UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी)

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 नीति के दोहे (मंजरी)

समस्त पद्याशों की व्याख्या
(क) कबीरदास

नीति के दोहे Class 6 दुर्बल को न ………………….. स्वै-जाय ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी के “नीति के दोहे” नामक पाठ से लिया गया है। यह दोहा महान सन्त कबीरदास जी द्वारा रचित है।

प्रसंग प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने दुर्बलों को न सताने की शिक्षा दी है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि असहाय, निर्बल व्यक्ति (UPBoardSolutions.com) को दुख नहीं देना चाहिए, क्योंकि उसकी हाय बहुत बुरी होती है। यदि मरी खाल की धौंकनी से लोहा गर्ल सकता है, तो जीवित (मनुष्यों) की आह से क्या नहीं हो सकता।

Niti Ke Dohe Class 6 मधुर वचन ……………….. सरीर ।।2।।

संदर्भ – पूर्ववत् ।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठी वाणी सभी को प्रिय लगती है।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मीठे (प्रिय) वचन दवाई के समान प्राणरक्षक होते हैं; जबकि तीखे (कड़वे) वचन तीर के समान होते हैं और कानों से होते हुए सारे शरीर को छेद डालते हैं। आशय यह है कि मीठी वाणी बोलनी चाहिए।

UP Board Solution Class 6 Hindi बुरा जो ……………………. न कोय ।।3।।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि मनुष्य को दूसरों के अवगुणों को छोड़कर स्वयं के अवगुणों को देखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि मैं दूसरे लोगों में बुराई देखने चला; परन्तु मुझे कोई बुरा आदमी नहीं । मिल सका। जब मैंने अपने दिल में झाँककर देखा; तब मुझे पता चला कि मैं सबसे बुरा हूँ; क्योंकि मुझमें अनेक अवगुण हैं। आशय यह है कि दूसरों की बुराई देखना ठीक नहीं । अपनी बुराई (दोष) देखकर उसे दूर करना चाहिए।

Neeti Ke Dohe Class 6 साधु ऐसा …………………… उड़ान ।।4।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार में अच्छी और बुरी दोनों (UPBoardSolutions.com) चीजें हैं लेकिन हमें सिर्फ अच्छी चीजों को ही ग्रहण करना चाहिए बुरे पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते है कि संसार में अच्छाई और बुराई दोनों विमान हैं लेकिन मनुष्य को चाहिए कि वह सिर्फ अच्छाई को ही ग्रहण करे और बुराई पर ध्यान न दे। जैसे सूप द्वारा जब अनाज को साफ किया जाता है तो सारी गंदगी बाहर निकल जाती है और सिर्फ अच्छा अनाज बच जाता है। अतः सूप से सीख लेनी चाहिए।

UP Board Class 6 Hindi धीरे-धीरे …………………….. फल होय ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – कबीरदास जी कहते हैं कि किसी भी कार्य के नतीजे (फल) के लिए हमें धैर्य रखना चाहिए।

व्याख्या – कबीरदास जी कहते हैं कि संसार मे कोई भी कार्य समय पर होता है; जैसे माली पेड़ को साल भर सींचता है लेकिन फल ऋतु आने पर ही लगते हैं अर्थात हमें किसी भी काम के नतीजे (प्रतिफल) के लिए इंतजार करना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए।

नीति के दोहे कक्षा 6 (ख) रहीम
वे रहीम ………………….. को रंग ।।1।।

संदर्भ – प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘नीति के दोहे’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता रहीमदास हैं।

प्रसंग – यह रहीम जी की नीति मूलक दोहा है। इसमें जीवन मूल्यों का सरस वर्णन हुआ है।’

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि वे लोग धन्य हैं जो परोपकारियों के साथ रहते हैं। उन्हें भी परोपकार का फल मिलता है। मेंहदी बाँटने वालों के भी हाथ लाल हो जाते हैं।

Class 6 Hindi UP Board रहिमन पानी …………….. मानुस चून ।।2।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत्।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि पानी बचाकर रखना चाहिए क्योंकि बगैर पानी सब कुछ सूना होता है। पानी के चले जाने पर मोती, मनुष्य और चूना ये तीनों महत्त्वहीन हो जाते हैं। मोती का पानी (चमक) के बिना, मनुष्य का पानी (प्रतिष्ठा) के बिना और चूने का पानी (जल) के बिना, कुछ महत्त्व नहीं होता।

नीति के दोहे Class 4 रहिमन………………. कोय ।।3।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते है कि मनुष्य को अपने दुखों को अपने मन में ही रखनी चाहिए, किसी और को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि हम अगर अपने दुखों को किसी और को बताएँगे तो वह हमारा दुख तो कम नहीं करेगा बल्कि हमारी हँसी अवश्य उड़ाएगा।

नीति के दोहे इन हिंदी Class 6 जो बड़ेन ………….. नाहिं ।।4।।

संदर्भ एवं प्रसंग – पूर्ववत।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि अगर कोई योग्य व्यक्ति की बुराई करता है तो वह अपनी हीनता को ही प्रदर्शित करता है क्योंकि जो वास्तव में अच्छा है वह किसी के कहने भर से बुरा नहीं हो जाएगी। अतः हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।

नीति के दोहे प्रश्न उत्तर समय ………….. टूक ।।5।।

संदर्भ – पूर्ववत।

प्रसंग – रहीम जी ने इस दोहे के माध्यम से समय के महत्व को बताया है।

व्याख्या – रहीम जी कहते हैं कि हमें समय के (UPBoardSolutions.com) महत्व को समझना चाहिए। जो मनुष्य समय के महत्त्व को नहीं समझता वह समय निकल जाने पर पछताता है और दुखी होता है तथा सोचता है कि काश हमने समय के महत्त्व को पहचाना होता।

Niti Ke Dohe Question Answer प्रश्न-अभ्यास

कुछ करने को-

नोट- विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

पाठ से

UP Board Hindi Class 6 प्रश्न 1.
नीचे कुछ वाक्य लिखे गए हैं। इनसे सम्बन्धित दोहों को उसी क्रम में लिखिए –

(क) मधुर वाणी औषधि का काम करती है तथा कठोर वाणी तीर की तरह मन को बेध देती है।
उत्तर :
मधुर बचन है औषधि, कटुक बचन है तीर। सेवन द्वार हुवै संचरे, सालै सकल सरीर।

(ख) कोई भी कार्य समय पर ही होता है।
उत्तर :
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।।

(ग) अपने दुख को कहीं उजागर नहीं करना चाहिए।
उत्तर :
रहिमन निज मन की व्यथा, मन ही राखो जोय।
सुनी अटिलैहें लोग सब, बॉटि न लैहें कोय।।

(घ) परोपकार करने वाले लोग प्रशंसनीय होते हैं।
उत्तर :
वें रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।
बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेंहदी को रंग।।

(ङ) दूसरे लोगों में बुराई देखना ठीक नहीं।
उत्तर :
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा ना मिलिया कोय।।
जो दिल खोजा आपनो, मुझ-सा बुरा ना कोय ।।

Hindi Class 6 UP Board प्रश्न 2.
निम्नांकित पंक्तियों के अर्थ स्पष्ट कीजिए
नोट – विद्यार्थी सभी पंक्तियों के अर्थों के लिए सम्बन्धित व्याख्या देखें।

UP Board Class 6 Hindi Book Pdf प्रश्न 3.
माली के दुवारा लगातार पेड़ों को सींचने पर भी फल क्यों नहीं आते हैं?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी काम अपने समय पर होता है। घबराने से कुछ नहीं होता।

UP Board Kaksha 6 Hindi प्रश्न 4.
अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही क्यों रखना चाहिए?
उत्तर :
क्योंकि कोई भी हमारी व्यथा (UPBoardSolutions.com) कम नहीं करता, बल्कि हमारी हँसी उड़ाता है।

भाषा की बात।

UP Board Solution Class 6th Hindi प्रश्न 1.
‘स्रवन द्वार ह्वै संचरे, सालै सकल सरीर’ पंक्ति में ‘स’ वर्ण की आवृत्ति कई बार होने से कविता की सुन्दरता बढ़ गयी है। जहाँ एक वर्ण की आवृत्ति बार-बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण पुस्तक से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :

  1. धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।।
  2. रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।

UP Board Class 6 Hindi Solution प्रश्न 2.
रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती मानस चून।।
उपर्युक्त दोहे में ‘पानी’ शब्द के तीन अर्थ हैं –
मोती के अर्थ में – कांति (चमक)
मनुष्य के अर्थ में – प्रतिष्ठा, सम्मान
चूने के अर्थ में – जल
एक ही शब्द के कई अर्थ होने से यहाँ श्लेष अलंकार है। श्लेष अलंकार का एक और उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
मंगन को देखि ‘पट’ देत बार-बार है।

यहाँ ‘पट’शब्द के दो अर्थ हैं – कपड़ा और द्वार। (UPBoardSolutions.com) इसमें श्लेष अंलकार है। ‘श्लेष’ का अर्थ होता है। ‘चिपका होना’ अर्थात् जहाँ एक ही शब्द में कई अर्थ चिपके हों।

UP Board Solution Hindi Class 6 प्रश्न 3.
पाठ में आये निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम रूप लिखिए (रूप लिखकर) –

नीति के दोहे Class 6 Chapter 4 UP Board Solutions

Class 6 UP Board Hindi प्रश्न 4.
कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जिनके अलग-अलग अर्थ होते हैं, जैसे – ‘तीर’ का अर्थ है ‘बाण’ और ‘नदी’ का किनारा निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए (अर्थ लिखकर) –

  • पट – कपड़ा, द्वार (दरवाजा)
  • दर – दरवाजा (चौखट), दरबार
  • कर हाथ, एक क्रिया (करना)
  • जड़ – किसी वनस्पति का वह भाग जो जमीन के अन्दर रहे, मूर्ख,
  • गोली – बन्दूक या तमंचे से निकलने वाली घातक वस्तु, कंचा
  • सारंग – सिंह, हाथी

इसे भी जानें 

नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।

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