UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 10 निम्बतरोः साक्ष्यम!

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UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 10 निम्बतरोः साक्ष्यम!

शब्दार्था:- विमृश्य = सोचकर, गत्ते = गड्ढा, दद्वयोर्मध्ये = दोनों के बीच में, छम्मबुद्धिः – बेईमान, आहूतवान् = निकाल ले आया, अन्तिकम् = समीप, भवतु नाम = जाने दीजिए, अपरेदयु:दूसरे दिन, समुत्सुक = अत्यधिक आतुर, सम्मर्दः = भीड़, वाष्पकण्डः = रुंधे गले से, सद्य एवं = शीघ्र ही, शुष्केन्धनं = सूखी लकड़ियाँ, संहृत्य = इकट्ठा करके, निधाय = रखकर, स्वरसंयोगः = आवाज का संयोग, विस्मिताः = विस्मित या (UPBoardSolutions.com) आश्चर्य चकित, सभाजितवान् = पुरस्कार किया, विश्रम्भात् = आराम अधिक आराम करने) से।

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पुराः …………………………………………………………… संभाजितवान्।

हिन्दी अनुवाद – प्राचीन काल में एक गाँव में मनोहर और धर्मचन्द दो मित्र रहते थे। वे दोनों विदेश से धन कमाकर लाये। उन दोनों ने विचार किया कि घर में यह धन को (उन्होंने) एक वृक्ष की जड़ में गड्ढा करके (उसमें) रख दिया। दोनों के बीच आपस में एक मत हुआ कि जिसको ( धन की) आवश्यकता होगी वह दूसरे के साथ आकर निकाल लेगा।

मनोहर सरल और सत्यनिष्ठ था, किन्तु धर्मचन्द अत्यन्त चतुर और बेईमान था। धर्मचन्द दूसरे दिन जाकर छिपाये गये (उस) सारे धन को ले आया। और उसके बाद धर्मचन्द ने मनोहर से कहा मित्र! चलो, कुछ धन लाना चाहिए।” दोनों वृक्ष के पास आ गये। (UPBoardSolutions.com) वहाँ धन नहीं था। धर्मचन्द ने मनोहर पर आक्षेप लगाया कि उसने धन चुराया है। तत्पश्चात् झगड़ते हुए वे (दोनों) राजा के पास जाते हैं। दोनों का झगड़ा सुनकर राजा बोला- जाने दीजिए। (अब) कल नीम के पेड़ की गवाही को प्राप्त करके ही कोई फैसला होगा। सत्यनिष्ठ मनोहर ने विचार किया कि यही ठीक है। नीम का पेड़ असत्य नहीं बोलेगा। धर्मचन्द भी प्रसन्न था।

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दूसरे दिन राजा दोनों के साथ नीम के वृक्ष के पास गया। उनके साथ उत्सुक लोगों की भीड़ भी थी। वे सब सत्य जानना चाहते थे।

राजा ने नीम के वृक्ष से पूछा- हे नीमदेव! कहो, धन किसके द्वारा चुराया गया है? ‘मनोहर के द्वारा यह स्वर नीम की जड़ से प्रकट हुआ। यह सुनकर आँसुओं से रुंधे हुए कण्ठ बाले मनोहर ने कहा- ‘महाराज! यह नीम का पेड़ असत्य नहीं कह सकता है। (UPBoardSolutions.com) यहाँ कोई छद्म योजना है। मैं शीघ्र ही प्रमाणित करता हूँ।

मनोहर ने सूखा ईंधन इकट्ठा करके वृक्ष की जड़ में रखकर अग्नि प्रज्वलित कर दी। तत्काल ही वृक्ष की जड़ से- रक्षा करो- रक्षा करो- ऐसा स्वर संयोग सुना गया। राजा ने सैनिकों को आदेश दिया- ”वहा जो भी हो, उसको बाहर लाओ। सैनिक वृक्ष की कोटर में स्थित व्यक्ति को बाहर लाये। उस व्यक्ति को देखकर सब आश्चर्यचकित थे। क्योंकि वह धर्मचन्द का बूढ़ा पिता था। राजी ने सभी (सबकुछ) जान लिया। उस (राजा) ने पिता और पुत्र को जेल में डाल दिया। और वह सारा धन पुरस्कार सहित मनोहर को समर्पित करके उसे पुरस्कृत किया।

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अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरेत
(क) तौ अजितधनं कुत्र निक्षिप्तवन्तो?
उत्तर :
वृक्षस्यमूले।
(ख) मनोहरस्य स्वभावः (UPBoardSolutions.com) कीदृशः आसीत्?
उत्तर :
सरलः सत्यनिष्ठश्च

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(ग) अन्येशु सर्व धनं कः आहृतवान्?
उत्तर :
धर्मचन्दः
(घ) वृक्षकोटरे कः आसीत्?
उत्तर :
धर्मचन्दस्य पिता

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प्रश्न 3.
मजूषातः क्रियापदानि चित्वा (UPBoardSolutions.com) पूरयत ( पूरा करके)
(क) तौ विदेशात् धनं अर्जयित्वा नीतवन्तौ।
(ख) धर्मचन्दः अतीव चतुरः छमबुधिश्च आसीत्।
(ग) ततस्तौ विवदमानौ राजानं प्रति गच्छतः।
(घ) निम्बतरु असत्य न वक्ष्यति।
(ङ) स पितरं पुत्रञ्च करागारे निषिप्तवान्

प्रश्न 4.
रेखांकितपदेषु कारकस्य नामोल्लेखं कुरुत (नाम लिखकर )
यथा – स ग्रामं गच्छति।                                                                   (कर्म कारकम)
(क) तौ विदेशात् धनं अर्जयित्वा नीतवन्तौ                                      अपादान कारकम्
(ख) स अपरेण सह आगत्य निष्कास्यति                                        करण कारकम्
(ग) द्वौ अपि वृक्षस्य अन्तिकम् आगत्वन्तौ                                       सम्बन्ध कारकम्
(घ) राजा सैनिकान्  आदिष्टवान्                                                      कर्म कारकम्
(ङ) सैनिकाः वृक्षकोटरे स्थितं जनं आनीतवन्तः।                            अधिकरण कारकम्

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प्रश्न 5.
सन्धि-विच्छेदं कुरुत (UPBoardSolutions.com) (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम्                                         सन्धि-विच्छेदः
(क) धर्मचन्दश्च                           धर्मचन्दः + च
(ख) द्वयोर्मध्ये                             द्वयोः + मध्ये
(ग) समुत्सुकानाम्                      सम् + उत्सुकानाम्
(घ) शुष्कन्धनम्                          शुष्क + ईन्धनम्

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प्रश्न 6.
रेखांकितपदानि अधिकृत्य प्रश्पनिर्माणं कुरुत (करके)
(क) एकस्मिन ग्रामे द्वे मित्रे प्रतिवसतः।                     कस्मिन् ग्रामे द्वे मित्रे प्रतिवसतः?
(ख) तौ विदेशात् धनं अर्जयित्वा नीतवन्तौ।                कौ विदेशात् धनं अर्जयित्वा नीतवन्तौ?
(ग) धर्मचन्दः अतीव चतुरः छमबुधिश्च आसीत्।           कः अतीव चतुरः छद्मबुद्धिश्च आसीत?

प्रश्न 7.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) एक गाँव में दो मित्र रहते थे।
अनुवाद : एकस्मिन् ग्रामे द्वे मित्रे प्रतिवसतः।
(ख) वे दोनों विदेश से धन अर्जित कर ले आये।
अनुवाद : तौ विदेशात् (UPBoardSolutions.com) धनं अर्जयित्वा नीतवन्तौ।

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(ग) मनोहर सरल और सत्यनिष्ठ था।
अनुवाद : मनोहरः सरलः सत्यनिष्ठश्च आसीत्।
(घ) सैनिक वृक्ष के कोटर में स्थित व्यक्ति को बाहर ले आये।
अनुवाद : सैनिकाः वृक्षकोटरे स्थितं जनं (UPBoardSolutions.com) बहिः आनीतवन्तः।

नोट –
विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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