के जहाज से समुद्रों में अच्छी तरह तैरने, रेल से भ्रमण करने और चन्द्र आदि ग्रहों पर जाने में समर्थ है, फिर भी आपसी सम्बन्धों की कटुता से मनुष्य अशांत ही दिखाई देता है और कष्ट भोग रहा है। इसका प्रधान कारण विश्वबन्धुत्व का अभाव ही है।

विगतयोः …………………………………………………………. प्रसारो भवेत्।

हिन्दी अनुवाद – विगत दोनों विश्व युद्धों की विनाशलीला को सभी जानते ही हैं। इस समय तीसरे विश्व युद्ध का भय हमेशा मनुष्य जाति के हृदय को आक्रान्त कर रहा है, जिससे संसार का भयंकर विनाश हो सकता है। इसलिए आवश्यकता है कि मनुष्य-मनुष्य के प्रति भाई के समान आचरण करे। एक देश, दूसरे देश के साथ भाईचारे का व्यवहार करे। बलवान देश, कमजोर देशों पर आक्रमण न करें। स्वार्थ, विस्तारवाद और (UPBoardSolutions.com) महत्त्वाकांक्षा के स्थान पर परोपकार, दया, त्याग, आपसी सहयोग और मानवीय मूल्यों का प्रसार हो।

यद्यपि …………………………………………………………. दुर्लभा जाता।

हिन्दी अनुवाद – यद्यपि शान्ति स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ, निर्गुट आन्दोलन और दूसरे संगठन निरन्तर प्रयत्न कर रहे हैं, फिर भी स्वार्थ, अहंकार और शक्ति बढ़ाने की दूषित भावना से भ्रमित हुए कुछ देश संघर्षरत हैं, जिससे विरोध (UPBoardSolutions.com) और अशान्ति बढ़ रही है। इससे मनुष्य-मनुष्य के खून का प्यासा हो जाता है। सर्वत्र प्रेम और भाईचारे की कमी है, जिसके बिना जीवन में शान्ति दुर्लभ है।

संसारे सर्वेषु …………………………………………………………. भवेत॥”

हिन्दी अनुवाद – संसार में सभी मनुष्यों में समान रक्त प्रवाहित होता है और सभी का नियंता एक ही है। यह सब जानते हुए भी लोग स्वार्थी होने के कारण आपस में कलह करते हैं। इसका मूल कारण विश्वबंधुत्व का अभाव है; (UPBoardSolutions.com) अतः सभी में विश्वबंधुत्व की भावना अत्यन्त आवश्यक है। विश्वबंधुत्व में यही भावना व्याप्त है सभी सुखी हों, सभी नीरोग हों, सभी कल्याण को देखें, कोई दुख का भागी न हो।

अभ्यास

Sanskrit Class 7 Chapter 16 प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) वसुधैव कुटुम्बकं केषां मते भवति?
उत्तर :
उदारचरितानाम्।
(ख) मानवः मानवं प्रति कीदृशम् आचरणं कुर्यातू?
उत्तर :
बन्धुवत्।

(ग) एकः देशः अन्येन देशेन सह (UPBoardSolutions.com) कीदृशं व्यवहारं कुर्यातू?
उत्तर :
बन्धुतायाः।
(घ) सर्वेषु मानवेषु समानं किं प्रवहति?
उत्तर :
रक्तम्।
(ङ) जनाः परस्परं कलहं (UPBoardSolutions.com) किमर्थं कुर्वन्ति?
उत्तर :
स्वार्थेपरायणतया।

विश्वबन्धुत्वम् प्रश्न 2.
पूर्ण एकवाक्येन उत्तरत –
(क) बन्धुत्वं विना किं न सम्भवति?
उत्तर :
बन्धुत्वं विना सर्वजनहितं सर्वजन सुखं (UPBoardSolutions.com) न सम्भवति।

(ख) संयुक्तराष्ट्रः कीदृशं प्रयत्नं करोति?
उत्तर :
संयुक्तराष्ट्रसंघः शान्ति स्थापनार्थं
(ग) कीदृशी भावना नितान्तम् अपेक्षिता वर्तते?
उत्तर :
विश्वबन्धुत्वस्य भावना नितान्तम् अपेक्षिता वर्तते
(घ) सर्वेषां नियन्ता कः?
उत्तर :
सर्वेषां नियन्ता एकः

Class 7 Sanskrit Chapter 16 प्रश्न 3.
विभक्तिं वचनं च लिखत (लिखकर)-
Sanskrit Class 7 Chapter 16 UP Board Solutions विश्वबन्धुत्वम्
Class 7 Sanskrit Chapter 16 Hindi Translation प्रश्न 4.
सन्धि-विच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)-
पदम्                         सन्धि-विच्छेदः।
केनापि                      केन + अपि
तदैव                         तदा + एव
वेति                           वा + इति
वसुधैव                      वसुधा + एवं।
समस्यैका                  समस्या + एका

विश्वबन्धुत्वम् का अर्थ प्रश्न 5.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि (UPBoardSolutions.com) पूरयत (पूरा करके) –
(क) ज्ञानबलेन मानवाः इदानीं वायुयानेन आकाशे विचरितु समर्थाः।
(ख) विगतयोः द्वयोः विश्वयुद्धयोः विनाशलीलां सर्वे जानन्ति एव।
(ग) उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।
(घ) अशान्तस्य च कदापि सुखमू न भवति

Class 7 Sanskrit Chapter 16 Question Answer प्रश्न 6.
 संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके) –
(क) एक देश दूसरे देश के साथ बन्धुता का व्यवहार करें।
अनुवाद : एकः देशः अन्येन देशेन सह बन्धुतायाः व्यवहारं कुर्यात्
(ख) विश्वबन्धुत्व ही एकमात्र सुख का कारण है।
अनुवाद : विश्वबन्धुत्वः एव सुखस्य (UPBoardSolutions.com) एकमात्र कारण
(ग) सभी मनुष्यों का हृदय विशाल हो।
अनुवाद : सर्वे मनुष्याः उदार चरितानां भवन्तु।
(घ) सभी मनुष्य सुखी रहें।
अनुवाद : सर्व सुखिनः भवन्तु।
(ङ) उदार चरित्र वालों के लिए पृथ्वी ही परिवार है।
अनुवाद : उदार चरितानां वसुधैव कुटुम्बकम्

Class 7 Sanskrit Vishwa Bandhutva प्रश्न 7.
निम्नलिखितशबदानां लघुवाक्येषु प्रयोगं कुरुत (करके)
साधनसम्पनः।                – अपि मानव सुखस्य स्थाने दुःखम् एव अनुभवति।
संसारे                             – संसारे (UPBoardSolutions.com) कलहस्य अशान्तेः च साम्राज्यं व्याप्तम् अस्ति।
सर्वेषु                              – सर्वेषु मानवेषु समानं रक्तं प्रवहति ।
बन्धुवत्                           – मानवः मानवं प्रति बन्धुवत् आचरणं कुर्यात्।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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