UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 7 गन्दी बस्तियाँ तथा उनसे उत्पन्न खतरे

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Board UP Board
Class Class 12
Subject Home Science
Chapter Chapter 7
Chapter Name गन्दी बस्तियाँ तथा उनसे उत्पन्न खतरे
Number of Questions Solved 18
Category UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Home Science Chapter 7 गन्दी बस्तियाँ तथा उनसे उत्पन्न खतरे

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1.
गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति का उत्तरदायी कारण
(a) निर्धनता
(b) औद्योगीकरण
(c) शहरी मकानों का अभाव
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 2.
भौतिक साधनों का अभाव सर्वाधिक होता है।
(a) बड़े मुहल्लों में
(b) बड़े उद्योगों में
(c) गन्दी बस्तियों में
(d) बड़े नगरों में
उत्तर:
(c) गन्दी बस्तियों में

प्रश्न 3.
गन्दी बस्तियों में रहने वाले व्यक्ति वंचित रहते हैं।
(a) धन से
(b) अच्छे घर से
(c) स्वास्थ्य सुविधाओं से
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 4.
गन्दी बस्तियों की मुख्य समस्याएँ
(a) सुविधाओं का न होना
(b) नैतिकता का ह्रास
(c) कुपोषण
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी

प्रश्न 5.
गन्दी बस्तियों की समस्या का समाधान है।
(a) इन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
(b) इनको विकसित ही नहीं होने देना चाहिए
(c) इनके सुधार के अधिक उपाय किए जाने चाहिए
(d) समस्या का समाधान जरूरी नहीं
उत्तर:
(e) इनके सुधार के अधिक उपाय किए जाने चाहिए

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक, 25 शब्द)

प्रश्न 1.
गन्दी बस्तियों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
गन्दी बस्तियों (स्लम) से आशय ऐसे लोगों के निवास स्थान से है जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय होती है। यहाँ गरीबी, भूखमरी तथा दरिद्रता का वास होता है, जो केवल यहाँ के रहने वाले लोगों के लिए ही नहीं वरन् सम्पूर्ण मानव जाति के स्वास्थ्य, सामाजिक एवं नैतिक विकास में अवरोध उत्पन्न करती है।

प्रश्न 2.
गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति का कोई एक मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति को एक प्रमुख कारण दरिद्रता अथवा निर्धनता है। इन बस्तियों में रहने वाले लोग श्रमिक वर्ग तथा निम्न आय वर्ग समूह के होते हैं। इनके पास भौतिक साधनों का सर्वथा अभाव होता है।

प्रश्न 3.
क्या औद्योगीकरण स्लम एरिया के लिए उत्तरदायी कारण है?
उत्तर:
गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति का एक प्रमुख कारण औद्योगीकरण एवं नगरीकरण भी है। शहरों में प्रायः बड़ी इमारतों के निर्माण तथा औद्योगिक कारखानों में काम करने होते हैं, जिसके कारण वहाँ काम करने वाले मजदूर इन शहरों के आस-पास ही झोपड़ियाँ बना लेते हैं। जहाँ किसी भी तरह की आवश्यक सुविधाएँ नहीं होतीं, केवल गन्दगी ही होती है। यहाँ पानी, बिजली, शुद्ध वायु आदि की कोई व्यवस्था नहीं होती।

प्रश्न 4.
मलिन बस्तियों (Slums) की प्रमुख समस्याएँ क्या हैं? (2018)
उत्तर:
मलिन बस्तियों में सुविधाओं का अभाव, रोगों का प्रसार, कुपोषण एवं नैतिक आचरण का ध्यान सदैव रहता है।

प्रश्न 5.
गन्दी बस्तियों में सर्वाधिक कुपोषण से ग्रसित लोग रहते हैं? संक्षेप में बताइट।
उत्तर:
इन बस्तियों में स्वच्छ व सन्तुलित आहार के अभाव में यहाँ कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी अधिक होती है। जन्म से ही बच्चों को स्वच्छ वातावरण न मिलने से वह कुपोषित हो जाते हैं। पीलिया, घेघा, पतलापन तथा पोलियो जैसी घातक बीमारियों से ग्रसित होते हैं।

प्रश्न 6.
राष्ट्रीय विघटन को कौन प्रोत्साहित करता है?
उत्तर:
जब समाज में शराब पीने वाले, जुआ खेलने वाले लोगों को तथा पारिवारिक विघटन को प्रोत्साहन मिलने लगता है तब यही सामाजिक विघटन राष्ट्रीय विघटन को प्रोत्साहित करता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक, 50 शब्द)

प्रश्न 1.
गन्दी बस्तियों से होने वाली कोई दो हानियाँ बताइए।
उत्तर:
गन्दी बस्तियों में गन्दगी का ही साम्राज्य होता है, जिससे रोगों का विस्तार ही नहीं होता है बल्कि इससे समाज को निम्नलिखित हानियाँ पहुँचती हैं।
1. पारिवारिक विघटन आवास की समस्या के कारण जो भी व्यक्ति (श्रमिक) इन गन्दी बस्तियों में रहता है उसे अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है, क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण वह अपने परिवार को साथ नहीं रख सकता। अतः धीरे-धीरे वह अपने परिवार से दूर हो जाता है।

2. सामाजिक विघटन गन्दी बस्तियों से व्यक्ति व परिवार ही नहीं, अपितु समाज की संरचना भी प्रभावित होती है तथा अनेक सामाजिक समस्याओं का जन्म होता है। व्यक्तिगत कार्यों की असफलता ही व्यक्ति के मस्तिष्क में निराशा उत्पन्न करती है। जहाँ वह स्वयं को उपेक्षित महसूस करता है। और समाज की अपेक्षा स्वयं को अधिक महत्त्व प्रदान करता है। जब समाज में सामाजिक मूल्यों एवं मान्यताओं की उपेक्षा की जाती है तो परम्परागत समाज का ढाँचा भी असन्तुलित हो जाता है, जिससे सामाजिक विघटन को प्रोत्साहन मिलता है।

प्रश्न 2.
गन्दी बस्तियों से व्याप्त समस्याओं को दूर करने हेतु कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर:
गन्दी बस्तियों का वातावरण अत्यधिक दूषित होता है, जिसके कारण वहाँ अनेक प्रकार की आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक समस्याएँ होती हैं, जिनका समाधान अत्यन्त आवश्यक है। इन बस्तियों की समस्याओं का समाधान निम्नलिखित उपायों द्वारा सम्भव है।
1. रोजगार सुविधाओं में वृद्धि गन्दी बस्तियों की समस्या का एक समाधान यह भी है कि गाँवों में जहाँ कृषि के अतिरिक्त अन्य कोई रोजगार नहीं है, रोजगार के अवसरों में वृद्धि की जाए। जो रोजगार नगरों में स्थापित किए जाते हैं, उन्हें गाँवों में स्थापित किया जाए। इससे ग्रामीण जनता को साधारण प्रयासों से ही रोजगार मिल जाएगा और वे रोजगार की तलाश में नगरों की ओर नहीं भागेंगे। इससे भी गन्दी बस्तियों की समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है।

2. सामाजिक सुरक्षाओं का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा और सुविधाओं की कमी है, इससे ग्रामीण व्यक्ति नगरों की ओर पलायन करते हैं। अत: यह आवश्यक है कि ग्रामीण जीवन को नगरों में प्राप्त होने वाली सुविधाओं से युक्त किया जाए। इन सुविधाओं में आवागमन और संचार के साधन, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, सुरक्षा, मनोरंजन, पानी, प्रकाश आदि प्रमुख हैं। जब गाँव में ही व्यक्ति को उपरोक्त सुविधाएँ प्राप्त होने लगेगी तो वे नगरों की ओर आकर्षित नहीं होंगे और इस प्रकार गन्दी बस्तियों में रहने की समस्या का समाधान भी स्वतः हो जाएगा।

प्रश्न 3.
कृषि के विकास से गन्दी बस्तियों को और बढ़ने से रोका जा सकता है? इसके कौन-कौन से सुझाव दिए जा सकते हैं?
उत्तर:
कृषि में पर्याप्त पैदावार न होने के कारण ग्रामीण जनसंख्या नगरों की ओर पलायन करती है, जिससे गन्दी बस्तियों का विकास होता है। अत: इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है कि कृषि व्यवसाय की उन्नति की जाए। भारत में कृषि-व्यवसाय की उन्नति के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं।

  1. कृषि की नई और कुशल रीतियों को अपनाया जाए।
  2. कृषि की भूमि के विभाजन और अपखण्डन पर रोक लगाई जाए।
  3. कृषि शिक्षा का प्रसार किया जाए।
  4. सिंचाई सुविधाओं में विस्तार किया जाए।
  5. कृषि अनुसन्धान कार्यों को प्रोत्साहित किया जाए।
  6. शासकीय कृषि फार्मों की स्थापना की जाए और इनकी सहायता में कृषकों में जागरूकता का प्रसार किया जाए।
  7. अच्छी किस्म के बीज और खाद तथा अच्छी नस्ल के बैलों का कृषि में प्रयोग किया जाए।
  8. विनाशकारी कीड़े-मकोड़ों पर रोक लगाई जाए।
  9. भूमि के कटाव को रोका जाए।
  10. फसलों की पद्धति में आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन किया  जाए।

प्रश्न 4.
गन्दी बस्तियों में सुधार लाने के लिए कुछ पंचवर्षीय योजनाओं में कौन-से कार्यक्रम संचालित किए गए थे?
उत्तर:
भारत में आजादी के पश्चात् शहरों के चारों ओर या बीच में स्थिति इन बस्तियों में आन्तरिक सुधार लाने हेतु कुछ कार्यक्रम संचालित किए, जो इस प्रकार हैं।

  1. द्वितीय पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत 204 योजनाएँ बनाई गईं जिन पर 19 करोड़ की धनराशि का अनुदान दिया गया। यह अनुदान लगभग 58,000 परिवारों के लिए आवासीय सुविधा प्रदान करने हेतु दिए गए थे।
  2. तीसरी पंचवर्षीय योजना में गन्दी बस्तियों को हटाकर नए आवास बनाने का प्रावधान किया गया।
  3. कुपोषण तथा अन्धेपन को दूर करने तथा गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं को सन्तुलित आहार देने का भी प्रावधान बनाया गया।
  4. चौथी एवं पाँचवीं पंचवर्षीय योजनाओं के अन्तर्गत गन्दी बस्तियों में मुख्य रूप से कलकत्ता की एक गन्दी बस्ती के सुधार के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया था।

प्रश्न 5.
गन्दी बस्तियों से कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं? अथवी गन्दी बस्तियों की समस्याओं पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
गन्दी बस्तियाँ समस्याओं की जननी होती हैं, वहाँ के लोग आजीवन समस्याओं से ही जूझते रहते हैं। इन बस्तियों की समस्याएँ निम्नलिखित हैं।
1. रोगों का प्रसार गन्दी बस्तियों में शुद्ध वायु एवं शुद्ध पेयजल न मिल पाने के कारण यहाँ रोगों का प्रसार रहता है। यहाँ के दूषित वातावरण के कारण मक्खी, मच्छर उत्पन्न होते हैं, जो भोजन को दूषित कर देते हैं। इस भोजन को ग्रहण करने वाला व्यक्ति हमेशा अस्वस्थ रहता है। हैजा, पेचिश, टी.बी. इत्यादि रोगों से पीड़ित यहाँ बहुत से लोग रहते हैं।

2. कुपोषण स्वच्छ व सन्तुलित आहार के अभाव में यहाँ कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या भी अधिक होती है। जन्म से ही बच्चों को स्वच्छ वातावरण न मिलने से वह कुपोषित हो जाते हैं। पीलिया, घेघा पतलापन तथा पोलियो जैसी घातक | बीमारियों से ग्रसित होते हैं।

3. नैतिक आचरण का ह्रास बढ़ती बेरोजगारी एवं महँगाई के कारण इन बस्तियों के लोगों को भोजन नहीं मिल पाती। फलतः चोरी, डकैती, जेब काटना, गुण्डागर्दी इत्यादि अनैतिक आचरणों में वृद्धि होती है तथा नैतिक आचरण का पतन हो जाती है।

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (5 अंक, 100 शब्द)

प्रश्न 1.
गन्दी बस्तियों से क्या आशय है? इसकी उत्पत्ति के लिए कौन-कौन से कारक उत्तरदायी है?
अथवा
गन्दी बस्तियों के विस्तार के लिए कौन-कौन से कारण जिम्मेदार है? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
गन्दी बस्तियों से आशय
गन्दी बस्तियों (स्लम) से आशय ऐसे लोगों के निवास स्थान से है जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय होती है। यहाँ गरीबी, भूखमारी तथा दरिद्रता का वास होता है, जो केवल यहाँ के रहने वाले लोगों के लिए ही नहीं वरन् सम्पूर्ण मानव जाति के स्वास्थ्य, सामाजिक एवं नैतिक विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं।

उत्पत्ति के कारण
गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति के निम्नलिखित कारण है।
1. दरिद्रता/निर्धनता यह गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति और विकास का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है। इन गन्दी बस्तियों में श्रमिक (मजदूर) और निम्न आय समूह वाले व्यक्ति रहते हैं। इनके पास भौतिक साधनों का सर्वथा अभाव होता है तथा इनके पास भरपेट भोजन का भी अभाव होता है।

2. मकानों का अभाव गन्दी बस्तियों में मकानों का सर्वथा अभाव होता है। यहाँ छोटी-छोटी कोठरियों या झुग्गियों में एक साथ कई-कई परिवार रहते हैं। इस तरह की बस्तियाँ नगरों के आस-पास अधिक पाई जाती है। नगरों में व्यवसाय एवं उद्योगों के कारण जनसंख्या का आकार बड़ा एवं भूमि छोटी हो जाती है। अत: यहाँ मकान बनाना आसान नहीं होता। मकान के अभाव में ही अधिकांश लोग विवश होकर गन्दे मकानों में रहने को मजबूर हो जाते हैं।

3. अज्ञानता गन्दी बस्तियों के उत्पन्न होने का एक प्रमुख कारण अज्ञानता भी है। यहाँ रहने वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधाओं, सफाई, बीमारियों और उनके विकास आदि के विषय में कोई ज्ञान ही नहीं होता।

4. औद्योगीकरण गन्दी बस्तियों की उत्पत्ति का एक प्रमुख कारण औद्योगीकरण एवं नगरीकरण भी है। शहरों में प्रायः बड़ी इमारतों के निर्माण होते हैं, जिसके कारण वहाँ काम करने वाले मजदूर इनके आस-पास ही झोपड़ियाँ बना लेते हैं। साथ-ही-साथ औद्योगिक कारखानों में काम करने वाले मजदूर भी इन कारखानों से सटे जगहों पर झोपड़ियाँ बनाते हैं। जहाँ किसी भी तरह की आवश्यक सुविधाएँ नहीं होतीं, केवल गन्दगी ही होती है। यहाँ पानी, बिजली, शुद्ध वायु आदि की कोई व्यवस्था नहीं होती।

5. जनसंख्या में वृद्धि जनसंख्या में होने वाले निरन्तर वृद्धि के कारण भी इन गन्दी बस्तियों का विकास होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी ने लोगों को शहरों की ओर पलायन करने को विवश कर दिया है जिसके कारण शहरी जनसंख्या में वृद्धि हुई। आर्थिक संसाधनों की कमी तथा रोजगार न होने की स्थिति में ज्यादातर लोगों को इन्हीं गन्दी बस्तियों में शरण लेनी पड़ती है। अतः शहरी जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।
अन्य कारण उपरोक्त कारणों के अतिरिक्त कुछ ऐसे कारण भी हैं, जो इन बस्तियों की उत्पत्ति के लिए उत्तरदायी हैं; जैसे

  1. ग्रामीण रोजगार का अभाव
  2. गतिशीलता (देशान्तर गमन)
  3. प्राकृतिक आपदाएँ
  4. नगरों में सामाजिक सुरक्षा
  5. पारिवारिक कलह एवं सामाजिक बहिष्कार
  6. नगर नियोजन का आभाव

प्रश्न 2.
गन्दी बस्तियों से क्या हानियाँ हैं? इनके सुधार हेतु कौन-कौन से समाधान किए गए हैं? विस्तार से समझाइए।
अथवा
स्लम एरिया से कौन-कौन सी हानियाँ होती हैं? विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
गन्दी बस्तियों में गन्दगी का ही साम्राज्य होता है, जिससे रोगों का विस्तार ही नहीं होता, बल्कि इससे समाज को हानि पहुँचती है; जैसे
1. व्यक्तिगत विघटन यह बस्तियाँ व्यक्तिगत जीवन को विघटित कर देती है, | क्योंकि यहाँ रहकर व्यक्ति सामान्य जीवनयापन नहीं कर सकता। मद्यपान, मादक द्रव्यों का सेवन, जुआ खेलना तथा आत्महत्या जैसी व्यक्तिगत विघटन की प्रमुख घटनाएँ यहाँ सर्वाधिक होती हैं।

2. पारिवारिक विघटन आवास की समस्या के कारण जो भी व्यक्ति (श्रमिक) इन गन्दी बस्तियों में रहता है, उसे अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है, क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण वह अपने परिवार को साथ नहीं रख सकता। अतः धीरे-धीरे वह अपने परिर से दूर हो जाता है।

3. सामाजिक विघटन गन्दी बस्तियों से व्यक्ति व परिवार ही नहीं, अपितु समाज की संरचना भी प्रभावित होती है तथा अनेक प्रकार की सामाजिक समस्याओं का जन्म होता है। व्यक्तिगत कार्यों की असफलता ही व्यक्ति के मस्तिष्क में निराशा उत्पन्न करती है। जहाँ वह स्वयं को उपेक्षित महसूस करता है और समाज की अपेक्षा स्वयं को अधिक महत्त्व प्रदान करता है। जब समाज में सामाजिक मूल्यों एवं मान्यताओं की उपेक्षा की जाती है तो परम्परागत समाज का ढाँचा भी असन्तुलित हो जाता है, जिससे सामाजिक विघटन को प्रोत्साहन मिलता है।

4. राष्ट्रीय विघटन जब समाज में शराब पीने वाले, जुआ खेलने वाले लोगों को तथा पारिवारिक विघटन को प्रोत्साहन मिलने लगता है, तब यही सामाजिक विघटन राष्ट्रीय विघटन को प्रोत्साहित करता है।

5. अज्ञानता को प्रोत्साहन अज्ञानता भी गन्दी बस्तियों का दुष्परिणाम है। यहाँ रहने वाले व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं, जिससे उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती। यह बच्चे दिनभर बस्ती की गन्दी गलियों में घूमते रहते हैं, जिससे उनमें अज्ञानता का ही विकास होता है।

6. नैतिकता का ह्रास गन्दी बस्तियाँ नैतिकता को प्रभावित करती हैं। यहाँ रहने वाले व्यक्ति के समक्ष आर्थिक परेशानियाँ ही इतनी प्रबल होती हैं कि वे अन्य किसी बात पर नैतिक या अनैतिकता में भेद नहीं कर पाते। चोरी करनी, जुआ खेलना, शराब व सिगरेट पीना जैसी बुरी आदतें इनके लिए सामान्य बातें हैं। इन सबका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति नैतिक पतन की ओर अग्रसर होता है।

7. स्वास्थ्य पर प्रभाव गन्दी बस्तियाँ लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ही डालती हैं। यहाँ का वातावरण शुद्ध न होने के कारण अनेक प्रकार की भयंकर बीमारियाँ फैलती हैं, जो स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।

गन्दी बस्तियों की समस्या के समाधान हेतु उपाय

गन्दी बस्तियों में व्याप्त समस्याओं के समाधान हेतु निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं।

1. जनसंख्या वृद्धि पर रोक इस समस्या के समाधान का सर्वप्रथम उपाय यह है कि बढ़ती हुई जनसंख्या पर रोक लगाई जाए। जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगा देने से ग्रामीण जनसंख्या में वृद्धि होगी। इससे गाँवों से नगरों की ओर भागने वाले व्यक्तियों की संख्या कम हो जाएगी।

2. रोजगार सुविधाओं में वृद्धि गन्दी बस्तियों की समस्या का एक समाधान यह भी है कि गाँवों में जहाँ कृषि के अतिरिक्त अन्य कोई रोजगार नहीं है, रोजगार के अवसरों में वृद्धि की जाए। जो रोजगार नगरों में स्थापित किए। जाते हैं, उन्हें गाँवों में स्थापित किया जाए। इससे ग्रामीण जनता को साधारण प्रयासों से ही रोजगार मिल जाएगा और वे रोजगार की तलाश में नगरों की ओर नहीं भागेंगे। इससे भी गन्दी बस्तियों की समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है।

3. सामाजिक सुरक्षाओं का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा और सुविधाओं की कमी है, इससे ग्रामीण व्यक्ति नगरों की ओर पलायन करते हैं, इसलिए ग्रामीण जीवन को नगरों में प्राप्त होने वाली सुविधाओं से युक्त किया जाए। इन सुविधाओं में आवागमन और संचार के साधन, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएँ, सुरक्षा, मनोरंजन, पानी, प्रकाश आदि प्रमुख हैं। जब गाँव में ही व्यक्ति को उपयुक्त सारी सुविधाएँ प्राप्त होने लगेंगी तो वे नगरों की ओर आकर्षित नहीं होंगे और इस प्रकार गन्दी बस्तियों में रहने की समस्या का समाधान भी स्वतः हो जाएगा।

4. कृषि की उन्नति कृषि में पर्याप्त पैदावार न होने के कारण ग्रामीण जनसंख्या नगरों की ओर पलायन करती है, जिससे गन्दी बस्तियों का विकास होता है। अत: इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक है कि कृषि व्यवसाय की उन्नति की जाए। भारत में कृषि व्यवसाय की उन्नति के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं ।

  1. कृषि की नई और कुशल रीतियों को अपनाया जाए।
  2. कृषि की भूमि के विभाजन और अपखण्डन पर रोक लगाई जाए।
  3. कृषि शिक्षा का प्रसार किया जाए।
  4. सिंचाई सुविधाओं को विस्तार किया जाए।
  5. कृषि अनुसन्धान कार्यों को प्रोत्साहित किया जाए।

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