UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration

Free PDF download of UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration is prescribed under the UP Board Class 11. The syllabus all major topics such as diversity of the living world, human function, plant organisms, etc. The topics that are covered in Class 11 are mentioned in the syllabus with its subtopics and concepts defined.

UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration (रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण)

अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित की परिभाषा लिखिए-
(अ) बहिःस्रावी ग्रन्थियाँ
(ब) अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ
(स) हॉर्मोन।
उत्तर-
(अ) बहिःस्रावी ग्रन्थियाँ (Exocrine Glands) – ये सँकरी नलिकाओं के द्वारा सम्बन्धित भागों से जुड़ी रहती हैं। इन ग्रन्थियों से स्रावित तरल नलिकाओं द्वारा सम्बन्धित सतह पर मुक्त होता है। इन्हें वाहिनीयुक्त (ducted glands) भी कहते हैं; जैसे-लार ग्रन्थियाँ, आहारनाल की विभिन्न पाचक ग्रन्थियाँ, त्वचा की तैल ग्रन्थियाँ, पसीने की ग्रन्थि (sweat gland), यकृत आदि।

(ब) अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ (Endocrine Glands) – ये सम्बन्धित एपिथीलियम से (UPBoardSolutions.com) पृथक् हो जाने के कारण नलिकाविहीन (ductless) कहलाती हैं। इनसे स्रावित रसायनों को हॉर्मोन्स कहते हैं। इनका वितरण रक्त या ऊतक तरल द्वारा होता है। इन ग्रन्थियों में रक्त-केशिकाओं का घना जाल फैला रहता है; जैसे-थाइरॉइड, पैराथाइरॉइड, अधिवृक्क, पीयूष, पीनियल तथा थाइमस ग्रन्थियाँ आदि।

(स) हॉर्मोन (Hormone) – बैलिस एवं स्टारलिंग (Bayliss & Starling, 1903-1905) के अनुसार ये ऐसे सक्रिय सन्देशवाहक रसायन होते हैं जो बाह्य या अन्त:उद्दीपन के कारण शरीर के किसी भाग की अन्त:स्रावी कोशिकाओं द्वारा स्रावित होकर रक्त में पहुँचकर शरीर में संचारित होते हैं।
और इसकी सूक्ष्म मात्रा शरीर की लक्ष्य कोशिकाओं की कार्यिकी को प्रभावित करती है।

UP Board Solutions

प्रश्न 2.
हमारे शरीर में पाई जाने वाली अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की स्थिति चित्र बनाकर प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
अन्तःस्रावी ग्रन्थियों की स्थिति
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 1

प्रश्न 3.
निम्नलिखित द्वारा स्रावित हॉर्मोन का नाम लिखिए-
(अ) हाइपोथैलेमस
(ब) पीयूष ग्रन्थि
(स) थाइरॉइड
(द) पैराथाइरॉइड
(य) अधिवृक्क ग्रन्थि
(र) अग्न्याशय
(ल) वृषण।
(व) अण्डाशय
(श) थाइमस
(स) एट्रियम
(ह) जठर-आंत्रीय पथ
उत्तर-
(अ) गोनेडोट्रोपिन (GnRH),
(ब) वृद्धि हार्मोन (GH), प्रोलेक्टिनं (PRL), थाइरॉइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (TSH), एडीनोकॉर्टिकोट्रोफिक हार्मोन (ACTH), ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH), फॉलिकल स्टीम्युलेटिंग हार्मोन (FSH), मिलेनोसाइट स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (MSH), ऑक्सीटोसिन, वेसोप्रोसिन, (UPBoardSolutions.com) ग्लूकोकॉर्टिकॉइड, एन्ड्रोजन, एन्टीडाययूरेटिक हार्मोन (ADH)।
(स) थाइरॉक्सिन (T4) तथा ट्राइडोथाइरोनिन (T3), थाइरोकेल्सिटोनिन (TCT).
(द) पैराथाइरॉइड हार्मोन (PTH)।
(य) एड्रीनलिन अथवा एपिनेफ्रिन, नॉरएड्रीनलिन अथवा नॉरएपिनेफ्रिन।
(र) ग्लूकागॉन, इंसुलिन।
(ल) एंड्रोजन (टेस्टोस्टीरॉन)।
(व) एस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्ट्रॉन।
(श) थॉयमोसिन।
(स) एट्रियल नेट्रीयूरेटिक फेक्टर (ANF)।
(ष) इरिथ्रोपोइटिन।
(ह) गैस्ट्रिन।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 2
उत्तर-
(अ) हाइपोथैलेमस,
(ब) थाइरॉइड ग्रन्थि,
(स) अधिवृक्क वल्कुट,
(द) वृषण अथवा अडाशय,
(य) त्वचा की रंग कोशिकाएँ (मिलैनोफोर्स)।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित हॉर्मोन के कार्यों के बारे में टिप्पणी लिखिए-
(अ) पैराथाइरॉइड हॉर्मोन (पी०टी०एच)
(ब) थाइरॉइड हॉर्मोन,
(स) थाइमोसिन,
(द) एन्ड्रोजेन,
(य) एस्ट्रोजेन,
(र) इन्सुलिन एवं ग्लूकैगॉन।
उत्तर-
(अ) पैराथायरॉइड हॉर्मोन (Parathyroid Hormone) – ह कैल्सियम के अवशोषण तथा फॉस्फेट के उत्सर्जन को बढ़ाता है। अस्थि एवं दाँतों के विकास में सहायता करता है और पेशियों को क्रियाशील रखता है।
(ब) थाइरॉइड हॉर्मोन (Thyroid Hormone) –

  • ये ऑक्सीकारक उपापचय (Oxidative metabolism) को प्रेरित करके कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन और उपापचय दर को बढ़ाते हैं और जीवन की रफ्तार को बनाए रखते हैं। ये हृदय स्पन्दन दर, प्रोटीन संश्लेषण, O2 एवं ग्लूकोस की खपत आदि (UPBoardSolutions.com) को बढ़ाते हैं।
  • थायरॉक्सिन कायान्तरण (metamorphosis) – के लिए आवश्यक होता है।
  • ये शीत रुधिर वाले जन्तुओं में त्वक्पतन (moulting) – को नियन्त्रित करते हैं।

UP Board Solutions

(स) थाइमोसिन (Thymosin) – यह T-लिम्फोसाइट्स के प्रचुरोद्भवन (proliferation) एवं विभेदीकरण द्वारा शरीर की सुरक्षा करता है। ये जीवाणुओं के प्रतिजन (antigens) को नष्ट करने के लिए प्रतिरक्षी का निर्माण करती है।
(द) एन्ड्रोजेन (Androgens) – इन्हें पौरुष-विकास हॉर्मोन (masculinization hormones) कहते हैं। ये सहायक जनन ग्रन्थियों के विकास को प्रेरित करते हैं। इनके प्रभाव से नर लैंगिक लक्षणों; जैसे-दाढ़ी-मूंछ का उगना, आवाज का भारी होना, अस्थियों का मजबूत होना, पेशियों और शरीर की सुडौलता, कन्धों को फैलाव आदि लक्षणों का विकास होता है।
(य) एस्ट्रोजेन (Estrogens) – इनके कारण स्त्रियों में यौवनारम्भ (puberty) होता है। मासिक धर्म प्रारम्भ (UPBoardSolutions.com) हो जाता है। स्तनों, दुग्ध ग्रन्थियों, गर्भाशय, योनि, लैबिया (labia) भगशिश्न (clitoris) आदि का विकास होता है। इस हॉर्मोन को नारी विकास (feminizing) हॉर्मोन कहते हैं।
(र) इन्सुलिन एवं ग्लूकैगॉन (Insulin and Glucagon) – ये कार्बोहाइड्रेट उपापचय का नियमन करते हैं। इन्सुलिन आवश्यकता से अधिक शर्करा को ग्लाइकोजन में बदलता है। इस क्रिया को ग्लाइकोजेनेसिस (glycogenesis) कहते हैं। ग्लाइकोजन शर्करा में संचित हो जाती है। रक्त में ग्लूकोस की मात्रा के कम होने पर ग्लूकैगॉन हॉर्मोन संचित ग्लाइकोजन को ग्लूकोस में बदल देता है। इसे ग्लाइकोजेनोलिसिस (glycogenolysis) कहते हैं।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के उदाहरण दीजिए-
(अ) हाइपरग्लाइसीमिक हॉर्मोन एवं हाइपोग्लाइसीमिक हॉर्मोन
(ब) हाइपरकैल्सीमिक हॉर्मोन
(स) गोनेडोट्रॉफिक हॉर्मोन
(द) प्रोजेस्टेशनल हॉर्मोन
(य) रक्तदाब निम्नकारी हॉर्मोन
(र) एन्ड्रोजेन एवं एस्ट्रोजेन।
उत्तर-
(अ) हाइपरग्लाइसीमिक हॉर्मोन; जैसे – ग्लूकैगॉन (glucagon) एवं ग्लूकोकॉर्टिकोएड्स (glucocorticoids)।
हाइपोग्लाइसीमिक हॉर्मोन; जैसे – इन्सुलिन (insulin) एवं ग्लूकोकॉर्टिकॉएड्स।
(ब) हाइपरकैल्सीमिक हॉर्मोन; जैसे पैराथॉर्मोन (Parathormone)।
(स)गोनेडोट्रॉफिक हॉर्मोन; जैसे – ल्यूटीनाइजिंग हॉर्मोन (LH), पुटिका प्रेरक हॉर्मोन (FSH)।
(द) प्रोजेस्टेशनल हॉर्मोन; जैसे – प्रोजेस्टेरॉन (progesterone) हॉर्मोन।
(य) रक्तदाब निम्नकारी हॉर्मोन; जैसे – पेप्टाइड हॉर्मोन या (atrial natriuretic factor, ANF)।
(र) एन्ड्रोजेन (androgens); जैसे – टेस्टोस्टेरॉन (testosterone)।
एस्ट्रोजेन (Estrogens); जैसे-एस्ट्रोन (estrone), एस्ट्रिओल (estriole)।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित विकार किस हार्मोन की कमी के कारण होते हैं?
(अ) डायबिटीज
(ब) गॉइटर
(स) क्रिटिनिज्म
उत्तर-
(अ) इन्सुलिन स्रावण में कमी के कारण
(ब) आयोडीन व थाइरॉक्सिन हार्मोन की कमी के कारण
(स) वृद्धि हार्मोन (GH) की कमी के कारण।

प्रश्न 8.
एफ०एस०एच० की कार्य-विधिका संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर-
एफ०एस०एच० की कार्य-विधि
यह पुरुषों में वृषणों की शुक्रजनन नलिकाओं (seminiferous tubules) की वृद्धि तथा शुक्राणुजनन (spermatogenesis) को प्रेरित करता है। स्त्रियों में यह अण्डाशय की प्रैफियन पुटिकाओं (Graafian follicles) की वृद्धि और विकास तथा अण्डजनन (oogenesis) को प्रेरित करता है। यह मादा हॉर्मोन एस्ट्रोजेन (estrogen) के स्रावण को प्रेरित करता है।
ऋणात्मक पुनर्निवेशन नियन्त्रण में स्त्रियों में यह प्रमुख हॉर्मोन एस्ट्रोजन (estrogen) तथा पुरुषों (UPBoardSolutions.com) में प्रमुख नर हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन (testosterone) FSH के स्रावण का अवरोध करते हैं। स्त्रियों में 40 वर्ष की आयु के बाद अण्डाशयों पर FSH का प्रभाव बहुत कम हो जाता है; अत: मासिक धर्म, अण्डजनन तथा मादा हॉर्मोन स्रावण आदि समाप्त होने लगते हैं। इस स्थिति को रजोनिवृत्ति कहते हैं।

UP Board Solutions

प्रश्न 9.
निम्नलिखित के जोड़े बनाइए-
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 3

परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रुधिर दाब तथा हृदय स्पंदन किस हॉर्मोन से बढ़ जाते हैं?
(क) एड्रीनेलिन
(ख) थायरॉक्सिन
(ग) सीक्रिटिन
(घ) गैस्ट्रीन
उत्तर-
(क) एड्रीनेलिन

प्रश्न 2.
लैंगरहैन्स की द्वीपिकाएँ पायी जाती हैं।
(क) मस्तिष्क में
(ख) प्लीहा में
(ग) अग्न्याशय में
(घ) अण्डाशय में
उत्तर-
(ग) अग्न्याशय में

UP Board Solutions

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं दो न्यूरोहॉर्मोन्स के नाम लिखिए।
उत्तर-
ऐसीटिलकोलीन, डोपामीन, नॉर-एपीनेफ्रिन आदि।

प्रश्न 2.
ऐसीटिलकोलीन क्या है? इसके अभाव में शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर-
ऐसीटिलकोलीन एक तन्त्रिसंचारी पदार्थ है जो क्रोमेफिन कोशिकाओं को अपने (UPBoardSolutions.com) हॉर्मोन-नॉरएपिनेफ्रीन तथा एपिनेफ्रीन-मुक्त करने के लिए प्रेरित करता है। इसके अभाव में नॉरंएपिनेफ्रीन तथा एपिनेफ्रीन हॉर्मोनों का स्रावण प्रभावित होगा।

प्रश्न 3.
कौन-सा हॉर्मोन पानी तथा खनिज उपापचय का नियन्त्रण करता है?
उत्तर-
मिनरैलोकॉर्टिकॉएड्स (Mineralocorticoides)

प्रश्न 4.
एस्ट्रोजन का प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर-
एस्ट्रोजन का कार्य स्त्रियों में गौण स्त्री लैंगिक लक्षणों के विकास को प्रेरित करना तथा अण्डाशय व गर्भाशय में होने वाले चक्रीय परिवर्तन को नियन्त्रित करना होता है।

प्रश्न 5.
डायबिटीज मैलीटस रोग क्या है? इस रोग के लक्षण एवं बचाव के दो उपाय लिखिए।
या
डायबिटीज मैलीटस रोग क्या है? इस रोग के दो लक्षण लिखिए।
उत्तर-
डायबिटीज मैलीटस-जब मनुष्य के मूत्र के साथ ग्लूकोज का ह्रास होने लगता है तो इस रोग को डायबिटीज मैलीटस कहते हैं।
लक्षण-
1. मूत्र बार-बार आता है।
2. भूख अधिक लगती है।
बचाव-
1. मनुष्य को संतुलित भोजन खाना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए।
2. रोग हो जाने पर निश्चित समयान्तराल पर इंसुलिन के इंजेक्शन लगवाने चाहिए।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
हॉर्मोन्स क्या हैं? हॉर्मोन्स की क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

हॉर्मोन्स

अन्त:स्रावी ग्रन्थियों द्वारा उत्पन्न रस जो सीधे रुधिर में संवहित किये जाते हैं, हॉर्मोन्स (hormones) कहलाते हैं। इन्हें रासायनिक सन्देशवाहक (chemical messenger) भी कहते हैं। इनकी रासायनिक प्रकृति अमीनो ऐसिड, प्रोटीन या स्टेरॉइड्स होती है। शरीर (UPBoardSolutions.com) में इनका प्रभाव किसी विशेष अंग में विशेष प्रकार की क्रिया आदि को प्रभावित व प्रेरित करना होता है। ये कार्य के बाद प्रायः विघटित हो जाते हैं। परिभाषा के रूप में बैलिस तथा स्टार्लिंग (Bayliss and Starling, 1902-1905) के अनुसार, हॉर्मोन एक ऐसा सक्रिय सन्देशवाहक पदार्थ होता है जो किसी बाह्य या अन्त:उद्दीपन के कारण शरीर के किसी भाग की अन्त:स्रावी कोशिकाओं से स्रावित होकर रुधिर में पहुँचता है और पूरे शरीर में संचरित होता है तथा इसकी सूक्ष्म मात्रा ही शरीर की अन्य कोशिकाओं, प्रायः किसी विशिष्ट भाग की लक्ष्य कोशिकाओं की कार्यिकी को प्रभावित करती है।

UP Board Solutions

हॉर्मोन्स की क्रिया-विधि

हॉर्मोन्सनिम्न प्रकार से अपनी क्रिया करते हैं-

  1. ये कोशिका को अधिक सक्रिय बनाने के लिए कोशिका कला (plasma membrane) की पारगम्यता बढ़ाकर उसे अधिक वरणात्मक पारगम्य (selectively permeable) बना देते हैं।
    इससे कोशिका के कार्य के लिए आवश्यक पदार्थ उसके भीतर आ-जा सकते हैं।
  2. हॉर्मोन्स कोशिकाओं में एन्जाइम्स (enzymes) को प्रेरित कर देते हैं जिससे वे अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
  3. स्टेरॉइड प्रकार के हॉर्मोन्स कोशिका के केन्द्रक में पहुँचकर उसके जीन्स को प्रभावित करते हैं। इस प्रक्रिया में सक्रिय जीन को निष्क्रिय तथा सुप्त जीन को सक्रिय किया जाता है। इससे प्रोटीन संश्लेषण प्रभावित हो जाता है।

हॉर्मोन्स की क्रिया-विधि की सदरलैंड़ (Sutherland, 1971) ने इस प्रकार व्याख्या की है, हॉर्मोन प्रथम दूत (primary messenger) के रूप में कोशिका कला (plasma – membrane) में पाये जाने वाले ऐडीनिल साइलेज (adenyl cyclase) नामक एन्जाइम को प्रेरित करते हैं। एक एन्जाइम कोशिकाद्रव्य के ATP अणु का चक्रिक ऐडीनोसीन मोनोफॉस्फेट (cyclic AMP) में विघटन करता है। चक्रिक AMP द्वितीय दूत (second messenger) के रूप में कोशिकाओं को कई प्रकार से प्रभावित कर सकता है; जैसे-जीन को प्रभावित कर सकता है।” हॉर्मोन क्रिया में चक्रिक AMP की द्वितीय दूत के रूप में कार्य करने की व्याख्या पर सदरलैंड को नोबेल पुरस्कार (Nobel prize) से सम्मानित किया गया।

प्रश्न 2.
विटामिन तथा हॉर्मोन्स का तुलनात्मक वर्णन कीजिए।
उत्तर-
विटामिन – ये हमारे भोजन का महत्त्वपूर्ण अवयव होते हैं जो हमारे शरीर के लिए सूक्ष्म मात्रा में आवश्यक होते हैं। ये कार्बनिक पदार्थ होते हैं। हमारा शरीर इनका निर्माण नहीं कर सकता, परन्तु इनकी सूक्ष्म मात्रा हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। यह हमें भोजन से प्राप्त होता है।
हॉर्मोन – हॉर्मोन्स अन्त:स्रावी ग्रन्थियों द्वारा उत्पन्न एक रस हैं जो सीधे ही हमारे रुधिर में संवहित (UPBoardSolutions.com) किये जाते हैं। इनकी रासायनिक प्रकृति अमीनो अम्ल, प्रोटीन या स्टेरॉइड्स होती है। शरीर में इनका प्रभाव किसी विशेष अंग में विशेष प्रकार की क्रिया आदि को प्रभावित व प्रेरित करना होता है। ये कार्ये के बाद प्रायः विघटित हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
हरस्यूटिज्म रोग के कारण व लक्षण लिखिए।
या
कभी-कभी स्त्रियों में पुरुषों के द्वितीयक गौण लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? कारण सहित समझाइए।
उत्तर-
हरस्यूटिज्म (Hirsutism) – अधिवृक्क ग्रन्थि तथा जनन अंगों से नर तथा मादा हॉर्मोन्स एन्ड्रोजेन्स तथा एस्ट्रोजेन्स स्रावित होते हैं। ये नर तथा मादा में द्वितीयक लक्षणों का विकास करते हैं। सामान्यतया अधिवृक्क ग्रन्थि से स्रावित लिंग हॉर्मोन्स का प्रभाव दिखाई नहीं देता, लेकिन अतिस्रावण के कारण स्त्री में पुरुषोचित लक्षण; जैसे-दाढ़ी-मूंछ निकल आना, आवाज का भारी होना, शरीर पर अधिक बालों का पाया जाना आदि प्रदर्शित होने लगते हैं। इन लक्षणों को हरस्यूटिज्म कहते हैं।”

प्रश्न 4.
“अग्न्याशय एक अन्तःस्रावी के साथ-साथ बहिःस्रावी ग्रन्थि भी है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
या
सिद्ध कीजिए कि अग्न्याशय (पैन्क्रियाज) एक बहिःस्रावी एवं अन्तःस्रावी ग्रन्थि है।
या
अग्न्याशय एक मिश्रित ग्रन्थि है। समझाइए।
उत्तर-
अन्याशय ग्रहणी आमाशय के साथ ‘C’ आकार की रचना बनाती है। इसी के मध्य में यकृत तथा आमाशय के पीछे स्थित, मछली के आकार की कोमल एवं गुलाबी रंग की एक चपटी ग्रन्थि होती है जिसे अग्न्याशय कहते हैं। यह यकृत के बाद शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि होती है। इसमें दो विभिन्न प्रकार के ग्रन्थिल ऊतक भाग होते हैं-
(i) बहिःस्रावी भाग (exocrine part)
(ii) अन्तःस्रावी भाग (endocrine pary)

UP Board Solutions

(i) बहिःस्रावी भाग – बहि:स्रावी ग्रन्थि के रूप में इस ग्रन्थि में पाचन के लिये अत्यन्त महत्त्वपूर्ण, अनेक एन्जाइम्स (enzymes) वाला अग्न्याशयिक रस (pancreatic juice) बनता है। अग्न्याशय की विभिन्न पालियों से छोटी-छोटी वाहिनियाँ उत्पन्न होती हैं जो मिलकर अग्न्याशयी वाहिनियों (pancreatic ducts) का निर्माण करती हैं। ये वाहिनियाँ पित्त वाहिनी (bile duct) में खुलती हैं, जो स्वयं ग्रहणी के समीपस्थ भाग से सम्बन्धित होती हैं।
(ii) अन्तःस्रावी भाग – अन्त:स्रावी ग्रन्थि के रूप में लैंगरहैन्स की द्वीपिकाओं से कार्बोहाइड्रेट उपापचय में महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन्स बनते हैं।
उपर्युक्त विवरण के आधार पर हम कह सकते हैं कि अग्न्याशय एक अन्त:स्रावी ग्रन्थि के साथ-साथ बहि:स्रावी ग्रन्थि भी है। इसे मिश्रित ग्रन्थि भी कहा जाता है।

प्रश्न 5.
(क) इन्सुलिन कहाँ बनता है? इसका क्या कार्य है?
(ख) एपिनेफ्रिन तथा नॉर-एपिनेफ्रिन में एक अन्तर बताइए।
उत्तर-
(क) इन्सुलिन – लैंगरहैन्स की द्वीपिकाओं की कोशिकाओं से इन्सुलिन स्रावित होता है। यह आवश्यकता से अधिक ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदल कर संचित कर देता है।
(ख) एपिनेफ्रिन तथा नॉर-एपिनेफ्रिन में अन्तर – ‘एपिनेफ्रिन हृदय स्पन्दन, श्वास दर, आधारीय (UPBoardSolutions.com) उपापचय दर (BMR) तथा रक्त में पोषक पदार्थों की मात्रा को बढ़ाता है। नॉर-एपिनेफ्रिन शरीर की रक्तवाहिनियों को संकुचित करके रक्तदाब को बढ़ाता है।

प्रश्न 6.
मानव शरीर में किसकी कमी से निम्नलिखित रोग उत्पन्न होते हैं? इन रोगों को होने से कैसे रोका जा सकता है?
(i) मधुमेह,
(ii) घेघा,
(iii) ऐडिसन रोग,
(iv) बौनापन,
(v) मिक्सीडेमा।
उत्तर-
(i) मधुमेह (Diabetes) – यह रोग इन्सुलिन हॉर्मोन की कमी से होता है। शर्करा युक्त पदार्थों के कम उपयोग एवं नियमित व्यायाम से मधुमेह को रोका जा सकता है।
(ii) घेघा (Goitre) – यह थाइरॉक्सिन हॉर्मोन की कमी से होता है। आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने से घेघा रोग को होने से रोका जा सकता है।
(iii) ऐडिसन रोग (Addison’s disease) – ह रोग एड्रीनल हॉर्मोन की कमी के कारण होता है। शरीर से जल तथा सोडियम अधिक मात्रा में उत्सर्जित हो जाने से शरीर का निर्जलीकरण हो जाता है। पेशियाँ शिथिल हो जाती हैं और रक्तदाब कम हो जाता है।
(iv) बौनापन – यह रोग बचपन में वृद्धि हॉर्मोन की कमी के कारण होता है। वृद्धि हॉर्मोन पीयूष ग्रन्थि से स्रावित होता है। बचपन में थाइरॉक्सिन हॉर्मोन की कमी के कारण व्यक्ति बौना रहे जाता है। आयोडीन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने पर थाइरॉक्सिन हॉर्मोन की कमी नहीं हो पाती है।
(v) मिक्सीडेमा – वयस्क अवस्था में हॉर्मोन की कमी से उपापचय दर कम हो जाने से समय से पहले बुढ़ापा आ जाता है। और रक्तदाब कम हो जाता है तथा जननक्षमता कम हो जाती है।

UP Board Solutions

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तःस्रावी एवं बहिःस्रावी ग्रन्थियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए। किन्हीं दो अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के नाम, उनसे निकलने वाले हॉर्मोन्स एवं कार्य लिखिए।
या
अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ क्या हैं ? मानव शरीर में पायी जाने वाली चार प्रमुख अन्तःस्रावी ग्रन्थियों (UPBoardSolutions.com) के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित एक-एक हॉर्मोन का नाम और कार्य लिखिए।
या
बहिःस्रावी तथा अन्तःस्रावी ग्रन्थियों में अन्तर लिखिए।
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 4
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 5

अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ

तन्त्रिकीय नियन्त्रण के अतिरिक्त सभी जन्तुओं में किसी-न-किसी प्रकार का रासायनिक नियन्त्रण भी रहता है। कशेरुकियों में विशेषकरें, स्तनियों में रासायनिक नियन्त्रण को एक विशिष्ट तन्त्र होता है जिसे अन्त:स्रावी तन्त्र (endocrine system) कहते हैं। मनुष्य में तो यह (UPBoardSolutions.com) तन्त्र अतिविकसित होता है। अन्त:स्रावी अथवा एण्डोक्राइन (endocrine) ग्रन्थियों से अभिप्राय ऐसी ग्रन्थियों से है, जो आन्तरिक रूप से स्रावण करती हों। इनमें नलिकाएँ न पायी जाने के कारण इन्हें नलिकाविहीन ग्रन्थियाँ (ductless glands) भी कहते हैं। इन ग्रन्थियों से स्रावित होने वाले विशिष्ट पदार्थों को हॉर्मोन्स (hormones) कहते हैं। हॉर्मोन्स का शरीर के विभिन्न अंगों तक संचरण रुधिर प्रवाह के माध्यम से होता है।

UP Board Solutions
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 6
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 7

प्रश्न 2.
मनुष्य की पीयूष ग्रन्थि की संरचना तथा इसके द्वारा स्रावित विभिन्न हॉर्मोन्स के नाम व कार्यों का वर्णन कीजिए।
या
पीयूष ग्रन्थि द्वारा स्रावित दो हॉर्मोन्स के नाम तथा कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
पीयूष ग्रन्थि पीयूष ग्रन्थि एक सेला टर्सिका नामक अस्थिल गुहा में स्थित होती है और एक वृंत द्वारा हाइपोथैलेमस से जुड़ी होती है। आन्तरिक रूप से पीयूष ग्रन्थि एडिनोहाइपोफाइसिस और न्यूरोहाइपोफाइसिस नामक दो भागों में विभाजित होती है। एडिनोहाइपोफाइसिस दो भागों का बना होता है-पार्स डिस्टेलिस और पार्स इंटरमीडिया। पार्स डिस्टेलिस को साधारणतया अग्र पीयूष ग्रन्थि कहते हैं, जिससे वृद्धि हॉर्मोन या सोमेटोट्रोपिन (GH), प्रोलैक्टिन (PRIL) या मेमोट्रोपिन, थाइरॉइड प्रेरक हॉर्मोन (TSH) एड्रिनोकॉर्टिकोट्रॉफिक हॉर्मोन (ACTH) या कॉर्टिकोट्रोफिन, ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन (LH) और पुटिका प्रेरक हॉर्मोन का स्राव होता है। पार्स इंटरमीडिया एकमात्रे हॉर्मोन मैलेनोसाइट प्रेरक हॉर्मोन (MSH) या मेलेनोट्रोफिन का स्राव करता है। यद्यपि मानव में पार्स इंटरमीडिया (मध्यपिंड) पार्स डिस्टेलिस (दूरस्थ पिंड) से लगभग जुड़ा होता है। न्यूरोहाइपोफाइसिस (पार्स नर्वोसा) या पश्चपीयूष ग्रन्थि, हाइपोथैलेमस द्वारा उत्पादित किए जाने वाले हॉमन्स ऑक्सीटॉसिन और वेसोप्रेसिन का संग्रह और स्राव करती है। ये हॉर्मोन वास्तव में हाइपोथैलेमस द्वारा संश्लेषित होते हैं और तन्त्रिकाक्ष (axon) होते हुए पश्च पीयूष ग्रन्थि में पहुँचा दिए जाते हैं।

UP Board Solutions

वृद्धिकारी हॉर्मोन (GH) के अति स्राव से शरीर की असामान्य वृद्धि होती है जिसे जाइगेटिज्मया अतिकायकता (gigantism) कहते हैं और इसके अल्प स्राव से वृद्धि अवरुद्ध हो जाती है जिसे पिट्यूटरी ड्वार्फिज्म (बौनापन या वामनता) कहते हैं। प्रोलैक्टिन हॉर्मोन स्तन ग्रन्थियों की वृद्धि और उनमें दुग्ध निर्माण का नियंत्रण करता है। थाइरॉइड प्रेरक हॉर्मोन (TSH) थाइरॉइड ग्रन्थियों पर कार्य कर उनसे थाइरॉइड हॉर्मोन के संश्लेषण और स्रावण को प्रेरित करता है। एड्रिनोकॉर्टिकोट्रॉफिक हॉर्मोन (ACTH) एड्रीनल वल्कुट पर कार्य करता है और इसे ग्लूकोकॉर्टिकॉइड्स नामक स्टीरॉइड हॉर्मोन के संश्लेषण और स्रावण के लिए प्रेरित करता है। (UPBoardSolutions.com) ल्यूटिनाइजिंग (LH) और पुटिका प्रेरक हॉर्मोन (FSH) जननांगों की क्रिया को प्रेरित करते हैं और लिंगी हॉर्मोन का उत्पादन करते हैं अतः गोनेडोट्रोपिन कहलाते हैं। नरों में ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (LH), एंड्रोजेन नामक हॉर्मोन के संश्लेषण और स्राव के लिए प्रेरित करता है। इसी तरह नरों में पुटिका प्रेरक हॉर्मोन (FSH) और एंड्रोजेन शुक्रजनन (Spermatogenesis) को नियंत्रित करता है। मादाओं में ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (LH) पूर्ण विकसित पुटिकाओं (ग्राफियन पुटिका) से अण्डोत्सर्ग को प्रेरित करता है और ग्राफियन पुटिका के बचे भाग से कॉर्पस ल्यूटियम बनाता है। पुटिका प्रेरक हार्मोन (FSH) मादाओं में अण्डाशयी पुटिकाओं की वृद्धि और परिवर्धन को प्रेरित करता है।

मेलानोसाइट प्रेरक हॉर्मोन (MSH), मेलानोसाइट्स (मेलेनिन युक्त कोशिकाओं) पर क्रियाशील होता है तथा त्वचा की वर्णकता का नियमन करता है। ऑक्सीटॉसिन हमारे शरीर की चिकनी पेशियों पर कार्य करता है और उनके संकुचन को प्रेरित करता है। मादाओं में यह प्रसव के समय गर्भाशयी पेशियों के संकुचन और दुग्ध झुन्थियों से दूध के स्राव को प्रेरित करता है। वेसोप्रेसिन मुख्यतः वृक्क की दूरस्थ संवलित नलिका से जल एवं आयनों के पुनरावशोषण को प्रेरित करता है, जिससे मूत्र के साथ जल का ह्रास (डाइयूरेसिस) कम हो। अत: इसे प्रतिमूत्रल हॉर्मोन या एंटी-डाइयूरेटिक हार्मोन (ADH) भी कहते हैं।
UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration image 8

प्रश्न 3.
थाइरॉइड ग्रन्थि से उत्पन्न हॉर्मोन्स का वर्णन कीजिए। थाइरॉइड की अनियमितताओं के दुष्प्रभाव का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
थाइरॉइड ग्रन्थि थाइरॉइड ग्रन्थि श्वास नली के दोनों ओर स्थित दो पालियों से बनी होती है। दोनों पालियाँ संयोजी ऊतक की पतली पल्लीनुमा इस्थमस से जुड़ी होती हैं। प्रत्येक थाइरॉइड ग्रन्थि पुटकों (follicles) र भरण ऊतकों (stromal tissues) की बनी होती हैं। प्रत्येक थाइरॉइड पुटक एक गुहा को घेरे पुटक कोशिकाओं से निर्मित होता है। ये पुटक कोशिकाएँ दो हॉर्मोन, टेट्राआइडोथाइरोनीन (TA) अथवा थाइरॉक्सिन तथा ट्राइआइडोथायरोनीन (T) का संश्लेषण करती हैं। थाइरॉइड हॉर्मोन के सामान्य दर से संश्लेषण के लिए आयोडीन आवश्यक है। हमारे भोजन में आयोडीन की कमी से अवथाइरॉइडता (hypothyroidism) एवं थाइरॉइड ग्रन्थि (UPBoardSolutions.com) की वृद्धि हो जाती है। इस बीमारी को साधारणतया घेघा (goitre) कहते हैं। गर्भावस्था के समय अवथाइरॉइडता के कारण गर्भ में विकसित हो रहे बालक की वृद्धि विकृत हो जाती है। इससे बच्चे की अवरोधित वृद्धि (cretinism) या वामनता तथा मंदबुद्धि, त्वचा असामान्यता, मूकबधिरता आदि हो जाती है। वयस्क स्त्रियों में अवथाइरॉइडता मासिक चक्र को अनियमित कर देता है। थाइरॉइड ग्रन्थि के कैंसर अथवा इसमें गाँठों की वृद्धि से थाइरॉइड हॉर्मोन के संश्लेषण की दर असामान्य रूप से अधिक हो जाती है। इस स्थिति को थाइरॉइड अतिक्रियता (hyperthyroidism) कहते हैं, जो शरीर की कार्यिकी पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

UP Board Solutions

थाइरॉइड हॉर्मोन आधारीय उपापचयी दर (basal metabolic rate) के नियमन में मुख्य भूमिका निभाते हैं। ये हॉर्मोन, लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण की प्रक्रिया में भी सहायता करते हैं। थाइरॉइड हॉर्मोन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के उपापचय (संश्लेषण और विखंडन) को भी नियन्त्रित करते हैं। जल और विद्युत अपघट्यों का नियमन भी थाइरॉइड हॉर्मोन को प्रभावित करते हैं। थाइरॉइड ग्रन्थि से एक प्रोटीन हॉर्मोन, थाइरोकैल्सिटोनिन (TCT) का भी स्राव होता है (UPBoardSolutions.com) जो रक्त में कैल्सियम स्तर को नियन्त्रित करता है।

We hope the UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration (रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Biology Chapter 22 Chemical Coordination and Integration (रासायनिक समन्वय तथा एकीकरण), drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

error: Content is protected !!
Scroll to Top