UP Board Solutions for Class 11 Home Science Chapter 3 पेशी तन्त्र

UP Board Solutions for Class 11 Home Science Chapter 3 पेशी तन्त्र (Muscular System)

UP Board Solutions for Class 11 Home Science Chapter 3 पेशी तन्त्र

UP Board Class 11 Home Science Chapter 3 विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मांसपेशियों तथा पेशी तन्त्र (Muscles and muscular system) से क्या आशय है? मानव शरीर में पायी जाने वाली पेशियों के प्रकारों का सामान्य परिचय दीजिए। अथवा ऐच्छिक, अनैच्छिक तथा हृद-पेशियों का चित्र सहित सामान्य विवरण प्रस्तुत कीजिए। अथवा शरीर में पेशियों के प्रकार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मांसपेशियाँ तथा पेशी तन्त्र (Muscles and Muscular System):
कंकाल तन्त्र शरीर को आकार देता है तो मांसपेशियाँ उस आकार को पूर्ण स्वरूप प्रदान करती हैं एवं सुडौल तथा सुन्दर बनाती हैं। ये कंकाल तन्त्र पर फैली रहती हैं तथा बाहर की ओर त्वचा से ढकी रहती हैं अर्थात् हमारे शरीर में सामान्य रूप से त्वचा तथा अस्थियों के मध्य में विद्यमान भाग को मांसपेशियों के रूप में जाना जाता है। पेशियाँ ही कंकाल के साथ मिलकर सभी प्रकार की गतियों के लिए उत्तरदायी हैं। इसी प्रकार विभिन्न आन्तरांगों को बनाने, उनके अन्दर फैलने-सिकुड़ने आदि की शक्ति उत्पन्न करने के लिए भी मांसपेशियों की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। वास्तव में, शरीर के लगभग सभी कार्यों में मांसपेशियों की संकुचन-क्षमता सहायक होती है क्योंकि मांसपेशियाँ लचीली होती हैं तथा इनमें संकुचन की विशिष्ट शक्ति होती है।
UP Board Solutions for Class 11 Home Science Chapter 1 26
शरीर में लगभग सभी स्थानों पर इनकी उपस्थिति के कारण इनका भार सम्पूर्ण शरीर के भार का आधे से कुछ अधिक ही होता है। इस प्रकार, सम्पूर्ण शरीर में फैली हुई ये पेशियाँ एक पेशी तन्त्र (muscular system) की तरह कार्य करती हैं तथा शरीर में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं। मानव शरीर में कुल मिलाकर लगभग 600 पेशियाँ पायी जाती हैं।

मांसपेशियों के प्रकार (Types of Muscles):
रचना तथा कार्य की दृष्टि से मानव शरीर में तीन प्रकार की मांसपेशियाँ पायी जाती हैं। मांसपेशियों के तीनों प्रकारों का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है

1. ऐच्छिक मांसपेशियाँ (Voluntary muscles):
इनमें पेशी कोशिकाएँ सूत्र के आकार की होती हैं, जो पेशी सूत्र कहलाती हैं। बहुत-से सूत्र बन्धक तन्तुओं द्वारा बँधे रहते हैं। इनमें आड़ी धारियाँ-सी बनी रहती हैं, जिनके कारण इनको रेखित पेशी (striped muscles) भी कहते हैं। ऐच्छिक पेशियाँ निरन्तर कार्य करके थक जाती हैं, तब इन्हें विश्राम की आवश्यकता होती है। ऐच्छिक पेशियों की गति एवं कार्य हमारी इच्छा पर निर्भर करता है तथा इनकी गति पर हम नियन्त्रण कर सकते हैं। इस प्रकार की पेशियाँ मुख्य रूप से हाथ-पैर, गर्दन, आँख तथा अन्य ऐसे ही अंगों में होती हैं, जो हमारी इच्छा के अधीन कार्य करते हैं। चलना, दौड़ना, आँखें खोलना या बन्द करना, हाथ बढ़ाकर भोजन का कौर पकड़ना और उसे मुँह में चबाकर निगल जाना इत्यादि कार्य ऐच्छिक पेशियों के ही द्वारा किए जाते हैं। हड्डियों से जुड़े होने के कारण इन्हें कंकाल पेशी (skeleton muscles) भी कहते हैं। इनका नियन्त्रण एवं परिचालन मस्तिष्क तथा सुषुम्ना द्वारा होता है।

2. अनैच्छिक पेशियाँ (Involuntary muscles):
इन पेशियों में लम्बी-लम्बी पेशीय कोशिकाएँ होती हैं, जो ऐच्छिक पेशियों के पेशी सूत्रों से भिन्न होती हैं। इनमें ऐच्छिक पेशियों की तरह आड़ी धारियाँ नहीं होती हैं, इसीलिए इन्हें अरेखित पेशियाँ (unstriped muscles) कहते हैं। हमारे शरीर में अनैच्छिक पेशियाँ मुख्य रूप से आमाशय, आँतों, ग्रास-नलिका, पित्ताशय, फेफड़ों, धमनियों एवं शिराओं तथा आँखों की पुतलियों में पायी जाती हैं। इन पेशियों की गति पर हमारा नियन्त्रण नहीं होता, वरन् इन पेशियों में गति स्वत: ही होती है। आहार नाल में भोजन का खिसकना, रुधिर नलिकाओं में रुधिर का प्रवाहित होना, मूत्राशय से मूत्र बाहर निकलना, आँखों की पुतलियों का प्रकाश की तीव्रता के अनुसार फैलना या सिकुड़ना इत्यादि कार्य इन्हीं पेशियों की सहायता से स्वयं ही चलते रहते हैं। अनैच्छिक पेशियाँ कभी थकती नहीं; अतः इन्हें विश्राम की आवश्यकता नहीं होती है।

3. हृद-पेशियाँ (Cardiac muscles):
ये केवल हृदय की दीवारों में पायी जाती हैं। इनकी संरचना विशिष्ट प्रकार की होती है तथा इनमें ऐच्छिक पेशियों के समान आड़ी धारियाँ होती हैं। इस प्रकार संरचना में ऐच्छिक पेशियों से मिलती-जुलती होने पर भी, कार्य की दृष्टि से ये अनैच्छिक होती हैं। ये जीवनपर्यन्त कार्य करती रहती हैं और कभी थकती नहीं, इसीलिए इन्हें किसी विश्राम की आवश्यकता नहीं होती है।

UP Board Class 11 Home Science Chapter 3 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
मानव शरीर में पायी जाने वाली सामान्य मांसपेशियों की रचना अथवा बनावट को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मांसपेशियों की रचना अथवा बनावट
बाहरी रूप से विभिन्न पेशियों का आकार या स्वरूप भिन्न-भिन्न होता है, परन्तु शरीर की सभी पेशियों की आन्तरिक रचना या बनावट समान ही होती है। शरीर की समस्त पेशियाँ पेशी ऊतकों से निर्मित होती हैं। पेशी ऊतकों का निर्माण मूल रूप से पेशी कोशिकाओं से होता है। ये कोशिकाएँ बाल के समान पतली होती हैं। मांसपेशियों की रचना या बनावट को स्पष्ट करते हुए कहा जा सकता है कि इनके मुख्य रूप से तीन भाग होते हैं, जिनका संक्षिप्त परिचय निम्नवर्णित है-

  • मूल स्थान या मूल बन्ध-किसी भी पेशी का जो भाग सम्बन्धित हड्डी से जुड़ा रहता है, उस भाग को मूल स्थान या मूल बन्ध (origin) कहते हैं। पेशी का यह भाग स्थिर रहता है; अर्थात् यह भाग किसी भी स्थिति में घूमता नहीं है।
  • तुन्द-प्रत्येक पेशी का मध्य भाग अपेक्षाकृत रूप से कुछ मोटा होता है। पेशी के इस मोटे भाग को तुन्द (belly) कहते हैं।
  • निवेश-पेशियों का तीसरा भाग श्वेत तन्तुओं से निर्मित होता है तथा इसका आकार डोरी के समान होता है। पेशी के इस भाग को निवेश (tendon or insertion) कहते हैं। वास्तव में पेशी का यही भाग पेशी तथा अस्थि को परस्पर जोड़ता है।

प्रश्न 2.
मांसपेशियों के कार्यों एवं महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा मांसपेशियों की मानव शरीर में उपयोगिता लिखिए।
अथवा शरीर में मांसपेशियों का होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
मांसपेशियों का कार्य तथा महत्त्व मांसपेशियों द्वारा किए जाने वाले कार्य ही उनके महत्त्व को दर्शाते हैं। मांसपेशियों के कार्य तथा महत्त्व को निम्नवत् समझा जा सकता है-

  • शरीर के विभिन्न आन्तरिक अंग केवल मांसपेशियों से ही निर्मित हैं तथा इन अंगों की क्रियाएँ मांसपेशियों द्वारा ही संचालित होती हैं। जैसे कि आहार नाल, फेफड़े, हृदय तथा मस्तिष्क पेशियों से ही निर्मित हैं।
  • अनैच्छिक पेशियों के द्वारा शरीर के आवश्यक और महत्त्वपूर्ण कार्य संचालित होते हैं; जैसे—हृदय का धड़कना, साँस लेना आदि।
  • मांसपेशियों को आराम मिलने पर थके मनुष्य को भी आराम मिलता है।
  • मांसपेशियों के संकुचन और फैलने के. गुण के कारण आँख वस्तुओं को देखती है। दूर तथा पास की वस्तुओं को देखने आदि में पेशियाँ ही दृष्टि संयोजन करती हैं।
  • बालों के आधार पर पायी जाने वाली सूक्ष्म पेशियाँ संकुचित होकर रोंगटे खड़े करती हैं। यह हमारी शरीर की सुरक्षा प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है।
  • ऐच्छिक मांसपेशियों के द्वारा प्रत्येक मनुष्य या अन्य कोई जन्तु अपनी इच्छानुसार कोई भी कार्य कर सकता है; जैसे-खेलना, दौड़ना, खाना आदि।
  • मांसपेशियों से शरीर को एक आकार मिलता है। मांसपेशियों के कारण ही शरीर सधा हुआ तथा सन्तुलित रहता है। पेशियाँ ही शरीर को सुन्दर एवं सुडौल बनाती हैं।
  • मांसपेशियों से हमारी हड्डियों की सुरक्षा होती है। मांसपेशियाँ अस्थियों को बाहरी आघात से बचाती हैं।

प्रश्न 3.
पेशियों का हमारे शरीर के अंगों की गति से क्या सम्बन्ध है? समझाइए।
उत्तर:
आंगिक गति और पेशियाँ .
शरीर में प्रत्येक प्रकार की गति पेशियों द्वारा ही होती है। पेशियाँ चाहे ऐच्छिक हों या अनैच्छिक, ये अपने-अपने प्रकार के अनुरूप गतियाँ करने में संलग्न रहती हैं। उदाहरण के लिए शरीर के अन्दर अनेक अनैच्छिक पेशियाँ; जैसे आहार नाल, अनेक अन्य नलिकाएँ तथा वाहिनियाँ आदि; जिनमें कोई पदार्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचता है, सिकुड़कर तथा शिथिल होकर गति उत्पन्न करती हैं। हृदय की गति पूर्णत: उसकी भित्ति में उपस्थित हृद पेशियों के द्वारा सम्भव है, जो जीवनपर्यन्त नहीं थकतीं और निश्चित समय के अनुसार सिकुड़ती तथा शिथिल होती रहती हैं। इसी प्रकार चलने-फिरने, विभिन्न कार्य करने, साँस लेने आदि में अस्थियों के साथ जुड़ी हुई पेशियाँ गति करने में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं।

अस्थियों की प्रत्येक गतिशील सन्धि के साथ दो पेशियाँ बँधी रहती हैं। प्रत्येक पेशी का एक सिरा अर्थात मल उस अस्थि के साथ जुड़ा होता है, जो कम गतिशील होती है। इसका दूसरा सिरा अस्थि जो अधिक गतिशील होती है के साथ, जुड़ा रहता है। ये पेशियाँ अपनी कण्डराओं के सहारे अस्थियों से बँधी रहती हैं। प्रायः इन सिरों पर एक से अधिक कण्डराएँ (tandons) होती हैं।

जब एक पेशी सिकुड़ती है तो यह गतिशील भाग को अपनी तरफ खींचती है जिससे उसका मध्य भाग फूल जाता है और पीछे का भाग शिथिल हो जाता है। इसके विपरीत, जब दूसरी पेशी सिकुड़ती है तो यह दूसरी दिशा में शिथिल हो जाती है। उदाहरण के लिए कोहनी के जोड़ में होने वाली यह सम्पूर्ण क्रिया हाथ को ऊपर-नीचे करने आदि के लिए गति उत्पन्न करती है (चित्र 3. 2)।

प्रश्न 4.
ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों में भिन्नता सविस्तार समझाइए।
उत्तर:
ऐच्छिक तथा अनैच्छिक पेशियों में भिन्नता
UP Board Solutions for Class 11 Home Science Chapter 1 27

प्रश्न 5.
टिप्पणी लिखिए-पेशीय थकान (Muscular Fatigue)।
उत्तर:
पेशीय थकान
हमारे शरीर की ऐच्छिक पेशियाँ हमारी इच्छा एवं आवश्यकता के अनुसार अनेक कार्य करती हैं। शरीर की इन पेशियों की यह विशेषता है कि यदि इन्हें निरन्तर या अधिक कार्य करना पड़ जाए तो ये थक जाती हैं। पेशियों की थकान की स्थिति में इनकी आकुंचन क्षमता क्षीण हो जाती है। इसी स्थिति को पेशीय थकान कहते हैं। ऐच्छिक पेशियों में रक्त का संचार कम होता है।

अत: निरन्तर कार्य करने पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तथा किण्वन के फलस्वरूप लैक्टिक अम्ल या दुग्धाम्ल बनता है। इसी लैक्टिक अम्ल के एकत्रित हो जाने से आकुंचन क्षमता प्रभावित होती है। कुछ समय विश्राम कर लेने के पश्चात् लैक्टिक अम्ल का पूर्ण ऑक्सीकरण हो जाता है और पेशीय थकान प्रायः समाप्त हो जाती है। इसीलिए थकान-निवारण का सर्वोत्तम उपाय विश्राम करना माना जाता है।

प्रश्न 6.
टिप्पणी लिखिए-‘शरीर की मांसपेशियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना।
उत्तर:
शरीर की मांसपेशियों की देखभाल
समस्त जीवित प्राणियों के शरीर में मांसपेशियों का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। शारीरिक गतिविधियों, स्वास्थ्य तथा बाहरी सौन्दर्य में शरीर की मांसपेशियों द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। इसीलिए हमें मांसपेशियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मांसपेशियों की स्वस्थता के लिए पेशियों की सक्रियता, विश्राम तथा पर्याप्त आहार की आवश्यकता होती है। वास्तव में शरीर की सभी मांसपेशियों का सामान्य रूप से सक्रिय रहना आवश्यक है। यदि इन्हें निष्क्रिय रखा जाता है तो इनकी शक्ति तथा कार्यक्षमता घटने लगती है; अतः शरीर के सभी अंगों से सम्बन्धित कार्य करते रहना चाहिए। जो लोग शारीरिक श्रम के कार्य नहीं करते, उनके लिए नियमित रूप से व्यायाम करना आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त यह भी सत्य है कि मांसपेशियाँ निरन्तर कार्य करने पर थक जाती हैं।

यह थकावट मांसपेशियों में कुछ व्यर्थ पदार्थों के एकत्र हो जाने के कारण आती है। इस थकावट को समाप्त करने के लिए इन व्यर्थ पदार्थों का शरीर से विसर्जन आवश्यक होता है। शरीर की प्राकृतिक व्यवस्था के अनुसार विश्राम की अवस्था में शरीर से व्यर्थ पदार्थों का विसर्जन सुचारु रूप से होता है; अत: मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए विश्राम को भी आवश्यक माना जाता है। स्पष्ट है कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए शरीर की सक्रियता तथा विश्राम में सन्तुलन आवश्यक होता है। इन उपायों के अतिरिक्त मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि पौष्टिक एवं सन्तुलित आहार ग्रहण किया जाए। पेशियों के विकास, उन्हें पुष्ट बनाने तथा उनमें होने वाली टूट-फूट की मरम्मत के लिए प्रोटीन.सर्वाधिक उपयोगी होती है; अत: हमारे आहार में प्रोटीन की आवश्यक मात्रा अवश्य होनी चाहिए। प्रोटीन के अतिरिक्त हमारे आहार में खनिज लवणों की भी समुचित मात्रा होनी चाहिए। मांसपेशियों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भी ग्रहण करना चाहिए।

UP Board Class 11 Home Science Chapter 3 अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कंकाल तन्त्र एवं पेशी तन्त्र का क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
कंकाल तन्त्र शरीर को आकार देता है तथा पेशी तन्त्र उसे सुडौलता एवं सुन्दरता प्रदान करता है। कंकाल तन्त्र तथा पेशी तन्त्र परस्पर सहयोग से शरीर को गति प्रदान करते हैं।

प्रश्न 2.
हमारे शरीर में कुल कितनी पेशियाँ पायी जाती हैं? उत्तर–हमारे शरीर में कुल मिलाकर लगभग 600 पेशियाँ पायी जाती हैं। प्रश्न 3-हमारे शरीर में कितने प्रकार की पेशियाँ पायी जाती हैं?
उत्तर:
हमारे शरीर में तीन प्रकार की पेशियाँ पायी जाती हैं-

  • ऐच्छिक पेशियाँ,
  • अनैच्छिक पेशियाँ तथा
  • हृद-पेशियाँ।

प्रश्न 4.
पेशी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
पेशी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं

  • रेखित या ऐच्छिक पेशी ऊतक,
  • अरेखित या अनैच्छिक पेशी ऊतक तथा
  • हृद-पेशी ऊतक।

प्रश्न 5.
ऐच्छिक पेशियों को अन्य किन-किन नामों से जाना जाता है? और क्यों?
उत्तर:
ऐच्छिक पेशियों में कुछ आड़ी धारियाँ होती हैं, इस कारण से इन्हें रेखित पेशी कहा जाता है। ये हड्डियों से जुड़ी रहती हैं, इस कारण से इन्हें कंकाल पेशी भी कहा जाता है।

प्रश्न 6.
अनैच्छिक पेशियाँ किस प्रकार से कार्य करती हैं?
उत्तर:
अनैच्छिक पेशियाँ अपने आप कार्य करती हैं। इनकी क्रिया व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर नहीं करती है।

प्रश्न 7.
अनैच्छिक पेशियाँ शरीर के किन अंगों में पायी जाती हैं?
उत्तर:
अनैच्छिक पेशियाँ मुख्य रूप से आमाशय, आँतों, ग्रास-नलिका, पित्ताशय, फेफड़ों, धमनियों एवं शिराओं तथा आँखों की पुतलियों में पायी जाती हैं। .

प्रश्न 8.
अनैच्छिक पेशियों को अन्य किन-किन नामों से भी जाना जाता है?
उत्तर:
अनैच्छिक पेशियों को ‘अरेखित पेशियाँ’ तथा ‘चिकनी पेशियाँ’ भी कहा जाता है।

प्रश्न 9.
हृद-पेशियाँ कब तक कार्य करती हैं?
उत्तर:
हृद-पेशियाँ निरन्तर आजीवन कार्य करती रहती हैं।

प्रश्न 10.
मांसपेशियों की रचना में कौन-कौन से भाग होते हैं?
उत्तर:
मांसपेशियों की रचना तीन भागों से होती है-

  • मूल स्थान या मूल बन्ध,
  • तुन्द तथा
  • निवेश।

प्रश्न 11.
किसी अंग की गति के लिए मांसपेशियाँ किसके सहयोग से कार्य करती हैं?
उत्तर:
किसी अंग की गति के लिए मांसपेशियाँ सम्बन्धित अंग की हड्डी के सहयोग से कार्य करती हैं।

प्रश्न 12.
ऐच्छिक पेशियों तथा अनैच्छिक पेशियों की कार्य-प्रणाली में मुख्य अन्तर क्या है?
उत्तर:
ऐच्छिक पेशियाँ व्यक्ति की इच्छा के अनुसार कार्य करती हैं, जबकि अनैच्छिक पेशियाँ व्यक्ति की इच्छा से मुक्त होकर निरन्तर रूप से कार्य करती रहती हैं।

प्रश्न 13.
मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए पेशियों की सक्रियता, समुचित विश्राम तथा सन्तुलित आहार आवश्यक है।

प्रश्न 14.
मांसपेशियों की टूट-फूट की मरम्मत के लिए आहार में किस तत्त्व का अतिरिक्त समावेश होना चाहिए?
उत्तर:
मांसपेशियों की टूट-फूट की मरम्मत के लिए व्यक्ति के आहार में प्रोटीन की अतिरिक्त मात्रा का समावेश होना चाहिए।

UP Board Class 11 Home Science Chapter 3 बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

प्रश्न 1.
कंकाल तन्त्र को सुडौलता एवं सौन्दर्य प्रदान करने वाला तन्त्र है
(क) तन्त्रिका तन्त्र
(ख) पेशी तन्त्र
(ग) परिसंचरण तन्त्र
(घ) पाचन तन्त्र।
उत्तर:
(ख) पेशी तन्त्र।

प्रश्न 2.
एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में कुल पेशियाँ होती हैं
(क) असंख्य
(ख) 206
(ग) लगभग 600
(घ) 450.
उत्तर:
(ग) लगभग 600.

प्रश्न 3.
मांसपेशियाँ शरीर भार का कितने प्रतिशत भाग बनाती हैं-
(क) 30%
(ख) 40% (लगभग)
(ग) लगभग 50%
(घ) अनिश्चित।
उत्तर:
(ग) लगभग 50%.

प्रश्न 4.
शरीर की उन मांसपेशियों को क्या कहा जाता है, जो व्यक्ति की इच्छा के अनुसार कार्य करती हैं
(क) अनैच्छिक पेशियाँ
(ख) ऐच्छिक पेशियाँ
(ग) हृद पेशियाँ
(घ) ये सभी।
उत्तर:
(ख) ऐच्छिक पेशियाँ।

प्रश्न 5.
ऐच्छिक पेशियों की विशेषता है
(क) ये व्यक्ति की इच्छा के अनुसार कार्य करती हैं
(ख) निरन्तर कार्य करने पर ये थक जाती हैं तथा इन्हें विश्राम की आवश्यकता होती है
(ग) ये किसी-न-किसी हड्डी से सम्बद्ध होती हैं
(घ) उपर्युक्त सभी विशेषताएँ।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी विशेषताएँ।

प्रश्न 6.
हृद पेशियों की विशेषता नहीं है
(क) ये हृदय में पायी जाती हैं
(ख) इनमें आड़ी धारियाँ पायी जाती हैं
(ग) कुछ समय तक निरन्तर कार्य करने पर ये थक जाती हैं
(घ) ये व्यक्ति की इच्छा से मुक्त होकर कार्य करती हैं।
उत्तर:
(ग) कुछ समय तक निरन्तर कार्य करने पर ये थक जाती हैं।

प्रश्न 7.
हृदय बना है
(क) ऐच्छिक पेशियों द्वारा
(ख) अनैच्छिक पेशियों द्वारा
(ग) हृद पेशी द्वारा
(घ) कार्टिलेज द्वारा।
उत्तर:
(ग) हृद पेशी द्वारा।

प्रश्न 8.
मांसपेशियों के स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है
(क) पर्याप्त सक्रियता
(ख) समुचित विश्राम
(ग) सन्तुलित आहार ।
(घ) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 9.
मांसपेशियों के निर्माण एवं वृद्धि के लिए निम्नलिखित में से क्या आवश्यक है
(क) विटामिन और खनिज
(ख) हॉर्मोन तथा कार्बोहाइड्रेट
(ग) वसा तथा कार्बोहाइड्रेट्स
(घ) खनिज तथा प्रोटीन्स।
उत्तर:
(घ) खनिज तथा प्रोटीन्स।

प्रश्न 10.
व्यायाम करने से मांसपेशियाँ
(क) दुर्बल होती हैं
(ख) स्वस्थ एवं सक्रिय बनती हैं
(ग) क्षमता घटती है तथा संकुचित होती हैं
(घ) कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
उत्तर:
(ख) स्वस्थ एवं सक्रिय बनती हैं।

प्रश्न 11.
मांसपेशीय ऊतक जो बिना थके हुए जीवनपर्यन्त क्रियाशील होता है, वह है
(क) कंकाल मांसपेशी
(ख) हृदय मांसपेशी
(ग) ऐच्छिक मांसपेशी
(घ) चिकनी मांसपेशी।
उत्तर:
(ख) हृदय मांसपेशी।

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