UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 9 मेघ बजे, फूले कदम्ब (मंजरी)

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 9 मेघ बजे, फूले कदम्ब (मंजरी)

समस्त पद्याशों की व्याख्या

मेघ बजे फूले कदंब कविता मेघ बजे

धिन-धिन-धा ……………………….. धिन-धिन-धा….।

संदर्भ:
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘मेघ बजे, फूले (UPBoardSolutions.com) कदम्ब’ नामक कविता से उद्धत की गई हैं। इसके रचयिता वैद्यनाथ मिश्र ‘नागार्जुन’ हैं।

प्रसंग:
प्रस्तुत कविता में कवि ने बादलों की उमड़-घुमड़ एवं उनकी ध्वनि का मार्मिक चित्रण किया है।

व्याख्या:
धिन-धिन-धा और धमक-धमक के साथ बादल गर्जना करने लगे। बादलों में बिजली चमक ली। बादलों की गर्जना हुई, मेंढक ने बोलना शुरू कर दिया। धरती का ऊपरी तले पानी से धुल गया। कीचड़ भी चंदन समान लग रहा है क्योंकि पानी बरसने से जमीन (UPBoardSolutions.com) जोतने योग्य हो गई। इस कार हुल का स्वागत होने लगा। बादल धिन-धिन करके गर्जना करने लगे।

फूले कदम्ब……………………. फूले कदम्ब।

संदर्भ:

पूर्ववत् ।

प्रसंग:
अवि ने सावन में फैली हरियाली तथा फूले हुए कदम्ब का सजीव चित्रण किया है।

व्याश्या:
सावन के महीने में कदम्ब फूल आ जाते हैं। उनकी प्रत्येक टहनी पर गेंद के समान वह अब भी बरस रहा है। ललचाई आँखों से पपीहा स्वाति नक्षत्र की बूंद के लिए तरस रहा है। मेरा मन कहता है कि कदम्ब पर बैठ जाऊँ। कदम्ब फूले हुए हैं। (UPBoardSolutions.com)

प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को

Megh Baje Fule Kadam प्रश्न 1:
चित्र देखिए और बताइए कि वर्षा ऋतु में गाँव में रहने वालों के समक्ष क्या-क्या समस्याएँ हो सकती हैं और उनके निदान के लिए क्या उपाय हो सकते हैं?
उत्तर:
वर्षा के दिनों में गाँव के लोगों की समस्याएँ- सड़क (UPBoardSolutions.com) कच्ची होने के कारण पानी भर जाता है जिससे आवागमन की समस्या पैदा हो जाती है। लकड़ी, उपले आदि के गीले होने पर सूखे ईंधन की समस्या बढ़ जाती है।
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उपाय:
सड़कों की मरम्मत कराकर तथा नालियों को पक्की तथा गहरी बनाकर पानी के निकास की व्यवस्था की जा सकती है। जिससे कीचड़ से बचा जा सकता है। गाँव में वर्षा के दिनों में एल०पी०जी० गैस का प्रयोग करके सूखे ईंधन की समस्या से बचा जा सकता है।

Megh Baje Phule Kadam Kavita प्रश्न 2:
आपने कविता में पढ़ा-धिन-धिन-धा, धमक-धमक मेघ बजे। (UPBoardSolutions.com) यह तबले का एक बोल है, इसी तरह अन्य वाद्ययंत्रों के भी बोल होते हैं। पता लगाएँ- ढोल, सितार, बाँसुरी, हारमोनियम के कौन-कौन से बोल होते हैं?
उत्तर:
ढोल – ढम – ढम
सितार – टींग – टींग
बाँसुरी – पीऊँ – पीऊँ
हारमोनियम – सा रे गा मा….

विचार और कल्पना

फूले कदंब कविता का अर्थ प्रश्न 1:
निम्नांकित कविता को धयान से पढ़िए
बिजली चमकी कड़कड़-कड़।
बादल गरजा गड़-गड़-गड़। पानी बरसा तड़-तड़-तड़।
नानी बोली पढ़-पढ़-पढ़।

यह कविता आपके ही एक साथी द्वारा लिखी गयी है। (UPBoardSolutions.com) आप भी कविता लिख सकते हैं। नीचे लिखे शब्दों की मदद से ऐसी ही एक कविता की रचना कीजिए
धमक, चमक, दमक, महक
उत्तर:
बादल आया धमक   –  धमक
बिजली चमकी चमक  –  चमक
धरा रही है दमक  –  दमक
खिल गए फूल सब महक  –  महक।

UP Board Solution Class 7 Hindi प्रश्न 2:
बताइए, निम्नांकित ऋतुओं में आप अपने आस-पास क्या-क्या परिवर्तन देखते हैं
(क) बरसात में
( ख ) जाड़े में
(ग) गर्मी में
उत्तर:
(क) बरसात में: बरसात में चारों ओर कीचड़ फैल जाता है। कीड़े-मकोड़ों की वृद्धि हो जाती है। चारों ओर हरियाली छा जाती है।
(ख) जाड़े में : जाड़े में लोग स्वेटर, जर्सी आदि ऊनी वस्त्र पहनते हैं। (UPBoardSolutions.com) पानी बहुत ठण्डा हो जाता है। रातें बड़ी तथा दिन छोटे हो जाते हैं। दिन की अपेक्षा रातें ठण्डी होती हैं।
(ग) गर्मी में : गर्मी में लोग सूती तथा हल्के वस्त्र पहनते हैं। गर्मी के मौसम में दिन भर गर्म हवाएँ चलती हैं। दिन बड़े तथा रात छोटी हो जाती है। रात की अपेक्षा दिन अधिक गर्म रहता है।

कविता से

UP Board Class 7 Hindi Book Pdf Download प्रश्न 1:

(क) “धरती का हृदय धुला’ और ‘दादुर का कंठ खुला’ से क्यो आशय है?

उत्तर:
धरती को हृदय धुला’ से कवि का आशय यह है कि बादलों के बरसने से प्यासी धरा तृप्त हो गई, धूल चंदन रूपी कीचड़ बन गई, क्योंकि भूमि जोतने योग्य बन गई। ‘दादुर का कंठ खुला से कवि का आशय है-बादलों के बरसने से प्रसन्न मेंढक टर्र-टर्र कर गाने लगे। (UPBoardSolutions.com)

(ख) “जाने कब से तू तरस रहा” पंक्ति में ‘तू’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर:
यहाँ ‘तू’ पपीहा के लिए प्रयुक्त हुआ है। वह स्वाति नक्षत्र की बूंद के लिए तरसता रहता है।

(ग) कवि ने कदम्ब के फूलों की तुलना ‘कन्दुक’ से क्यों की है?
उत्तर:
कन्दुक का अर्थ है-गेंद। गेंद गोल होती है। (UPBoardSolutions.com) कदम्ब के फूलों की गोल आकृति के कारण उनकी तुलना कन्दुक से की गई है।

UP Board Solution Class 7 प्रश्न 2.
इन पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) पंक बना हरिचन्दन
हल का है अभिनन्दन
उत्तर:
कवि कहता है बादल के बरसने से जो कीचड़ बन रहा है, वह भी हरिचंदन के समान है। क्योंकि इसी कीचड़ में किसान फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं। हल का अभिनंदन हो रहा है, किसान, उसे काँधे पर लिए खेतों की ओर निकल पड़े हैं। (UPBoardSolutions.com)

(ख) बादल का कोप नहीं रीता
जाने कब से वो बरस रहा
ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा
उत्तर:
ये पंक्तियाँ पपीहे को इंगितकर लिखी गई हैं। कवि कहता है कि बादल का कोप रीता नहीं है यानी वह लगातार बरस रहा है और बहुत समय से बरस रहा है लेकिन पपीहे की प्यास अभी भी नहीं बुझ रही। वह तो ललचाई आँखों से अभी (UPBoardSolutions.com) भी स्वाति नक्षत्र में बरसनेवाली उस एक बूंद की प्रतीक्षा में प्यासा है।

भाषा की बात

Kaksha 7 Manjari प्रश्न 1:
निम्नांकित शब्दों के तुकान्त शब्द कविता से छाँटकर लिखिए
खुला, हरिचन्दन्, दमक, रीता, बरस, झूले।
उत्तर:
Megh Baje Fule Kadam UP Board Solutions For Class 7 Hindi Chapter 9

UP Board Solution.Com Class 7 प्रश्न 2:
कविता की निम्नांकित पंक्तियों को पढ़िए
‘ललचाई आँखों से नाहक
जाने कब से तू तरस रहा’ इनमें ‘नाहक’ शब्द का प्रयोग हुआ है। (UPBoardSolutions.com) यह शब्द अरबी भाषा का है, जिसमें ‘ना’ उपसर्ग लगा हुआ है। ‘ना’ उपसर्ग रहित (नहीं) के अर्थ में प्रयोग होता है। इसी तरह के और भी शब्द हैं जैसे- नासमझ…………। आप इस प्रकार के चार शब्दों को ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
नादान, नाराज, नापसन्द, नालायक।

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