UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 महात्मा बुद्ध (महान व्यक्तिव)

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UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 महात्मा बुद्ध (महान व्यक्तिव)

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पाठ का सारांश

महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। ये कपिलवस्तु के राजा शुद्धोदन के पुत्र थे। सिद्धार्थ तीक्ष्ण बुद्धि के थे, ये जिज्ञासु स्वभाव के थे। इनके विषय में विद्वानों ने घोषणा की थी कि ये एक दिन घर-बार त्यागकर संन्यासी हो जाएँगे। पिता नहीं चाहते थे कि उनका पुत्र संन्यासी हो, अतः उन्होंने इनका विवाह यशोधरा के साथ कर दिया। यशोधरा को एक पुत्र हुआ। पुत्र का नाम राहुल रखा गया। सिद्धार्थ का मन परिवार और राजकार्य में नहीं लगता था।

एक दिन सिद्धार्थ नगर भ्रमण के लिए जा रहे थे। इन्होंने एक वृद्ध को देखा, जो बहुत मुश्किल से चल पा रहा था। इस सम्बन्ध में सारथा से पूछने पर ज्ञात हुआ कि एक दिन सभी की यही दशा होती है। एक दिन इन्होंने देखा कि चार व्यक्ति एक मृतक को लिए जा रहे हैं। सारथी से पूछने पर ज्ञात हुआ कि एक दिन सभी को मरना पड़ेगा। तभी सिद्धार्थ ने इस संसार (UPBoardSolutions.com) के माया-मोह। को छोड़ने का निश्चय कर लिया और एक दिन वे अपनी सुन्दर पत्नी और पुत्र को छोड़ रात्रि में ही घर से निकल गए। संन्यासी की भाँति सिद्धार्थ ज्ञान की खोज में घूमते रहे। कुछ दिनों बाद ये गया पहुँचे और ज्ञान प्राप्ति का संकल्प लेकर एक वट वृक्ष के नीचे बैठ गए। छह वर्ष की कठिन । तपस्या के बाद इन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया, तब ये गौतम बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए।

गौतम बुद्ध ने लोगों को उपदेश दिया कि जीवन में किसी बात की अति न करो, सन्तुलित जीवन जीयो, अहिंसा का पालन करो, कभी किसी को मत सताओ। किसी प्राणी की हत्या मत करो। सभी के साथ भाई-चारे का जीवन बिताओ। सत्य का पालन करो।

गौतम बुद्ध कहते थे कि दूसरों की भलाई करो। परोपकार से मित्रता करो। इन्होंने लोगों को बताया कि सागर की तरह गम्भीर बनो। मन में अच्छे विचार रखो। इनका कहना था कि स्वास्थ्य से बढ़कर (UPBoardSolutions.com) कोई लाभ नहीं। जाति-पाँति का भेद-भाव ठीक नहीं। बुद्ध का धर्म बौद्ध धर्म के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गौतम बुद्ध ने अपने प्रेम बंधन में सभी को बाँध लिया।

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अभ्यास

प्रश्न 1.
सिद्धार्थ हिरण पर तीर क्यों नहीं चला सके?
उत्तर :
सिद्धार्थ हिरण पर तीर इसलिए नहीं चला सके, क्योंकि हिर, की माँ अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से दया-याचना के भावों से सिद्धार्थ की ओर देख रही थी। उसे देखकर सिद्धार्थ का हृदय द्रवित हो गया और वे लौट गए।

प्रश्न 2.
वे कौन-सी घटनाएँ थीं, जिन्हें देखकर सिद्धार्थ को दुनिया से विरक्ति हो गई?
उत्तर :
एक दिन सिद्धार्थ नगर भ्रमण के लिए घर से निकले। रास्ते में उन्हें एक वृद्ध (बूढ़ा मनुष्य) मिला, वह लाठी के सहारे चल रहा था। सारथी से पूछने पर उसने बताया कि वृद्ध होने पर सबकी यही दशा होती है। यह सुनकर ये बहुत दुखी हुए।

इसी प्रकार, एक दिन इन्होंने शिकार पर जाते समय एक मृतक को देखकर सारथी से पूछा। सारथी ने कहा- “सबको एक दिन अवश्य मरना है।” इन दोनों घटनाओं को देखकरे सिद्धार्थ को दुनिया से विरक्ति हो गई।

प्रश्न 3.
सिद्धार्थ बुद्ध कैसे बने?
उत्तर :
सिद्धार्थ गृह त्यागने के बाद संन्यासी की भांति जगह-जगह घूमते रहे। कुछ दिनों बाद वे गया पहुँचे और ज्ञान प्राप्त करने का संकल्प लेकर एक पीपल के वृक्ष के नीचे बैठ गए। छह वर्ष की कठिन साधना के (UPBoardSolutions.com) बाद उन्हें अनुभव हुआ कि ज्ञान प्राप्त हो गया है और जीवन की समस्याओं को हल मिल गया है। तभी से सिद्धार्थ बुद्ध कहलाने लगे।

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प्रश्न 4.
गौतम बुद्ध ने संसार को कौन-कौन सी शिक्षाएँ दीं?
उत्तर :
गौतम बुद्ध ने संसार को बताया कि संसार में दुख ही दुख है। दुख का कारण सांसारिक वस्तुओं के लिए इच्छा और कामना है। दुख से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य को अष्टमार्ग पर चलना चाहिए। सब भाई-चारे एवं प्रेम से रहें, पवित्रता से जीवन बिताएँ, सत्य का पालन करें। घृणा को घृणा से नहीं, बल्कि प्रेम से जीतना चाहिए। सदैव दूसरों की भलाई करनी चाहिए। दया, स्नेह एवं करुणा को अपनाना चाहिए। मनुष्य को धैर्यवान बनना चाहिए। उसे किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। मनुष्य (UPBoardSolutions.com) को सन्तोष से काम लेना चाहिए तथा स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहिए। जाति-पाँति का भेदभाव दूर करना चाहिए।

प्रश्न 5.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –

(क) सिद्धार्थ की पत्नी का नाम यशोधरा था।
(ख) सिद्धार्थ ने सेवक से कहवा दिया कि अब मैं सत्य की खोज करके ही लौगा।
(ग) उन्हें छह वर्ष की कठिन साधना के बाद ज्ञान प्राप्त हुआ।

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