UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

We are providing Free PDF download of UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना all the Questions and Answers with detailed explanation that aims to help students to understand the concepts better.

UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 13 चिड़िया का दाना

चिड़िया का दाना शब्दार्थ

तनख्वाह = वेतन
भलमनसाहत = सज्जनता
क्रूर = निर्दय
अभियुक्त = जिसपर किसी प्रकार के अपराध का आरोप लगा हो
बन्दोबस्त = इंतजाम, व्यवस्था

चिड़िया का दाना पाठ का सारांश

एक चिड़िया को कहीं से मटर का दाना मिल गया। वह उसे बढ़ई को सौंपकर नहाने नदी पर चली गई। लौटने पर जब उसने दाना माँगा, तो बढ़ई ने इंकार कर दिया। चिड़िया ने सिपाही से बढ़ई की शिकायत की। सिपाही ने चिड़िया की बात नहीं सुनी, क्योंकि उसे एक अभियुक्त के यहाँ दावत खानी थी। चिड़िया ने थानेदार से कहा। उसने चिड़िया को डाँटा और कहा कि मन्त्री जी आ रहे हैं। उचित सुरक्षा व्यवस्था करके थानेदार तरक्की चाहता है। मन्त्री के आने पर चिड़िया ने तीनों की शिकायत की। मंत्री ने मदद तो करनी चाही, परन्तु उसके पास समय नहीं था क्योंकि राजा आने वाला था। चिड़िया को सन्तोष था, क्योंकि मंत्री ने कम-से-कम ढंग से बात तो की। जब राजा आया तो चिड़िया ने उसे अपनी समस्या बताई। राजा प्रजा को दर्शन देने जा रहा था। वह नाराज हुआ, क्योंकि जरा-सी चिड़िया ने उसका हाथी रोक दिया था। सारे प्रशासनिक अधिकारियों को राजा सहित चिड़िया ने बेकार पाया।

वह निराश होकर चींटी के पास गई। चींटी ने हाथी को डराया। वह उसके सैंड में काट सकती थी। हाथी ने राजा से चिड़िया की मदद करने को कहा। राजा ने मंत्री को बुलाया और मंत्री ने थानेदार को आदेश दिया। थानेदार ने सिपाही की खिंचाई की। सिपाही ने बढ़ई को डाँट लगाकर चिड़िया को दाना दिलाया। चिड़िया ने खूब छककर खाया।

चिड़िया का दाना अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

प्रश्न १.
समानार्थक शब्द लिखो- (लिखकर)
खुश – प्रसन्न
हिम्मत – साहस
तरक्की – उन्नति

थानेदार – दारोगा
मदद – सहायता
घमंडी – अभिमानी

प्रश्न २.
दिए गए वाक्यों में प्रयुक्त क्रिया-विशेषण’ शब्द चुनकर लिखो- (लिखकर)
उत्तर:
(क) बहुत
(ख) रो-रोकर
(ग) धड़ाम से
(घ) छककर

भाव बोध

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) चिड़िया को दाना बढ़ई के पास क्यों छोड़ना पड़ा?
उत्तर:
चिड़िया को दाना बढ़ई के पास इसलिए छोड़ना पड़ा, क्योंकि वह उसे सुरक्षित रखना चाहती थी।

(ख) चिड़िया के पूछने पर बढ़ई ने क्या कहा?
उत्तर:
बढ़ई ने कहा कि मैं तुम्हारा नौकर थोड़े ही हूँ। मुझे तो सरकार से वेतन मिलता है। तुम्हारा दाना कहीं गिर गया होगा।

(ग) दाना खो जाने के बाद चिड़िया न्याय के लिए किस-किस के पास गई?
उत्तर:
चिड़िया सिपाही, थानेदार, मंत्री, राजा और चींटी के पास गई।

(घ) दाना खो जाने के बाद थानेदार ने क्या कहकर मदद से इनकार कर दिया?
उत्तर:
थानेदार ने कहा कि मंत्री आ रहा है। उसकी अच्छी सुरक्षा व्यवस्था करके थानेदार को नौकरी में तरक्की लेनी है।

(ङ) किसी के द्वारा मदद न किए जाने पर चिड़िया को कैसा लगा होगा?
उत्तर:
चिड़िया मदद न मिलने पर बहुत निराश हुई होगी।

(च) चिड़िया ने मंत्री को थोड़ा-बहुत सज्जन क्यों माना?
उत्तर:
चिड़िया ने मंत्री को थोड़ा-बहुत सज्जन इसलिए माना क्योंकि वह उसकी मदद करना चाहता था।

(छ) चिड़िया ने राजा से क्या कहा?
उत्तर:
चिड़िया ने राजा से कहा, “राजा जी, आप तो इस देश के मालिक हैं, क्या मेरी मदद करेंगे।”

(ज) चींटी ने किस प्रकार चिड़िया की मदद की?
उत्तर:
चींटी ने हाथी को डराया। हाथी ने राजा से कहा। राजा ने मंत्री को बुलाया। मंत्री ने दारोगा से कहा। दारोगा ने सिपाही को डाँट लगाई। सिपाही ने बढ़ई को पीटकर दाना चिड़िया को दिया। इस प्रकार चींटी ने चिड़िया की मदद की।

प्रश्न २.
लिखो
(क) थानेदार की बात सुनकर देश के लोगों के विषय में चिड़िया ने क्या सोचा?
उत्तर:
चिड़िया ने सोचा कि सारा देश स्वार्थी है। किसी को भी दूसरे की चिंता नहीं।

(ख) चींटी ने हाथी से क्या कहा?
उत्तर:
चींटी ने हाथी से कहा कि चिड़िया की मदद के लिए. राजा को मजबूर करो, नहीं तो सैंड काट लूँगी।

प्रश्न ३.
किसने कहा? किससे कहा?
(क) “मैं तुम्हारा नौकर थोड़े ही हूँ, मुझे तो सरकार से वेतन मिलता है।”
उत्तर:
बढ़ई ने चिड़िया से कहा।

(ख) “ऐ घमंडी चिड़िया, तेरी यह मजाल कि मुझे जाते हुए रोके!”
उत्तर:
सिपाही ने चिड़िया से कहा।

(ग) “आप चिड़िया की बात सुन लीजिए।”
उत्तर:
हाथी ने राजा से कहा।

प्रश्न ४.
तुम्हारी क्या राय है?
(क) असली दोषी कौन था?
उत्तर:
असली दोषी बढ़ई था।

(ख) मटर के एक दाने के लिए चिड़िया की भाग-दौड़ के विषय में।
उत्तर:
इस भाग-दौड़ से चिड़िया को पता चल गया कि देश के सभी लोग स्वार्थी हैं। किसी को किसी की मदद करने की चिंता ही नहीं। चिड़िया चाहती, तो इतनी दौड़-धूप न करके, दूसरा दाना प्राप्त कर लेती। तब उसे ज्यादा लाभ होता, परन्तु उसे दुनियादारी या लोक-व्यवहार का ज्ञान नहीं होता। यह आधुनिक प्रशासनिक पद्धति का प्रतीक है।

तुम्हारी कलम से – अब करने की बारी
विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

इसे भी जानो – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

error: Content is protected !!
Scroll to Top