UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 11 (Section 2)

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UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 11 देश की आन्तरिक सुरक्षा-व्यवस्था (अनुभाग – दो)

विस्तृत उत्तरीय प्रत

प्रश्न 1.
आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियों पर सविस्तार प्रकाश डालिए।
              या
भारत की आन्तरिक सुरक्षा को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है? किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए। [2018]
उत्तर :
देश की सुरक्षा का आशय केवल बाहरी सुरक्षा से नहीं, बल्कि आन्तरिक सुरक्षा से भी है। यह सत्य है कि यदि किसी देश की सीमा में रहने वालों का जीवन सुरक्षित नहीं है, तो बाहरी हमलों से भी सुरक्षा सम्भव नहीं है।

देश की आन्तरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ

भारत को अपनी आन्तरिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में अलगाववाद और धार्मिक कट्टरता की कड़ी चुनौती है, वहीं इनसे पैदा हुआ आतंकवाद भारत के लिए एक गम्भीर समस्या बना हुआ है।

अलगाववाद से पीड़ित राज्यों में असम, जम्मू-कश्मीर, नागालैण्ड आदि प्रमुख हैं। इन राज्यों के उग्रवादी समूहों ने क्षेत्रों में विकास न होने का दायित्व भारत सरकार पर थोप दिया है और अलगाववाद को विकास से। जोड़ दिया है। अलगाववाद (UPBoardSolutions.com) की प्रकृति भारतीय सुरक्षा के लिए एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभरकर सामने आई है।

आतंकवाद भारत के लिए एक गम्भीर चुनौती है। आतंकवाद का अर्थ राजनीतिक खून-खराबे से है। आतंकवादी अपनी बातों को मनवाने के लिए जन-साधारण को निशाना बनाते हैं और नागरिकों के असन्तोष का उपयोग सरकार के विरुद्ध करते हैं। 26 नवम्बर, 2008 ई० को मुम्बई में हुआ आतंकवादी हमला इसका प्रमुख उदाहरण है। आतंकवादी गतिविधियों के मुख्य उदाहरण हैं—विमान अपहरणे अथवा भीड़ भरी जगहों; जैसे—रेलगाड़ी, होटल, बाजार या ऐसी ही अन्य जगहों पर बम विस्फोट कराना आदि।।

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देश की आन्तरिक सुरक्षा की रणनीति

देश की आन्तरिक सुरक्षा की रणनीति का प्रमुख कारक है—विकास कार्यों को तेजी से पूरा करना। ऐसे कार्यों में समाज के सभी वर्गों, उपवर्गों, सम्प्रदायों को विकास के लाभ में हिस्सेदारी प्रदान की जाती है। इसके साथ-ही-साथ भारत ने राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने के लिए लोकतान्त्रिक व्यवस्था में देश के प्रत्येक व्यक्ति को हिस्सेदार बनाया है। भारत में अर्थव्यवस्था को इस प्रकार से भी विकसित करने का प्रयास किया (UPBoardSolutions.com) गया है कि बहुसंख्यक नागरिकों को गरीबी और अभाव से मुक्ति मिले तथा नागरिकों के बीच आर्थिक समानता पैदा हो। इसके अलावा आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिकीकरण और अति आधुनिक हथियारों से लैस करना भी एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारक है।

लघु उत्तरीय प्रत।

प्रश्न 1.
आन्तरिक सुरक्षा के पारम्परिक साधनों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
आन्तरिक सुरक्षा के पारम्परिक साधनों में प्रमुख हैं–पुलिस बल; त्वरित कार्यबल (आर०ए० एफ०); असम राइफल्स; गृहरक्षा वाहिनी (होमगार्ड) आदि। इन सभी बलों पर देश की आन्तरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। पुलिस के पास आम कानून व्यवस्था बनाये रखने, अपराधों को रोकने एवं उनकी

जाँच करने का दायित्व है। संविधान के तहत आम कानून व्यवस्था और पुलिस राज्य सरकार का विषय है। इसलिए पुलिस पर राज्य सरकार का नियन्त्रण होता है। राज्य में पुलिस बल पर प्रमुख पुलिस महानिदेशक या पुलिस महानिरीक्षक होता है। राज्य को सुविधानुसार कई खण्डों में बाँटा जाता है, जिन्हें ‘क्षेत्र’ कहा जाता है और हर पुलिस क्षेत्र उपमहानिरीक्षक के प्रशासनिक नियन्त्रण में होता है। एक क्षेत्र में कई जिले होते हैं। जिला (UPBoardSolutions.com) पुलिस का विभाजन पुलिस डिवीजनों, अंचलों और पुलिस थानों में किया गया है। राज्यों के पास नागरिक पुलिस के अलावा अपनी सशस्त्र पुलिस, अलग खुफिया शाखा, अपराध शाखा आदि होती हैं।

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प्रश्न 2.
‘असम राइफल्स’ पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
पूर्वोत्तर राज्यों में ‘असम राइफल्स’ सबसे पुराना पुलिस बल है। ‘असम राइफल्स’ का गठन सन् 1835 ई० में ‘कछार लेवी’ के नाम से किया गया था। इस पर पूर्वोत्तर क्षेत्र की आन्तरिक सुरक्षा और भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा को दोहरा उत्तरदायित्व है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने में असम राइफल्स की भूमिका सराहनीय रही है। इस बल को प्यार से पूर्वोत्तर का प्रहरी’ और ‘पर्वतीय लोगों का मित्र’ कहा जाता है।

प्रश्न 3.
‘होमगाई’ पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
यह एक स्वयंसेवी बल है, जिसका गठन दिसम्बर, 1946 ई० में नागरिक अशान्ति और साम्प्रदायिक दंगों के नियन्त्रण में पुलिस को सहयोग देने के उद्देश्य से किया गया था। इसका काम हवाई हमले, अग्निकाण्ड, चक्रवात, भूकम्प, महामारी आदि आपात स्थितियों में पुलिस की सहायता करना, आवश्यक सेवाएँ बहाल कराना, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाना, कमजोर वर्ग के लोगों की रक्षा में प्रशासन का साथ देना, सामाजिक-आर्थिक और कल्याण के कार्यों में हिस्सा लेना तथा नागरिक सुरक्षा का ध्यान रखना है।

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आन्तरिक सुरक्षा के इन पारम्परिक साधनों के अलावा अपारम्परिक साधनों का प्रयोग भी आवश्यक है। अपारम्परिक साधनों से तात्पर्य वंचित, अपेक्षित लोगों को विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित करने वाले उपायों से है। अल्पसंख्यकों, महिलाओं, (UPBoardSolutions.com) विकलांगों, पिछड़े क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा हेतु रोजगार, व्यापार आदि पर बल देना चाहिए।

प्रश्न 4.
नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के विषय में आप क्या जानते हैं? [2011, 12]
              या
नेशनलं कैडेट कोर का संक्षिप्त विवरण दीजिए। [2011, 12]
उत्तर :
नेशनल कैडेट कोर

यह एक महत्त्वपूर्ण युवा संगठन है। इसमें विद्यार्थियों व स्कूली छात्र-छात्राओं को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। एन०सी०सी० में तीन डिवीजन हैं—सीनियर, जूनियर व लड़कियाँ। सीनियर डिवीजन में हाईस्कूल से ऊपर के छात्र प्रशिक्षण लेते हैं। जूनियर डिवीजन में नवीं व हाईस्कूल कक्षा में पढ़ने वाले छात्र भाग लेते हैं। एन०सी०सी० के छात्रों के लिए अनेक प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है; जैसे-ए, बी, सी, जी प्रमाण-पत्र आदि की परीक्षाएँ। एन०सी०सी० का उद्देश्य देश के प्रत्येक नवयुवक को सैन्य दृष्टि से प्रशिक्षित करना है। आवश्यकता पड़ने पर ऐसे नवयुवकों को शीघ्र ही पूर्ण सैनिक बनाया (UPBoardSolutions.com) जा सकता है। आज एन०सी०सी० के माध्यम से भारतीय सेना को निरन्तर बहुत अच्छे सैनिक अधिकारी प्राप्त हो रहे हैं। इस प्रकार एन०सी०सी० बहुत महत्त्वपूर्ण संगठन है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि “एन०सी०सी० सुरक्षा सेवाओं की नर्सरी है।”

प्रश्न 5.
भारत की आन्तरिक सुरक्षा से सम्बन्धित किन्हीं तीन समस्याओं का वर्णन कीजिए। [2015, 16]
उत्तर : कोई भी राष्ट्र विकास के पथ पर तभी अग्रसर हो सकता है जब वहाँ की आन्तरिक सुरक्षा-व्यवस्था सुदृढ़ हो। आन्तरिक सुरक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए प्रत्येक सरकार को सतर्क रहना चाहिए जिससे विध्वंसकारी गतिविधियाँ सक्रिय न हो सकें। ये विध्वंसकारी गतिविधियाँ राष्ट्र के अन्दर गतिरोध उत्पन्न करती हैं और विकास में बाधक सिद्ध होती हैं।  देश में आन्तरिक सुरक्षा के वर्तमान समय में निम्नलिखित खतरे हैं

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1. आतंकवाद– देश में आतंकवाद गम्भीर समस्या है। पड़ोसी देश पाकिस्तान का राष्ट्रीय लक्ष्य भारत को प्रगति के मार्ग पर रोकने, आर्थिक क्षति पहुँचाने, सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने एवं नागरिकों में भय एवं असुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए गोलाबारी, बन्दूक, आत्मघाती हमले, सार्वजनिक बम विस्फोट आदि हैं। देश के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर बम विस्फोट आन्तरिक व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करना है। पंजाब एवं (UPBoardSolutions.com) जम्मू-कश्मीर में लगी आतंकवादी आग देश के भीतर अन्य प्रान्तों में भी फैलती जा रही है। इन्दिरा गाँधी, राजीव गाँधी की हत्या आतंकवादी घटनाएँ हैं।

2. नक्सली आतंकवाद- 
नक्सली आतंकवादी राजनीतिक नकाब पहनकर गरीबों का मसीहा बनकर उन्हें बरगलाकर या भयभीत करके उन्हीं की आड़ में आपराधिक गतिविधियाँ चलाते हैं। इनका लक्ष्य आन्तरिक सुरक्षा-व्यवस्था को नष्ट-भ्रष्ट करना होता है। क्षेत्रीय विकास को रोकने के लिए वे आतंकवादी घटनाओं में लिप्त रहते हैं। ऐसा करने के लिए विदेशी शक्तियाँ उन्हें धन एवं शस्त्र उपलब्ध कराती हैं।

3. साम्प्रदायिक दंगे एवं आन्दोलन– 
स्वाधीनता के बाद विशेष सम्प्रदाय की तुष्टीकरण की भयानक परम्परा स्थापित हो गयी है। यह परम्परा सत्तालोलुप तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनेताओं ने डाली है। इनकी धर्मनिरपेक्षता का अर्थ विशेष सम्प्रदायों को खुश करना हो गया है। अब वे दबाव समूह बन गये हैं। उन्हें संवेदनशील सम्बोधित किया जा रहा है। मामूली हस्तक्षेप भी उनके भड़काने का कारण और दंगा का मूल कारण हो गया है, अत: तुष्टीकरण की नीति त्यागकर राष्ट्रीयता की भावना को उभारकर साम्प्रदायिकता का मुकाबला करना चाहिए।

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प्रश्न 6.
भारत की रक्षा तैयारी पर एक लेख लिखिए। [2016]
              या
देश की आन्तरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए सरकार को क्या उपाय करने चाहिए? उनमें से किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए। [2016, 18]
उत्तर :
भारत अपनी विस्तृत सीमा की सुरक्षा के लिए सजग एवं सावधान है। स्वाधीनता के बाद से ही भारत ने इस दिशा में सराहनीय कार्य किये हैं। प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय बजट में रक्षा के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की जाती रही है। वर्तमान सरकार (UPBoardSolutions.com) ने बजट में रक्षा सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की है।

रक्षा बजट

भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए निम्न तैयारियाँ की हैं

  1. स्वाधीनता के बाद भारत ने रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए महत्त्वपूर्ण प्रयास | किये हैं। भारत के इस प्रयास के फलस्वरूप आज 39 आर्डिनेन्स फैक्ट्रियाँ विविध रक्षा सामग्रियाँ का उत्पादन कर रही हैं।
  2. युद्ध-काल में खाद्यान्न आदि की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन एवं भण्डारण की समुचित व्यवस्था की है।
  3. सरकार ने केन्द्रीय वार्षिक बजट में प्रतिवर्ष रक्षा आवश्यकताओं (UPBoardSolutions.com) की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था की है।
  4. रक्षा उत्पादनों में गुणवत्ता और तेजी लाने के लिए सरकार ने 7 मई, 1980 को रक्षा अनुसन्धान और विकास नामक एक नये विभाग की स्थापना की है।
  5. भारत सरकार ने सेना को आधुनिकतम तकनीक एवं अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित करने का प्रयास किया है। उल्लेखनीय है कि भारत 1998 में दूसरा परमाणु विस्फोट करके संसार के परमाणु शक्ति सम्पन्न ।
    देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है।
  6. भारत ने अपने सैनिकों को युद्ध-कला में और दक्ष बनाने, नये सैनिकों की भर्ती करने एवं उनके प्रशिक्षण के लिए देश में कई प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की है।
  7. अपने प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत त्रिशूल, पृथ्वी, अग्नि, आकाश, नाग आदि प्रक्षेपास्त्रों के निर्माण में सफल रहा है।

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प्रश्न 7.
राष्ट्रीय अखण्डता बनाये रखने के लिए कौन-से कदम उठाने चाहिए? विवेचना कीजिए। [2011, 16]
उत्तर :

देश की एकता व अखण्डता बनाए रखने के उपाय

देश की एकता व अखण्डता बनाए रखने के लिए अग्रलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं

  • हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य; जैसे—शिक्षण संस्थानों की स्थापना, रोजगार के अवसरों का सृजन तथा यातायात की सुविधाएँ आदि विकसित किए जाने चाहिए।
  • संचार के साधनों का विकास किया जाना चाहिए।
  • तार्किक तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार-प्रसार के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।
  • धार्मिक कट्टरती को फैलने से रोकना चाहिए तथा इस प्रकार के संगठनों को उन्मूलन किया जाना चाहिए।
  • धार्मिक, प्रादेशिक, क्षेत्रीयता पर आधारित राजनीति को समाप्त किया जाना (UPBoardSolutions.com) चाहिए।
  • साम्प्रदायिक सौहार्द उत्पन्न करने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। एक-दूसरे के धर्म के विचारों को जानने के प्रयत्न किए जाने चाहिए।
  • देश में उद्यमशीलता का विकास किया जाना चाहिए, ताकि अधिक-से-अधिक लोग रोजगारत् रहें और उन्हें आर्थिक लाभ का लालच देकर उकसाया न जा सके।
  • सशस्त्र बलों को सुदृढ़ करना चाहिए तथा उनके प्रशिक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुलिस किस सूची का विषय है ?
उत्तर :
पुलिस राज्य-सूची का विषय है।

प्रश्न 2.
‘पूर्वोत्तर का प्रहरी किसे कहा जाता है ?
उत्तर :
असम राइफल्स’ को पूर्वोत्तर का प्रहरी कहा जाता है।

प्रश्न 3.
होमगाई का कोई एक कार्य लिखिए।
उत्तर :
आपात स्थितियों में पुलिस की सहायता करना।

प्रश्न 4.
राज्य पुलिस का सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है ?
उत्तर :
पुलिस महानिदेशक या (UPBoardSolutions.com) पुलिस महानिरीक्षक (D.G.P)।

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प्रश्न 5.
जिले का सबसे बड़ा पुलिस अधिकारी कौन होता है ?
उत्तर :
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (Senior Superintendent of Police : S.S.P)।

प्रश्न 6.
भारत की आन्तरिक सुरक्षा से सम्बन्धित किन्हीं दो समस्याओं के नाम लिखिए। [2015]
उत्तर :
अलगाववाद तथा आतंकवाद।

‘बहुविकल्पीय

प्रश्न 1. आर०ए०एफ० का गठन किया गया

(क) 1991 ई० में
(ख) 1992 ई० में
(ग) 1993 ई० में
(घ) 1994 ई० में

2. असम राइफल्स का गठन हुआ

(क) 1835 ई० में
(ख) 1935 ई० में
(ग) 1951 ई० में
(घ) 1953 ई० में

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3. होमगार्ड का गठन हुआ

(क) 1946 ई० में
(ख) 1948 ई० में
(ग) 1949 ई० में
(घ) 1950 ई० में

उत्तरमाला

1. (ख), 2. (क), 3. (क)

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