UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology

free PDF download of UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology, The UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 1 help you to score more marks in Class 12 Psychology Exams, The whole chapter was solved an easy manner to Revising in a minutes during exam days.

Board UP Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Psychology
Chapter Chapter 11
Chapter Name Tests in Psychology
(मनोविज्ञान में परीक्षण।)
Number of Questions Solved 5
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology (मनोविज्ञान में परीक्षण।)

प्रश्न 1
बुद्धि-परीक्षण से सम्बन्धित प्रयोग का वर्णन कीजिए जो आपने किया हो। (2010, 11, 12, 17)
या
सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण पर आपने जो प्रयोग किया हो, उसका वर्णन कीजिए। (2014)
या
स्वयं द्वारा किए गए किसी सामूहिक बुद्धि-परीक्षण का विस्तार से वर्णन कीजिए। (2008, 09, 11, 15)
नोट-बोर्ड परीक्षा में एक प्रश्न मनोवैज्ञानिक परीक्षण से सम्बन्धित होता है। नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार केक्षा 12 के निर्धारित पाठ्यक्रम में तीन मनोवैज्ञानिक परीक्षणों को सम्मिलित किया गया है। ये परीक्षण हैं

  1. बुद्धि-परीक्षण-उपलब्धता के अनुसार,
  2. व्यक्तित्व का अन्तर्मुखी-बर्हिमुखी परीक्षण तथा
  3. रुचि-परीक्षण। 

उत्तर
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 1

प्रयोग का उद्देश्य– सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण द्वारा 13 वर्ष के विद्यार्थियों की बुद्धि-लब्धि ज्ञात करना तथा बुद्धि-स्तर के अनुसार उनका वर्गीकरण करना।।

प्रयोग सामग्री-
(1) मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद द्वारा निर्मित सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण (संशोधित बी० पी० टी० 7) की प्रतियाँ,
(2) परीक्षण का मैनुअल तथा विराम घड़ी।

परीक्षण का परिचय– सामूहिक शाब्दिक बुद्धि-परीक्षण (संशोधित बी० पी० टी० 7) का निर्माण मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद द्वारा हुआ है। यह परीक्षण कक्षा 7 एवं इससे ऊँची कक्षाओं में पढ़ने वाले 13 वर्ष से 13 वर्ष 11 माह तक के विद्यार्थियों की बुद्धि मापने के लिए बनाया गया है।

सावधानियाँ-
(1) परीक्षा प्रारम्भ करने से पूर्व वातावरण को शान्त रखा गया।
(2) विद्यार्थियों के बैठने की उचित व्यवस्था की गयी।
(3) इस बात का भी ध्यान रखा गया कि विद्यार्थियों में कार्य के लिए रुचि एवं उत्साह भी है। अथवा नहीं।
(4) परीक्षार्थियों के पास पेन्सिल अथवा पेन के अतिरिक्त और कुछ नहीं था, इस बात का विशेष ध्यान रखा गया।

निर्देश एवं प्रयोग-विधि– उंसर्युक्त सावधानियाँ रखने के पश्चात् विद्यार्थियों को निम्नलिखित निर्देश दिये गये

“आज तुम्हें एक भिन्न प्रकार की परीक्षा देनी है, उसमें दिये गये प्रश्नों का सम्बन्ध तुम्हारी पढ़ी हुई पुस्तकों से नहीं है। इस परीक्षा का प्रश्न-पत्र एक कॉपी के रूप में होता है। उत्तर भी इस कॉपी में लिखने होते हैं। इस प्रश्न-पत्र को हल करने के लिए तुम्हें केवल 45 मिनट का समय दिया जाएगा, इसलिए तुम्हें प्रश्नों पर थोड़ा-सा ध्यान देकर उसका शीघ्र ही उत्तर देना है।’

“अब तुम्हें एक-एक प्रश्न-पुस्तिका मिल रही है। जब तक मैं तुमसे इसे खोलने के लिए न कहूँ तब तक इसे ने खोलना।’

उपर्युक्त निर्देश देने के पश्चात् प्रत्येक परीक्षार्थी को एक-एक प्रश्न-पुस्तिका दे दी जाती है। फिर प्रत्येक परीक्षार्थी से परीक्षा-पुस्तिका के ऊपर के पृष्ठ पर लिखी गयी सूचनाएँ; जैसे-परीक्षार्थी का नाम, पिता का नाम, पिता का व्यवसाय, आयु, तिथि आदि भरवा दी जाती है और पेन को रख देने का आदेश दिया जाता है। इसके बाद परीक्षा-पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर छपे आदेशों को क्रमशः पढ़कर परीक्षार्थियों को सुनाया जाता है।

परीक्षा-पुस्तिका पर अंकित आदेश

(1) जब तुमसे परीक्षा आरम्भ करने को कहा जाए तो इससे प्रश्न जितनी शीघ्र और सावधानी से कर सकते हो, क्लरो।।
(2) प्रश्नों को हल करने के लिए जो आदेश और उदाहरण पहले दिये गये हैं, उन्हें ठीक से पढ़ो और समझो।
(3) यदि तुम्हें कोई प्रश्न न आता हो तो उस पर अपना समय नष्ट मत करो और उसे छोड़कर । अगला प्रश्न हल करो।
(4) यदि तुम्हें कुछ रफ काम करना हो तो बायीं ओर की खाली जगह पर कर सकते हो।
(5) यदि तुम्हें कोई उत्तर बदलना हो तो उसे काटकर साफ-साफ लिख दो। .

इसके बाद परीक्षार्थियों से यह कहा गया कि “परीक्षण प्रारम्भ होने जा रहा है। इसलिए तुममें से किसी को कुछ पूछना हो तो पूछ लो। परीक्षण प्रारम्भ होने के बाद किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जाएगा।’

अब प्रयोगकर्ता परीक्षण प्रारम्भ करता है। सर्वप्रथम उसने विद्यार्थियों को तैयार’ कहा, इससे विद्यार्थी कार्य करने के लिए तत्पर हो बैठ गये। इसके बाद प्रयोगकर्ता ने प्रारम्भ कहा तथा साथ ही विराम घड़ी भी चालू कर दी। सभी परीक्षार्थियों ने अपना काम प्रारम्भ कर दिया। आधा घण्टा बीत जाने पर प्रयोगकर्ता ने कहा कि, ‘अब पन्द्रह मिनट बाकी हैं और समय समाप्त हो जाने के पश्चात् कहा गया कि अब समय समाप्त हो गया है। अपना-अपना पैन नीचे रख दो और परीक्षण-पुस्तिकाएँ बन्द कर दो।’

उपर्युक्त कथन के पश्चात् सब परीक्षार्थियों की कॉपी एकत्रित करके गिन ली गयीं और पूरी होने पर परीक्षार्थियों को जाने के लिए कहा गया।

परीक्षा-पुस्तिकाओं का अंकन- परीक्षण की उत्तर-सूची की सहायता से सभी परीक्षा-पुस्तिकाओं की जाँच कर ली गयी और प्राप्त प्राप्तांकों को मुख्य पृष्ठ पर निश्चित स्थान पर लिख दिया गया। इसके पश्चात् इस बुद्धि-परीक्षण (संशोधित बी० पी०टी० 7) के मैनुअल में दिये गये सामान्य तालिका में देखकर बुद्धि-लब्धि ज्ञात कर ली गयी।
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 2
निष्कर्ष– उपर्युक्त परिणाम-तालिका देखने से ज्ञात होता है कि इस कक्षा में एक विद्यार्थी अति श्रेष्ठ बुद्धि वाला है, 5 विद्यार्थी उत्तम बुद्धि वाले हैं, 16 विद्यार्थी सामान्य, 7 विद्यार्थी निम्न बुद्धि वाले एवं 1 विद्यार्थी मन्द बुद्धिवाला है।

मनोवैज्ञानिक परीक्षण-2

प्रश्न 2
व्यक्तित्व के अन्तर्मुखी-बहिर्मुखी परीक्षण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए। (2010, 12, 13, 14, 15, 17, 18)
या
बालक के अन्तर्मुखी-बहिर्मुखी व्यक्तित्व को जानने हेतु किसी एक व्यक्तित्व परीक्षण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए।(2016)
उत्तर

UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 3

(1) समस्या–प्रयोज्य की अन्तर्मुखी-बहिर्मुखी प्रवृत्ति का मापन करना।
(2) परिचय–

  1. परीक्षण का इतिहास।
  2. व्यक्तित्व की परिभाषाएँ।

गुथरी के अनुसार, “व्यक्तित्व की परिभाषा सामाजिक महत्त्व की उन आदतों तथा संस्थाओं के रूप में की जा सकती है जो स्थिर तथा परिवर्तन कै अवरोध वाली होती है।”

(3) सामग्री–

  1. अन्तर्मुखी-बहिर्मुखी प्रवृत्ति माषक प्रश्नावली-पत्र (M.P I)
  2. गणना कुंजी तथा मापदण्ड।
  3. पेन।

(4) सावधानियाँ–

  1. प्रत्येक वेक्य के सामने लिखे हुए, ‘हाँ’, ‘नहीं” तथा ‘मालूम नहीं में से किसी एक को ही अंकित करें। |
  2. सभी प्रश्नों के प्रति अपनी पसन्दगी-नापसन्दगी प्रकट करें।

(5) निर्देश- परीक्षण शुरू करने के पहले प्रयोज्य को निम्नलिखित निर्देश दिया-“आप आराम से कुर्सी पर बैठ जाइए। मैं आपके साथ एक परीक्षण करने जा रहा हूँ। परीक्षण की सफलता पूर्णतः आपके ऊपर निर्भर है; अतः परीक्षण सम्बन्धी आवश्यक निर्देशों को भली-भाँति सुन लीजिए और उनका सावधानीपूर्वक पालन कीजिए।” मैंने प्रयोज्य को व्यक्तित्व-सूची देने के पश्चात् यह निर्देश दिया–“इस व्यक्तित्व सूची में 56 कथन हैं। इन कथनों को पढ़कर कथनों के सामने दिये गये हाँ/नहीं में यदि आप किसी कथन से सहमत हैं तो उसके आगे ‘हाँ” के नीचे सही
(✓) का चिह्न लगा दें तथा जो कथन आपकी समझ में न आये वहाँ पर मालूम नहीं’ के नीचे सही ।
(✓) का चिह्न लगा दीजिए। इसी तरह से 56 कथनों अर्थात् सभी कथनों पर आपको अषनी सहमति तथा असहमति प्रकट करनी है।”

(6) प्रकाशन– उपर्युक्त निर्देश को भली-भाँति समझकर कार्य को प्रारम्भ करने का संकेत दिया। सम्पूर्ण कार्य समाप्त करने के पश्चात् प्रयोज्य से प्रश्नावली-पत्र लेकर उसे धन्यवाद दे विदा किया। इसके पश्चात् जिस प्रश्न पर स्टार बना हुआ है उस प्रश्न में ‘हाँ पर निशान (✓) लगे हुए को गिन लिया तथा सिना स्टार बने “नहीं” के निशान को गिनकर दोनों को जोड़ दिया। तत्पश्चात् बिना स्टार बना हुआ हूँ के निशान  (✓) को गिन लिया तथा स्टार बना हुआ “नहीं” को गिनकर एक में जोड़ लिया। फिर उत्तर-पुस्तिका में योग के आधार पर व्यक्ति के व्यक्तित्व में अन्तर्मुखी, बहिर्मुखी का स्तर ज्ञात कर लिया।

(7) प्राप्त प्रदत्त :

(i) बहिर्मुखी के प्राप्तांक- सर्वप्रथम यह ज्ञात करें कि गणना कुंजी के प्रथम भाग अर्थात् ‘हाँ’ के द्योतक शीर्षक के अन्तर्गत लिखे गये प्रश्नों में से कितने प्रश्नों का उत्तर प्रयोज्य ने ‘हाँ’ के रूप में दिया है। इनकी संख्या ज्ञात करें। इसी प्रकार नहीं के द्योतक शीर्षक के अन्तर्गत लिखे गये प्रश्न संख्या में कितने का उत्तर ‘हाँ के रूप में दिया है। इन दोनों का योग ही बहिर्मुखी को प्राप्तांक होगा।

(ii) अन्तर्मुखी के प्राप्तांक- सम्पूर्ण प्रश्नों के योग 56 में से बहिर्मुखी प्राप्तांक को घटा देने पर जो कुछ भी शेष बचे वही अन्तर्मुखी का प्राप्तांक होगा। उदाहरण के लिए-यदि बहिर्मुखी का प्राप्तांक 27 है और प्रश्नों का योग 56 है, तो अन्तर्मुखी प्रवृत्ति का प्राप्तांक 56 – 27 = 29 होगा। अन्तर्मुखी का प्राप्तांक ऋणात्मक (-) और बहिर्मुखी को प्राप्तांक धनात्मक (+) होता है।

(iii) अन्तर्मुखी-बहिर्मुखी के प्राप्तांक का अन्तर– बहिर्मुखी के प्राप्तांक में से अन्तर्मुखी के प्राप्तांक को घटा देते हैं। उत्तर धनात्मक होगा तो प्रयोज्य बहिर्मुखी और ऋणात्मक होने पर अन्तर्मुखी होगा।

(8) परिणाम।

(9) व्याख्या– व्यक्तित्व व्यक्ति के रूप, गुण-प्रवृत्तियों, सामथ्र्यों आदि का संगठन है। वह व्यक्ति और पर्यावरण की परस्पर अन्त:क्रिया का परिणाम है। व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले दो तत्त्व हैं
(1) जैविकीय (Biological) तथा
(2) सामाजिक (Social)

(10) निष्कर्ष– उपर्युक्त परीक्षण से यह निष्कर्ष निकला कि प्रयोज्य अन्तर्मुखी प्रवृत्ति का है, क्यांकि वह अधिकांश बातों को अपूर्ण रूप से बताता है। वह एकान्तप्रिय है, आदर्शवादी है तथा उसमें संवेगों की प्रधानता है अर्थात् जुग़ द्वारा बताये गये अन्तर्मुखी प्रकृति के अनेक लक्षण प्रयोज्य के व्यवहारों में वर्तमान हैं।

मनोवैज्ञानिक परीक्षण-3

प्रश्न 1
रुचि परीक्षण के क्रियान्वयन का विस्तार से वर्णन कीजिए। | (2009, 11, 14)
या 
बालक की रुचि मापन हेतु किसी एक रुचि परीक्षण की प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन कीजिए। (2016, 18)
उत्तर
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 4

(1) समस्या– रुचि-पत्र के माध्यम से प्रयोज्या के विभिन्न रुचि-क्षेत्रों का मापन करना।
(2) निर्देश- प्रस्तुत रुचि-पत्र मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद के द्वारा बनायी गयी है। इस रुचि-पत्री में 10 रुचि-क्षेत्र हैं-

  • बाह्य
  • यान्त्रिक
  • गणनात्मक
  • वैज्ञानिक
  • फ्रेवर्तकीय
  • कलात्मक
  • साहित्यिक
  • संगीतात्मक
  • समाजसेवा तथा
  • लिपिकीय

(3) प्रयोज्य विस्तार-
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 5
(4) सामग्री एवं यन्त्र– रुचि-परीक्षण पुस्तिका, उत्तर-पुस्तिका, नियमावली, कागज, पेन्सिल, ग्राफ पेपर आदि।

(5) व्यवस्थापन– सर्वप्रथम परीक्षणकर्ता ने प्रयोज्या को बुलाकर शान्त कमरे में आराम से बैठाया, फिर Material को मेज पर व्यवस्थित किया। मेज पर सभी सामान रखने के बाद परीक्षणकर्ता ने विषयी को Test से सम्बन्धित कुछ निर्देश दिये।।

(6) निर्देशन- परीक्षणकर्ता ने प्रयोज्या को पुस्तिका पर लिखे सभी निर्देश पढ़कर सुनाए तथा निम्नलिखित निर्देश दिये
प्रस्तुत सूची तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य यह जानना है कि तुम्हें कौन-कौन-से कार्य पसन्द हैं; अत: निर्भयता एवं ईमानदारी से इस सूची को भरो। इस सूची में कुछ कार्य दिये गये हैं जो 5 भागों में बाँटे गये हैं। प्रत्येक भाग में 50 कार्य दिये हुए हैं। प्रथम पेज पर उन कार्यों पर सही (✓) का निशान लगाना है जो तुम्हें बहुत पसन्द हैं। दूसरे भाग पर उन कार्यों पर सही (✓) का निशान लगाना है जो तुम्हें कुछ पसन्द हैं। तीसरे भाग में ऐसे कार्यों पर सही (✓) का निशान लगाइए जो तुम्हें नापसन्द हैं लेकिन यदि उन्हें करना पड़े तो कर सकते हैं। चौथे भाग पर ऐसे कार्यों पर सही (✓) का निशान लगाइए जो कार्य तुम्हें बिल्कुल पसन्द नहीं हैं और साधारणतया उसको करना पसन्द नहीं करेंगे। पाँचवें भाग में आपको उन कार्यों पर सही (✓) का निशान लगाना है जिन्हें तुम बिल्कुल पसन्द नहीं करते से।

(7) सम्पादन- निर्देश देने के पश्चात् परीक्षणकर्ता ने विषयी को पुस्तिका दी। द्वितीय खण्ड अर्थात् भाग 1 पर प्रयोज्या ने उने संभी कार्यों पर निशान लगाये जो उसे बहुत पसन्द थे। भाग 2 पर प्रयोज्या ने उन कार्यों पर निशान सृगाये जो उसे कुछ पसन्द थे। भाग 3 पर उन कार्यों पर जो उसे नापसन्द थे, भाग 4 पर उन कार्यों परे जो उसे पसन्द न होते हुए भी अगर उसको करने को दिये जाएँ तो कर सकती थी तथा 5 में उन सभी कार्यों पर जो उसे बिल्कुल पसन्द नहीं थे। पूरी Booklet Solve करने के बाद प्रयोज्या ने पुस्तिका प्रयोगकर्ता को दे दी।

(8) सावधानियाँ- वातावरण शान्त रखा, परीक्षणकर्ता ने विषयी के साथ बातचीत करके सामंजस्य स्थापित किया। Raw Score ठीक से Count करने के लिए Manual से Percentile ठीक से नोट किया।
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 6
(9) आकलन- परीक्षणकर्ता ने पुस्तिका लेने के बाद प्रत्येक का अलग-अलग क्षेत्र का Raw Score ज्ञात किया, फिर उसको निरीक्षण तालिका में लिखा। पुस्तिका में परीक्षणकर्ता ने सभी Part 1 से 5 तक बाह्य, 6 से 10 तक यान्त्रिक, 11 से 15 तक गणनात्मक, 16 से 20 तके वैज्ञानिक, 21 से 25 तक प्रवर्तकीय, 26 से 30 तक कलात्मक, 31 से 35 तक साहित्यिक, 36 से 40 तक संगीतात्मक, 41 से 45 तक समाजसेवा तथा 46 से 50 तकं लिपिकीय थे। इस तरह प्रत्येक Area में लगाये गये निशान को परीक्षणकर्ता ने गिन लिया। उसके बाद प्रथम भाग के Raw Score को 5 से, दूसरे भाग के Raw Score को 4 से, तीसरे भाग के Raw Scote को 3 से, चौथे भाग के Raw Score को 2 से और पाँचवें भाग के Raw Score को 1 से गुणा किया। गुणा करने से जो Score प्राप्त हुए उन्हें जोड़कर Total Score प्राप्त किये। प्रत्येक Area का इसके बाद परीक्षणकर्ता ने नियमावली से प्रत्येक Total Raw Score का प्रतिशत ज्ञात किया। प्रतिशतता की सहायता से ही नियमानुसार प्रत्येक की श्रेणी एवं क्षेत्र को ज्ञात किया।
UP Board Solutions for Class 12 Psychology Chapter 11 Tests in Psychology 7

(10) मौखिक रिपोर्ट।

बोध-प्रश्न

प्रश्न 1
आपको यह प्रयोग कैसा लगा?
उत्तर
अच्छा लगा।

प्रश्न 2
आपको किन क्षेत्रों में अधिक रुचि है और किन क्षेत्रों में नहीं?
उत्तर
मुझे कलात्मक, साहित्यिक और समाजसेवा में बहुत रुचि है तथा गणनात्मक और वैज्ञानिक आदि कार्यों में रुचि नहीं है।

We hope the UP Board Solutions for Class 12  Psychology Chapter 11 Tests in Psychology (मनोविज्ञान में परीक्षण।) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 12  Psychology Chapter 11 Tests in Psychology (मनोविज्ञान में परीक्षण।), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

error: Content is protected !!
Scroll to Top