UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 7 वयं भारतीयाः (कथा – नाटक कौमुदी)

Free PDF download of UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 7 वयं भारतीयाः (कथा – नाटक कौमुदी), Having good knowledge and help you revise the whole chapter 1 in minutes, in exam days is one of the best tips recommended by teachers during exam days.

UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 7 वयं भारतीयाः (कथा – नाटक कौमुदी)

परिचय

सभी धर्म मानव की एकता में विश्वास रखते हैं और सभी धर्मों को प्राप्तव्य भी एक है। सत्य, दया, परोपकार, शुद्धता आदि बातों का उपदेश सभी धर्मों में दिया गया है। कोई भी धर्म सदाचार और नैतिकता का विरोध नहीं करता। धर्म के मूल-तत्त्व को न समझने वाले ही विरोध और द्वेष को जन्म देते हैं। भारत तो “वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना में विश्वास रखता है। हम सभी को यह समझना चाहिए कि हम हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बाद में हैं, (UPBoardSolutions.com) सर्वप्रथम हम भारतीय हैं। प्रस्तुत नाटक बड़े रोचक ढंग से ‘राष्ट्रीय एकता’ के सन्देश का उद्घोष करते हुए वर्ण-सम्प्रदाय के भेदभाव को मिटाकर एक होकर रहने की प्रेरणा देता है। इसमें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मों के पात्र हैं, जिनमें प्रारम्भ में साम्प्रदायिक भेदभाव की भावना व्याप्त है, किन्तु अन्त में सभी एक होकर भाईचारे एवं सद्भाव से रहने का संकल्प लेते हैं।

UP Board Solutions

पाठ-सारांश

अध्यापक का कक्षा में प्रवेश – नाटक का प्रारम्भ कक्षा में अध्यापक के प्रवेश से होता है। अध्यापक के कक्षा में पहुंचने पर सभी छात्र उनके सम्मान में उठ खड़े होते हैं। तत्पश्चात् अध्यापक़ महोदय सामान्य ज्ञान सम्बन्धी प्रश्न पूछने के लिए कहकर आफताब से गौतम बुद्ध के चरित्र के विषय में प्रश्न पूछते हैं।

आफताब द्वारा उत्तर देना – आफताब उत्तर देता है कि महात्मा बुद्ध बचपन से ही चिन्तनशील और परम दयालु थे। वे सदैव संसार को दु:खों से मुक्त कराने की सोचा करते थे। महात्मा बुद्ध ने सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह आदि का मनुष्यों को उपदेश दिया और समाज में व्याप्त धार्मिक पाखण्डों का खुलकर खण्डन किया।

अध्यापक का जसबिन्दर एवं दीपक से प्रश्न पूछना – इसके बाद अध्यापक जसबिन्दर से ईसा मसीह के उपदेशों के विषय में पूछते हैं। जसबिन्दर उत्तर देता है कि ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह ने। दु:खियों के दु:खों को दूर करने, निर्धनों का कल्याण करने और रोगियों की (UPBoardSolutions.com) पीड़ा हरने के लिए संसार को उपदेश दिया। मानव-सेवा के द्वारा ही ईश्वर का साक्षात्कार किया जा सकता है, यही उनके उपदेश का मूल सार है। तत्पश्चात् अध्यापक ने दीपक से गुरु गोविन्द सिंह के विषय में प्रश्न किया।

‘दीपक सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह के विषय में बताता हुआ कहता है कि गुरु गोविन्द सिंह ने जन्मभूमि की रक्षा के लिए, देशभक्ति की भावना से आत्मोत्सर्ग कर दिया।

UP Board Solutions

मध्यावकाश में सबका भोजन करना – इसके बाद मध्यावकाश हो जाता है और सभी छात्र एक स्थान पर बैठकर खाना खाते हैं। दीपक कहीं चला जाता है और जसबिन्दर कहता है कि उसके पास भोजन के लिए कुछ भी नहीं है। पीटर अपना भोजन जसबिन्दर को दे देता है। कुछ दिनों के बाद बातचीत के दौरान जसबिन्दर के यह कहने पर कि उसके पास परीक्षा-फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं हैं, पीटर उसका परीक्षा शुल्क भी जमा करता है।

आफताब का दीपक को रक्त देना – कुछ दिनों के बाद दीपक पर बम फेंका जाता है। घायलावस्था में चिरंजीव चिकित्सालय में वह मृत्यु से संघर्ष कर रहा होता है। उसके जीवन की रक्षा के लिए रक्त की। आवश्यकता है। दीपक के वर्ग का रक्त न तो अस्पताल से मिल पाता है और न ही उसके घर के किसी सदस्य से। ऐसी विषम परिस्थिति में आफताब स्वेच्छया अपने रक्त का परीक्षण कराता है। उसका रक्त दीपक के रक्त से मिल जाता है और वह रक्तदान करके उसकी प्राणरक्षा करता है।

सद्भाव का उदय – दीपक जो कभी जातिगत भेदभाव में विश्वास करता था, इस दुर्घटना से उसकी आँखें खुल जाती हैं और वह सभी भेदभाव भुलाकर सबको भाई के समान मानने लगता है। सभी लोग ईद, होली इत्यादि त्योहार परस्पर मिलकर बड़े सौहार्द के साथ मनाते हैं। दीपक के पिता के इस सन्देश के साथ नाटक का पटाक्षेप हो जाता है कि विभिन्न धर्मों के मार्ग भिन्न-भिन्न हैं, किन्तु सभी का गन्तव्य एक ही है। सबकी शिराओं में एक समान रक्त (UPBoardSolutions.com) प्रवाहित है। ईश्वर सभी व्यक्तियों के हृदय में निवास करता है।

प्रमुख कथ्य – इस नाटक को प्रमुख कथ्य जात-पाँत के भेदभाव को समाप्त कर मानवीय धर्म की स्थापना करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ही नाटक में दीपक को आरम्भ में जात-पाँत का पोषक दिखाया गया है, किन्तु दुर्घटनाग्रस्त होने पर जब आफताब अपने रक्तदान द्वारा उसकी प्राणरक्षा करता है तो उसकी विचारधारा में परिवर्तन हो जाता है और वह सर्वधर्म समभाव में अपनी आस्था व्यक्त करती है।

UP Board Solutions

चरित्र-चित्रण

आफताब [2009, 10, 14]

परिचय आफताब मुस्लिम छात्र है, किन्तु उसमें धार्मिक कट्टरता नहीं है। उसका दृष्टिकोण बड़ा व्यापक है। वह सभी धर्मों को एकसमान मानने वाली है। उसकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

1. राष्ट्रीय एकता का पोषक – आफताब में जाति-पाँति की भावना लेशमात्र भी नहीं है, उसके हृदय में तो सर्वधर्म समभाव की पवित्र विचारधारा प्रवहमान है। अपने धर्म के अतिरिक्त उसे अन्य धर्मों का भी पर्याप्त ज्ञान है। अध्यापक के पूछने पर वह महात्मा बुद्ध के प्रमुख उपदेशों का उल्लेख करता है। अन्य धर्म का होते हुए भी वह दीपक को अपना रक्त देकर उसकी प्राणरक्षा करता है तथा होली के अवसर पर वह दीपक के घर जाता है।

2. श्रेष्ठ मित्र – आफताब सच्चा मित्र है। उसकी सच्ची मित्रता का उद्घाटन उस समय होता है, जब उसे ज्ञात होता है कि दीपक बम विस्फोट में घायल हो गया है। वह उसे देखने के लिए व्याकुल हो जाता है और चिकित्सालय जाकर रक्तदान करके अपने मित्र दीपक (UPBoardSolutions.com) की प्राणरक्षा करता है। इदानीं प्राणानां मोहः नैव कर्तव्यः।” उसके इस वाक्य से उसकी निश्छल मैत्री की पवित्र धारा निस्सृत हुई प्रतीत होती है।

3. उदारमना – सम्पूर्ण नाट्यांश में आफताब को उदारमना छात्र के रूप में चित्रित किया गया है। सर्वप्रथम वह भूखे जसबिन्दर को सान्त्वना देता हुआ दिखाई देता है, फिर चिकित्सालय में दीपक के माता-पिता को ढाढ़स बँधाता हुआ और दीपक के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हुआ दिखलाई पड़ता है। वह होली के अवसर पर दीपक के घर जाकर होली की बधाई भी देता है। यह सब क्रिया-कलाप उसकी उदारता का स्वयं व्याख्यान करते प्रतीत होते हैं।

UP Board Solutions

4. बुद्धिमान् – आफताब बुद्धिमान् छात्र है। महात्मा गौतम बुद्ध के विषय में अध्यापक द्वारा पूछने पर वह सन्तोषजनक उत्तर देता है। सच्ची मित्रता के विषय में दीपक के पिता से कहे गये उसके शब्द तथा होलिकोत्सव पर ईद तथा होली के महत्त्व पर उसके द्वारा डाला गया प्रकाश उसके बुद्धिमान् होने की पुष्टि करते हैं।

निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि आफताब सभी मानवीय गुणों से समन्वित, राष्ट्रीय एकता का पोषक, उदारवादी छात्र है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रोन्नति के लिए आफताब जैसे नवयुवकों की देश को महती आवश्यकता है।

दीपक [2008, 10, 11, 14, 15]

परिचय दीपक एक हिन्दू छात्र है। गुरु गोविन्द सिंह के गुणों से प्रभावित होते हुए भी उसमें जातिवाद की भावना विद्यमान है। उसकी प्रमुख चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

1. जातिवाद का पोषक – यद्यपि दीपक सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह से अत्यधिक प्रभावित है, तथापि उसके हृदय में गोविन्द सिंह के उपदेशों की मानवीय सेवा-भावना विद्यमान नहीं है। वह हिन्दू, मुसलमान को पृथक्-पृथक् रखकर देखता है। मध्यावकाश (UPBoardSolutions.com) में आफताब के साथ बैठकर भोजन न करके वह अपनी जातिगत भावना को सार्वजनिक कर देता है।

2. परिवर्तित विचारधारा वाला – दीपक प्रारम्भ में संकीर्ण जातिगत भावना का पोषक प्रतीत होता है, किन्तु आफताब द्वारा अपनी प्राणरक्षा किये जाने पर उसकी विचारधारा परिवर्तित हो जाती है और वह जातिवाद की संकीर्ण भावना से ऊपर उठकर सभी धर्मों को एक समान मानने लगता है। कभी वह आफताब के साथ बैठकर भोजन नहीं करना चाहता था, किन्तु कालान्तर में वह उसका आलिंगन करता है, ईद के त्योहार पर उसके घर जाकर उसे ईद की बधाई देता है और होली के त्योहार पर आफताब को अपने घर बुलाकर उसका पर्याप्त आदर-सत्कार करता है।

3. शिष्टाचारी – यद्यपि दीपक में जाति-पाँति की हीन भावना विद्यमान है, किन्तु वह अशिष्ट नहीं है। वह किसी के साथ अशिष्टता का व्यवहार नहीं करता। घायलावस्था में भी उठकर वह आफताब का स्वागत करता है। आफताब के रक्तदान द्वारा स्वस्थ होने पर आफताब को साधुवाद देता हुआ वह उसे सच्चा मित्र मान लेता है। होली के अवसर पर अपने घर पर वह आफताब का जोरदार स्वागत करता है।

UP Board Solutions

4. बुद्धिमान् – दीपक बुद्धिमान् छात्र है। उसे सभी धर्मों का पर्याप्त ज्ञान प्राप्त है। कक्षा में अध्यापक जी द्वारा पूछने पर वह गुरु गोविन्द सिंह के आत्मोत्सर्ग पर प्रकाश डालता है तथा ईद के अवसर पर आफताब के यहाँ अपने मित्रों के मध्य वह ईद के महत्त्व को बताता हुआ भाईचारे का सन्देश देता है।

प्रस्तुत नाट्यांश में दीपक की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उसके माध्यम से यह दर्शाने का प्रयत्न किया गया है कि जातिवाद जैसी संकीर्ण मान्यताओं के द्वारा न तो व्यक्ति का कोई उपकार हो सकता है और न ही राष्ट्र का। हमें जातिगत भेदभाव भुलाकर प्रेम से रहना चाहिए, यह सन्देश (UPBoardSolutions.com) भी उसी के माध्यम से सभी लोगों तक पहुँचता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रामः कस्य पुत्रः आसीत्? (2015)
उत्तर :
रामः दशरथस्य पुत्रः आसीत्।

प्रश्न 2.
जनाः दशरथपुत्रं रामं कस्य प्रतीकं मन्यन्ते? (2015)
उत्तर :
जनाः दशरथपुत्रं रामं धर्मस्य मर्यादायाः त्यागस्य च प्रतीकं मन्यन्ते।

प्रश्न 3.
विजयादशमी महोत्सवः किं शिक्षयति?
उत्तर :
विजयादशमी महोत्सव: शिक्षयति यत् सदा धर्मस्य विजय: अधर्मस्य च पराजयः भवति।

UP Board Solutions

प्रश्न 4.
गुरुगोविन्दसिंहः किमर्थं पूज्यः? [2009, 11, 14]
उत्तर :
गुरुगोविन्दसिंह: जन्मभूमेः रक्षार्थं देशभक्तिभावनया आत्मोत्सर्गम् अकरोत्, अत: पूज्यः।

प्रश्न 5.
ईसामसीहः मानवान् किमुपादिशत्?
उत्तर :
ईसीमसीह: आर्तजनानाम् आर्तिहरणाय, (UPBoardSolutions.com) निर्धनजनानां कल्याणाय, रोग-पीडितानां च परित्राणाय उपादिशत्।

प्रश्न 6.
ईदमहोत्सवे जनाः परस्परं किं कुर्वन्ति? [2006]
उत्तर :
ईदमहोत्सवे जनाः द्वेषभावं विहाय परस्परम् आलिङ्गन्ति।

प्रश्न 7.
सन्मित्रलक्षणं किमस्ति? [2008,09, 10, 15]
उत्तर :
सन्मित्रम् आपद्गतं न जहाति तथा काले साहाय्यं करोति।

प्रश्न 8.
आफताबः दीपकस्य जीवनरक्षार्थं किमकरोत्?
उत्तर :
आफताबः दीपकस्य जीवनरक्षार्थं रक्तदानम् अकरोत्।

UP Board Solutions

प्रश्न 9.
स्वस्थे सति दीपकः आफताब किम अकथयत्? (2015)
उत्तर :
स्वस्थे सति दीपक: आफताबस्य आचरणं श्लाघयित्वा (UPBoardSolutions.com) साधुवादम् अकथयत्, स्वकीयं सन्मित्रं च अमन्यत्।

प्रश्न 10.
गुरुः गोविन्दसिंहः कः आसीत्
उत्तर :
गुरुः गोविन्दसिंह: सिखानां दशमो गुरुः आसीत्।

प्रश्न 11.
जसविन्दरः किं कथयित्वा रोदिति?
उत्तर :
“मम पाश्वें भोजनाय किञ्चिद् अपि न अस्ति। अहं निर्धनः क्षुत्प्रतीडितः अस्ति।” इति कथयित्वा रोदिति।

प्रश्न 12.
दीपकाय स्वरक्तं कः दत्तवान्?
उत्तर :
दीपकाय स्वरक्तम् आफताब: दत्तवान्।

प्रश्न 13.
कस्य गृहे ईदमहोत्सवः आसीत्?
उत्तर :
आफताबस्य गृहे ईदमहोत्सवः आसीत्।

UP Board Solutions

प्रश्न 14.
आफताबः होलिकायाः साधुवादं दातुं कस्य गृहं गच्छति?
उत्तर :
आफताब: होलिकायाः साधुवादं दातुं (UPBoardSolutions.com) दीपकस्य गृहं गच्छति।

प्रश्न 15.
ईश्वरः कुत्र तिष्ठति?
उत्तर :
ईश्वरः सर्वभूतानां हृदये तिष्ठति।

प्रश्न 16.
ईदमहोत्सवं जनेषु किं वर्धयति? [2014]
उत्तर :
ईदमहोत्सवं जनेषु भ्रातृभावं वर्धयति।

प्रश्न 17.
होलिकोत्सवः जनेषु किं किं जनयति? [2014]
उत्तर :
होलिकोत्सवः जनेषु प्रेमभावं सद्भावं च जनयति।

बहुविकल्पीय प्रश्न

अधोलिखित प्रश्नों में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर-रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। इनमें से एक विकल्प शुद्ध है। शुद्ध विकल्प का चयन कर अपनी उत्तर-पुस्तिका में लिखिए –
[संकेत – काले अक्षरों में छपे शब्द शुद्ध विकल्प हैं।]

UP Board Solutions

1. ‘वयं भारतीयः’ नामक पाठ की मूल भावना कौन-सी नहीं है?

(क) राष्ट्रीय एकता
(ख) सम्प्रदायवाद
(ग) धार्मिक एकता।
(घ) सर्वधर्म समन्वय

2. पंचशील सिद्धान्त का उपदेश किसने दिया?

(क) गौतम बुद्धने
(ख) श्रीराम ने
(ग) ईसा मसीह ने
(घ) गुरु गोविन्द सिंह ने

3. पंचशील सिद्धान्त में क्या सम्मिलित नहीं किया गया है?

(क) अपरिग्रह
(ख) ब्रह्मचर्य
(ग) अहिंसा
(घ) सर्वधर्म समभाव

4. “विरोधो विरोधं जनयति।”वाक्यस्य वक्ताः कः अस्ति?

(क) पीटरः
(ख) आफताबः
(ग) जसविन्दरः
(घ) दीपकः

5. देशभक्ति की भावना से किसने आत्मोत्सर्ग किया?

(क) मुहम्मद साहब ने
(ख) गुरु गोविन्दसिंह ने
(ग) बुद्ध ने
(घ) ईसा मसीह ने

UP Board Solutions

6. “अहं तव परीक्षाशुल्कं दास्यामि।” में ‘तव’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त है?

(क) पीटर’ के लिए।
(ख) “आफताब’ के लिए
(ग) ‘दीपक’ के लिए
(घ) ‘जसबिन्दर’ के लिए

7. “धैर्यं न त्याज्यं विधुरेऽपि काले।” वाक्यस्य वक्ता कः अस्ति?

(क) आफताबः
(ख) जसविन्दरः
(ग) पीटरः
(घ) अध्यापकः

8. “त्वं वस्तुतः मम सन्मित्रमसि।”कथन में ‘मम’ से संकेतित व्यक्ति कौन है?

(क) आफताब
(ख) दीपक
(ग) पीटर
(घ) जसविन्दर

9. “ईश्वर सभी प्राणियों के हृदय में रहता है।” यह उपदेश किस ग्रन्थ से उधृत है?

(क) ‘रामायण’ से
(ख) ऋग्वेद’ से
(ग) ‘गीता’ से
(घ) ‘महाभारत’

UP Board Solutions

10. सेईदमहोत्सवे जनाः …………….. ।”वाक्य में रिक्त-स्थान की पूर्ति होगी [2005,08,09]

(क) न्यूनं खादन्ति’ से
(ख) ‘शोभनभावनया परस्परमालिङ्गन्ति’ से
(ग) “कोलाहलं कुर्वन्ति’ से
(घ) मौनं भवन्ति’ से

11. “परीक्षाशुल्कप्रदानाय मम पाश्र्वे …………….. नास्ति।” वाक्य में रिक्त-स्थान की पूर्ति होगी –

(क) फलं’ से
(ख) ‘अनं’ से
(ग) “पुस्तकं’ से
(घ) “भोजनं’ से

12. ………………….. ब्राल्यादेवअतिचिन्तनशीलः, परमकारुणिकश्चासीद्?”कथन किससे सम्बन्धित है?

(क) महात्मा बुद्धः
(ख) महाराणा प्रतापः
(ग) गुरुगोविन्दसिंह:
(घ) ईसामसीहः

13. “सिखधर्मस्य दशमो गुरुः ………………. आसीत्।”वाक्य में रिक्त-स्थान की पूर्ति होगी

(क) “गुरुनानकः’ से
(ख) “गुरुरामदासः’ से
(ग) “गुरुतेगबहादुरः’ से
(घ) “गुरुगोविन्दसिंहः’ से

14. “किमिदम्। हन्त दीपकोपरि बम्बप्रक्षेपः।” वाक्यस्य वक्ता कः अस्ति?

(क) अध्यापकः
(ख) पीटरः
(ग) जसबिन्दरः
(घ) आफताबः

15. “आफताबः होलिकायाः साधुवादं दातुं : गृहं गच्छति।” में रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए उचित पद है –

(क) जसबिन्दरस्य
(ख) अध्यापकस्य
(ग) दीपकस्य
(घ) पीटरस्य।

UP Board Solutions

16. “संसारस्य सर्वेऽपि मानवाः समानाः।” वाक्यस्य वक्ताः कस्य पिता अस्ति –

(क) आफताबस्य
(ख) दीपकस्य
(ग) जसबिन्दरस्य
(घ) पीटरस्य

17. दीपकस्य जीवनरक्षा ……………… अकरोत्। [2009,10]

(क) जसविन्दरः
(ख) दीपकस्य पिता
(ग) आफताबः
(घ) रमेन्द्रः

Hope given UP Board Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 7 are helpful to complete your homework.
If you have any doubts, please comment below. UP Board Solutions try to provide online tutoring for you

error: Content is protected !!
Scroll to Top