UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व)

We are providing Free PDF download of UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व), all the important Questions and Answers with detailed explanation that aims to help students to understand the concepts better.

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

तात्या टोपे का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवाले नामक गाँव में सन 1814 में हुआ था। इनका वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग येवालकर था। इनके पिता बाजीराव पेशवा के गृह प्रबंध विभाग के प्रधान थे। बाजीराव 1818 में अंग्रेजों से युद्ध हार गए। उन्हें पूरा छोड़ना पड़ा। तात्या के पिता भी पेशवा के साथ पूना से कानपुर के पास बिठूर आ गए। यहीं पर बचपन में तात्यी पेशवा के पुत्र नाना साहब, लक्ष्मीबाई (मनु) (UPBoardSolutions.com) आदि के साथ युद्ध के खेल खेला करते थे। तात्या आजीवन अविवाहित रहे। 1851 में पेशवा की मृत्यु के बाद नाना साहब बिठूर के राजा बने। 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में कानपुर छावनी में तात्या ने अंग्रेजी सेना पर हमला कर दिया। इस युद्ध में तात्या की विजय हुई और अंग्रेजी सैन्य अधिकारी व्हीलर को आत्म-समर्पण करना पड़ा। तात्या अपने कुशलता और बहादुरी के बल पर स्वाधीनता संघर्ष में सबसे लंबी अवधि 17 जुलाई, 1857 से अपने पकड़े जाने तक अर्थात 7 अप्रैल, 1859 तक अंग्रेजी फौजों से गोरिल्ला (छापामार) युद्ध करते रहे। इस कारण उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गुरिल्ला युद्ध के सेनानायक के रूप में प्रसिधि मिली। तात्या नाना साहब के सेनाध्यक्ष थे। उन्होंने लगातार 8 महीनों तक पीछा करने वाली अंग्रेजी फौजों को छकाए रखा। स्वतंत्रता संघर्ष के वीरों में से एकमात्र बचे अंतिम और सर्वश्रेष्ठ वीर तात्या को अंग्रेजों ने धोखे से गिरफ्तार कर लिया। 14 अप्रैल 1859 को उन्हें फाँसी दे दी गई। उनका नाम सदैव एक राष्ट्रीय वीर पुरुष के रूप में सम्मान पूर्वक लिया जाता रहेगा।

UP Board Solutions

अभ्यास-प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए

प्रश्न 1:
तात्या टोपे का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
उत्तर:
तात्या टोपे का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के (UPBoardSolutions.com) निकट पटौदी जिले के येवाले नामक गाँव में सन् 1814 में हुआ था।

UP Board Solutions

प्रश्न 2:
‘तात्या टोपे एक योग्य सेनानायक थे। संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
तात्या को पहली बार सेनानायक के रूप में अपनी योग्यता के प्रदर्शन का मौका वर्ष 1857 में मिला जब उन्होंने कानपुर छावनी में अंग्रेजी फौज पर हमला बोला और अंग्रेजी सैन्य अधिकारी व्हीलर को आत्मसमर्पण करना पड़ा। वह अपनी कुशलता और बहादुरी के बल पर पहले स्वतंत्रता संग्राम में सबसे लंबी अवधि अर्थात 17 जुलाई, 1857 से 8 अप्रैल, 1859 तक डटे रहे। उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गोरिल्ला युद्ध के सेनानायक (UPBoardSolutions.com) के रूप में प्रसिधि मिली।

प्रश्न 3:
नाना साहब ने तात्या को अपना सेनाध्यक्ष क्यों बनाया?
उत्तर:
जुलाई, 1857 में अंग्रेजी सेना ने कानपुर में धावा बोल दिया। माना की सेना और अंग्रेजी सेना में भीषण युद्ध हुआ, लेकिन अंततः विजय श्री अंग्रेजों को मिली। इस पराजय के बाद नाना साहब ने अपने पूर्व सेनाध्यक्ष को (UPBoardSolutions.com) हटाकर तात्या को अपना सेनाध्यक्ष बना दिया।

UP Board Solutions

प्रश्न 4:
झाँसी की रानी की सहायता के लिए उनके करीब पहुँचकर भी तात्या को वहाँ से क्यों हटना पड़ा?
उत्तर:
तात्या 20000 सैनिकों की विशाल फौज के साथ लक्ष्मीबाई की सहायता के लिए झाँसी के निकट पहुँच गए थे लेकिन तभी सूचना पाकर यरोज विशाल अंग्रेजी सेना के साथ वहाँ आ धमका। इस युद्ध में अंग्रेजों के अच्छे तोपखाने के कारण तात्या की सेना को पीछे हटना पड़ा।

UP Board Solutions

प्रश्न 5:
“तात्या टोपे गोरिल्ला युदधा में विश्व स्तर के सेनानायक थे। (UPBoardSolutions.com) इसके पक्ष में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम में तात्या अपनी कुशलता और बहादुरी के बल पर सबसे लंबी अवधि अर्थात 17 जुलाई, 1857 से अपनी गिरफ्तारी होने तक अर्थात 8 अप्रैल, 1859 तक अंग्रेजों के नाक में दम करते रहे। इस कारण उन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ गोरिल्ला युद्ध के सेनानायक के रूप में प्रसिद्धि मिली।

We hope the Class 7 Hindi UP Board Solutions for Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 22 तात्या टोपे (महान व्यक्तित्व) drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

error: Content is protected !!
Scroll to Top