Free PDF download of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम् is the part of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi. Here we help students prepare well for their Class 12 CBSE board exam, as well as competitive exams.
Board | UP Board |
Textbook | SCERT, UP |
Class | Class 12 |
Subject | Sahityik Hindi |
Chapter | Chapter 2 |
Chapter Name | संस्कृतभाषायाः महत्त्वम् |
Number of Questions Solved | 8 |
Category | UP Board Solutions |
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्
संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्ग द्यांशों का सन्दर्भ-सहित हिन्दी अनुवाद
संस्कृत भाषायाः महत्वम् हिन्दी अनुवाद गद्यांश 1.
धन्योऽयं भारतदेशः यत्र समुल्लसति जनमानसपावनी, भव्यभावोद्भाविनी, शब्द-सन्दोह-प्रसविनी सुरभारती। विद्यमानेषु निखिलेष्वपि वाङ्मयेषु अस्याः वाङ्मयं सर्वश्रेष्ठं सुसम्पन्नं च वर्तते। इयमेव भाषा संस्कृतनाम्नापि लोके प्रथिता अस्ति। अस्माकं रामायण-महाभारताचैतिहासिकग्रन्थाः, चत्वारो वेदाः, सर्वाः, उपनिषदः, अष्टादशपुराणानि, अन्यानि च महाकाव्यनाट्यादीनि अस्यामेव भाषायां लिखितानि सन्ति। इयमेव भाषा सर्वासामार्यभाषाणां जननीति मन्यते भाषातत्वविद्भिः। संस्कृतस्य गौरवं बहुविधज्ञानाश्रयत्वं व्यापकत्वं च न कस्यापि दृष्टेरविषयः। संस्कृतस्य गौरवमेव दृष्टिपथमानीय सुम्यगुक्तमाचार्यप्रवरेण दण्डिना -संस्कृतं नाम दैवी वागन्वाख्याता महर्षिभिः। (2017, 13, 10)
सन्दर्भ प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ के ‘संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्’ नामक पाठ से उद्धृत हैं।
अनुवाद धन्य हैं यह भारत देश, जहाँ जनमानस को पावन (पवित्र) करने वाली, अच्छे भावों को उत्पन्न करने वाली, शब्द-समूह को जनने वाली देववाणी (संस्कृत) शोभायमान है। विद्यमान समस्त साहित्यों में इसका साहित्य सर्वश्रेष्ठ और सुसम्पन्न है। यही भाषा संसार में संस्कृत नाम से भी प्रसिद्ध है। इसी भाषा में हमारे ‘रामायण’, ‘महाभारत’ आदि ऐतिहासिक ग्रन्थ, चारों वेद, समस्त उपनिषद्, अठारह पुराण तथा अन्य महाकाव्य, नाटक आदि लिखे गए हैं। भाषा वैज्ञानिक इसी भाषा को समस्त आर्य भाषाओं की जननी मानते हैं। संस्कृत का गौरव, इसके विविध प्रकार के ज्ञान को आश्रय प्रदान करना तथा इसकी व्यापकता किसी की दृष्टि से ओझल नहीं है। संस्कृत के गौरव को महत्त्व देते हुए आचार्य श्रेष्ठ दण्डी ने ठीक ही लिखा है-संस्कृत को महर्षियों ने देववाणी कहा है।
Class 12 Hindi Sanskrit Chapter 2 गद्यांश 2
संस्कृतस्य साहित्यं सुरसं, व्याकरणञ्च सुनिश्चितम्। तस्य गद्ये पद्ये च। लालित्यं, भावबोधसामर्थ्यम्, अद्वितीयं श्रुतिमाधुर्यञ्च वर्तते। किं बहुना चरित्रनिर्माणार्थ यादृशीं सत्प्रेरणां संस्कृतवाङ्मयं ददाति ने तादृशीं किञ्चिदन्यत्। मूलभूतानां मानवीयगुणानां यादृशी विवेचना संस्कृतसाहित्ये वर्तते नान्यत्र तादृशी। दया, दानं, शौचम्, औदार्यम्, अनसूया, क्षमा, अन्ये चानेके गुणाः अस्य साहित्यस्य अनुशीलमेन सजायन्ते।’ (2018, 16, 14, 12, 11, 10)
सन्दर्म पूर्ववत्।
अनुवाद संस्कृत साहित्य रसपूर्ण तथा सुनिश्चित व्याकरण वाला है। उसके गद्य एवं पद्य में लालित्य, भाव अभिव्यक्ति की शक्ति और अद्वितीय श्रुति-माधुर्य का गुण विद्यमान है।
अधिक क्या कहा जाए!
संस्कृत साहित्य चरित्र निर्माण के लिए जिस प्रकार की अच्छी प्रेरणा प्रदान करता है, वैसी कोई और नहीं करता। संस्कृत साहित्य में मूलभूत मानवीय गुणों की जैसी विवेचना है, वैसी अन्यत्र नहीं है। इस साहित्य के अध्ययन से दया, दान, पवित्रता, उदारता, ईष्र्या न करना, क्षमा तथा अन्य अनेक गुण उत्पन्न होते हैं।
Class 12 Sanskrit Chapter 2 गद्यांश 3
संस्कृतसाहित्यस्य आदिकवि: वाल्मीकिः, महर्षव्या॑सः, कविकुलगुरुः कालिदासः अन्ये च भास-भारवि-भवभूत्यादयो महाकवयः स्वकीयैः ग्रन्थरत्नैः अद्यापि पाठकानां हदि विराजते। इयं भाषा अस्माभिः मातृसमं सम्माननीया वन्दनीया च, यतो भारतमातुः स्वातन्त्र्यं, गौरवम्, अखण्डत्वं सांस्कृतिकमेकत्वञ्च संस्कृतेनैव सुरक्षितं शक्यन्ते। इयं संस्कृतभाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति। ततः सुष्टूक्तम् ‘भाषासु मुख्या मधुरा दिव्या गीर्वाणभारती’ इति।। (2018, 16, 14, 12, 10)
सन्दर्भ पूर्ववत्।
अनुवाद आज भी संस्कृत साहित्य के आदिकवि वाल्मीकि, महर्षि व्यास, कविकुलगुरु कालिदास तथा भास, भारवि, भवभूति आदि अन्य महावि अपने ग्रन्ध-रत्नों के कारण पाठकों के हृदय में विराज रहे हैं।
हमारे लिए यह भाषा माता के सदृश सम्माननीय तथा वन्दनीय है, क्योंकि संस्कृत के द्वारा ही भारतमाता की स्वतन्त्रता, प्रतिष्ठा, अखण्डता तथा सांस्कृतिक एकता सुरक्षित रह सकती है।
यह संस्कृत भाषा समस्त भाषाओं में सबसे प्राचीन एवं श्रेष्ठ है। अतः ठीक ही कहा गया है-“देव भाषा (संस्कृत) सभी भाषाओं में प्रधान, मधुर एवं दिव्य है।”
Sanskrit Bhasha Mahatvam Class 12 प्रश्न – उत्तर
प्रश्न-पत्र में संस्कृत दिग्दर्शिका के पाठों (गद्य व पद्य) मे से चार अतिलघु उत्तरीय प्रश्न दिए जाएँगे, जिनमें से किन्हीं दो के उत्तर संस्कृत में लिखने होंगे, प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 अंक निर्धारित हैं।
Sanskrit Class 12 Chapter 2 UP Board प्रश्न 1.
सर्वासाम् आर्यभाषाणां जननी का भाषा अस्ति?
उत्त:
सर्वासाम् आर्यभाषाणां जननी संस्कृतभाषा अस्ति।
Sanskrit Class 12 Chapter 2 प्रश्न 2.
संस्कृत साहित्यस्य का विशेषता अस्ति? (2014, 13)
उत्तर:
‘संस्कृत साहित्यम् सरसं मधुरं च अस्ति’ इति संस्कृत साहित्यस्य विशेषता।
Sanskrit Class 12 Chapter 2 Question Answer प्रश्न 3.
संस्कृत साहित्यस्य आदिकविः कः आसीत्? (2018, 14, 13, 12, 11, 10)
अथवा
संस्कृतस्य आदिकविः कः अस्ति? (2018, 16, 12, 11, 10)
उत्तर:
संस्कृत साहित्यस्य आदिकवि: वाल्मीकिः आसीत्।
संस्कृत साहित्य कक्षा 12 प्रश्न 4.
संस्कृतभाषायाः मुख्याः कवयः के सन्ति? (2010)
उत्तर:
वाल्मीकिः, वेदव्यासः, कालिदासः, भास, भारवि च भवभूति संस्कृतस्य प्रमुखाः कवयः सन्ति।
संस्कृतभाषायाः महत्वम् प्रश्न 5.
व्यासः किं रचितवान? (2012, 10)
उत्तर:
व्यास: महाभारत रचितवान्।
Sahityik Hindi Class 12 UP Board प्रश्न 6.
का भाषा सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा चास्ति? (2012)
उत्तर:
सर्वासु भाषासु प्राचीनतमा श्रेष्ठा च भाषा संस्कृतभाषा चास्ति।
Sahitya Hindi Class 12 UP Board प्रश्न 7.
का भाषा देवभाषा इतिज्ञाता? (2017)
उत्तर:
संस्कृत-भाषा देवभाषा इति नाम्ना ज्ञाता।
साहित्यिक हिंदी कक्षा 12 प्रश्न 8.
का भाषा अस्माभिः मातृसमं माननीया? (2018)
उत्तर:
संस्कृत भाषा अस्माभिः मातृसमं माननीया।
We hope the UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम् help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi संस्कृत Chapter 2 संस्कृतभाषायाः महत्त्वम्, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.