UP Board Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद, the students can refer to these answers to prepare for the examinations. The solutions provided in the Free PDF download of UP Board Solutions for Class 10 are beneficial in enhancing conceptual knowledge.
UP Board Solutions for Class 10 Hindi हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
Sanskrit Anuvad Class 10 अनुवाद के लिए जानने योग्य बातें
हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते समय वाक्य में आये हुए शब्दों तथा धातुओं के रूपों का वचन, पुरुष, लिङ्ग, लकार तथा कारक के अनुसार प्रयोग करना चाहिए।
1. कर्ता, क्रिया और धातु
कर्ता—क्रिया के करने वाले को कर्ता कहते हैं; जैसे—राम: पठति। इस वाक्य में ‘राम:’ कर्ता है।
क्रिया-जिसमें किसी काम को करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-रामः, पठति। इस वाक्य में ‘पठति’ क्रिया है।
धातु–क्रिया के मूल रूप को धातु (UPBoardSolutions.com) कहते हैं; जैसे-‘पठति’ क्रिया का मूल रूप ‘पद् (धातु) है।
2. संस्कृत में तीन वचन होते हैं
(1) एकवचन-जिससे किसी एक (वस्तु अथवा व्यक्ति) का बोध होता है; जैसे-वह, राम, बालक, पुस्तक आदि।
(2) द्विवचन-जिससे दो (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का ज्ञान होता है; जैसे—वे दोनों, दो बालक, दो पुस्तकें आदि।
(3) बहुवचन-जिससे दो से अधिक (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का बोध होता है; जैसे-वे सब, लड़के, पुस्तकें आदि।
3. संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं
(1) प्रथम पुरुष–जिसके सम्बन्ध में बात की जाती है; जैसे—वह (सः), वे दोनों (तौ), वे सब (ते)।
(2) मध्यम पुरुष–जिससे बात की जाती है; जैसे-तुम (त्वम्), तुम दोनों (युवाम्), तुम सब (यूयम्)।
(3) उत्तम पुरुष-स्वयं बात करने वाला; जैसे—मैं (अहम्), हम दोनों (आवाम्), हम सब (वयम्)।
त्वम्, युवाम्, यूयम्, अहम्, आवाम्, वयम्-इन छ: कर्ताओं को छोड़कर अन्य सभी कर्ता प्रथम पुरुष में आते हैं।
4. संस्कृत में लिङ्ग तीन प्रकार के होते हैं
(1) पुंल्लिङ्ग–जिससे पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे—स:, रामः, रविः, भानुः आदि।
(2) स्त्रीलिङ्ग–जिससे स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे—सा, रमा, मति, धेनु, नदी आदि।
(3) नपुंसकलिङ्ग–जिससे न पुरुष जाति का और (UPBoardSolutions.com) न स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे-फल, मधु, वारि, जगत्, मनस् आदि।
5. संस्कृत में मुख्य लकार पाँच होते हैं
(1) लट् लकार (वर्तमानकाल)।
(2) लङ् लकार (भूतकाल)।
(3) लृट् लकार ( भविष्यत्काल)।
(4) लोट् लकार (आज्ञार्थ)।
(5) विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ, चाहिए अर्थ में)।
6. संस्कृत में कारक छः होते हैं और विभक्तियाँ सात
Hindi To Sanskrit Anuvad Class 10 अनुवाद के सामान्य नियम
हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद करते समय सर्वप्रथम कर्ता पर ध्यान देना चाहिए कि कर्ता किस वचन तथा किस पुरुष में है। संस्कृत में तीन पुरुष और तीन वचन होते हैं। मध्यम पुरुष और उत्तम पुरुष के कर्ता निश्चित होते हैं, अर्थात् ये कभी नहीं बदलते। शेष समस्त कर्ता प्रथम पुरुष के अन्तर्गत आते हैं। निम्नलिखित तालिका को ध्यानपूर्वक पढ़ें—
कर्ता जिस पुरुष का होगा, क्रिया भी उसी पुरुष की होगी। कर्ता जिस वचन का होगा, क्रिया भी उसी वचन की होगी। संस्कृत में प्रायः पाँच लकारों का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक लकार की क्रिया के पुरुष और वचन के अनुसार 9 रूप होते हैं, (UPBoardSolutions.com) जिनका प्रयोग कर्ता की स्थिति के अनुसार करते हैं-
Sanskrit Anuvad Ke Niyam पठ् धातु (लट् लकार, वर्तमानकाल)
उदाहरण (निम्नलिखित वाक्यों में तीनों वचनों के कर्ता को लिया गया है)—
- राम पढ़ता है। रामः पठति।
- वे दोनों जाते हैं। तौ गच्छतः।।
- वे सब बोलते हैं। ते वदन्ति।
- तुम लिखते हो। त्वं लिखसि।
- तुम दोनों देखते हो। युवां पश्यथः।
- तुम सब पकाते हो। यूयं पचथ।
- मैं जाता हूँ। (2012) अहं गच्छामि।
- हम दोनों खेलते हैं। आवां क्रीडावः।
- हम सब पीते हैं। वयं पिबाम:।
तुम खाते हो। त्वं खादसि।
Anuvad In Sanskrit Class 10 अभ्यास 1
संस्कृत में अनुवाद कीजिए-
- सीता बोलती है।
- वे दोनों खेलते हैं।
- वन्दना पढ़ती है।
- हरि पूछता है।
- वे सब जाते। हैं।
- तुम पढ़ते हो।
- वह गिरता है।
- राम खाता है।
- रमा लिखती है।
- तुम दोनों लिखते हो।
Class 10 Sanskrit Anuvad गम् धातु (लङ् लकार, भूतकाल)
उदाहरण—
- वे सब पढ़े। ते अपठन्।
- उसने लिखा। सः अलिखत्।
- मैं हँसा। अहम् अहसम्।। |
- तुम गिरे। त्वम् अपतः।
- तुम दोनों ने पूछा। युवाम् अपृच्छतम्।
- हम सबने देखा। वयम् अपश्याम।
संस्कृत अनुवाद के नियम अभ्यास 2
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- तुमने लिखा।
- दो लड़कों ने पढ़ा।
- छात्र खेलते थे।
- हम दोनों गिरे।
- तुम गये।
- वह हँसा।
- तुम सब आये।
- लड़के गये।
- दो लड़कियाँ हँसीं।
- उसने देखा।
Sanskrit Anuvad हस् धातु (नृट् लकार, भविष्यत्काल)
Sanskrit Mein Anuvad Karen अभ्यास 3
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- वे दोनों लिखेंगे।
- तुम खेलोगे।
- मैं आऊँगा।
- वे सब देखेंगे।
- राम हँसेगा।
- हम सब जाएँगे।
- आप पढ़ेगी।
- तुम दोनों लिखोगे।
- बालक पकाएँगे।
- तुम देखोगे।।
दृश् धातु (लोट् लकार, आज्ञार्थ)
उदाहरण-
अभ्यास 4
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- रमेश जाए।
- वे दोनों हँसे।
- सब बालक देखें।
- मैं देखें।
- हम दोनों पकाएँ।
- तुम खेलो।
- वे सब कहें।
- सीता पकाए।
- हम सब लिखें।
- छात्र पुस्तक पढ़े।
कृ धातु (विधिलिङ् लकार, ‘चाहिए’ अर्थ में)
उदाहरण–
अभ्यास 5
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- छात्र को पढ़ना चाहिए।
- लड़की को जाना चाहिए।
- शिष्यों को नमस्कार करना चाहिए।
- तुम्हें हँसना चाहिए।
- उसे याद करना चाहिए।
- तुम्हें खेलना चाहिए।
- हमें जाना चाहिए।
- लड़कों को जाना चाहिए।
- उसे रहना चाहिए।
- मुझे देखना चाहिए।
विभक्ति के अनुसार हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
प्रथमा विभक्ति (कर्ता कारक)
अभ्यास 6
संस्कृत में अनुवाद कीजिए|
- लड़की पढ़ती है।
- मोर नाचता है।
- सूर्य निकलता है।
- फूल खिलते हैं।
- लड़के दौड़ते हैं।
- बादल गरजते हैं।
- मोहन! तुम घर जाओ।
- हे राम! यहाँ रुको।
- वे दोनों हँसते हैं।
- वह, तुम दोनों और मैं जाते हैं।
द्वितीया विभक्ति (कर्म कारक)
अभ्यास 7
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- सीता सच बोलती है।
- मोहन फल खाता है।
- बालक पाठशाला जाते हैं।
- अध्यापक प्रश्न पूछता है।
- उसने चिट्ठी लिखी।
- राम को दूध पीना चाहिए।
- उनको काम करना चाहिए।
- बालक मोहन से सौ रुपये जीतता है।
- गुरु ने प्रश्न पूछा।
- तुम दोनों पुस्तक पढ़ो।
तृतीया विभक्ति (करण कारक)
अभ्यास 8
संस्कृत में अनुवाद कीजिए–
- हाथी सँड़ से पानी पीता है।
- हम सब आँखों से देखते हैं।
- शिष्य ने मस्तक से नमस्कार किया।
- लड़का गेंद से खेला।
- तुम कलम से लिखो।
- मैं मुख से बोलू।
- वे बाण से मृग को मारेंगे।
- लड़के कानों से सुनेंगे।
- माली फूलों से माला बनाएगा।
- सीता हाथों से काम करे।
चतुर्थी विभक्ति (सम्प्रदान कारक)
अभ्यास 9
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- राम कृष्ण को पुस्तक देता है।
- ध्यापक छात्रों को पारितोषिक देता है।
- विद्या विनय के लिए होती है।
- तुम मेरे लिए फल लाते हो।
- तुम मोहन को मिठाई दो।
- विद्या ज्ञान के लिए होती है।
- हम सब याचक को भोजन देते हैं।
- तुम सब भोजन के लिए आओ।
- शिव को नमस्कार।
- राम को नमस्कार।
पञ्चमी विभक्ति (अपादान कारक)
अभ्यास 10
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- मैं विद्यालय से आता हूँ।
- किसान खेत से आया।
- हम घर से आएँगे।
- मोर साँप से डरता है।
- रमेश मन्दिर से आया।
- उसे घर से विद्यालय जाना चाहिए।
- वे सब गाँव से गये।
- उन्हें नगर से गाँव को जाना चाहिए।
- तुम्हें घर से आना चाहिए।
- चूहा बिल से निकलता है।
षष्ठी विभक्ति (सम्बन्ध कारक)
अभ्यास 11
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- राम का भाई पढ़ता है।
- हाथी की सँड़ मोटी है।
- कमल का फूल लाल है।
- राम दशरथ के पुत्र थे।
- ये दो आम के वृक्ष हैं।
- यह सीता की पुस्तक है।
- मेरी माताजी आती हैं।
- वह रामायण की कथा कहता है।
- उसका घर कहाँ है ?
- तुम्हारा क्या नाम है ?
सप्तमी विभक्ति (अधिकरण कारक)
अभ्यास 12
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
- मैं विद्यालय में पढ़ता हूँ।
- मुनि प्रयाग में रहता है।
- किसान खेत में काम करते हैं।
- तुम कक्षा में पढ़ती हो।
- वह नगर में रहता है।
- भेरा घर नगर में है।
- उपवन में पेड़ हैं।
- लड़के मैदान में खेलते हैं।
- माता पुत्र पर स्नेह करती है।
- जल में मछली रहती है।
महत्त्वपूर्ण वाक्य और उनके संस्कृत अनुवाद
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